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चतुर्थ श्रेणी के कच्चे कर्मचारियों की भर्ती पर रोक, अब सिर्फ मिलेगी पक्की नौकरी

हरियाणा मे अब चतुर्थ श्रेणी के कच्‍चे कर्मचारियों की भर्ती नहीं हाेगी। इस पर रोक लगा दी गई है। अब स्‍थायी कर्मचारियों की ही भर्ती होगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 14 Jun 2019 10:15 AM (IST)Updated: Fri, 14 Jun 2019 10:15 AM (IST)
चतुर्थ श्रेणी के कच्चे कर्मचारियों की भर्ती पर रोक, अब सिर्फ मिलेगी पक्की नौकरी
चतुर्थ श्रेणी के कच्चे कर्मचारियों की भर्ती पर रोक, अब सिर्फ मिलेगी पक्की नौकरी

चंडीगढ़, [सुधीर तंवर]। हरियाणा में अब चतुर्थश्रेणी के पदों पर कच्‍चे यानि अस्‍थायी भर्ती नहीं होगी। सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता पर लोकसभा चुनावों में मिले फीडबैक से उत्साहित हरियाणा सरकार ने अब कच्ची नौकरियों की आड़ में पनप रहे भ्रष्टाचार पर नकेल कसने का फैसला किया है। सभी सरकारी महकमों, सरकारी कंपनियों और बोर्ड-निगमों में अनुबंध आधार पर चतुर्थ श्रेणी के कच्चे कर्मचारियों की भर्ती पर रोक लगा दी गई है। ग्रुप सी में अगर आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-2 के तहत कोई कर्मचारी रखा जाता है तो पहले मुख्य सचिव और वित्त विभाग से मंजूरी लेनी पड़ेगी। अगर कोई विभागाध्यक्ष पहले से काम कर रहे कच्चे कर्मचारियों का अनुबंध बढ़ाना चाहता है तो भी उसे सरकार से अनुमति लेनी होगी।

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ग्रुप सी में आउटसोर्सिंग पॉलिसी-2 के तहत भर्ती के लिए लेनी पड़ेगी सरकार की मंजूरी

प्रदेश में अनुबंध आधार पर भर्तियों में फर्जीवाड़े का 'खेल' पुराना है। अफसरों पर जहां नियमों को ताक पर रखकर मनमर्जी से चहेतों को कच्चे कर्मचारी लगाने के आरोप लगते रहे हैं, वहीं बड़ी संख्या में ठेकेदार फर्जी एजेंसियों के जरिये युवाओं का शोषण कर रहे हैं। एजेंसियों की मार्फत लगे कच्चे कर्मचारियों के खातों में न तो पीएफ (भविष्य निधि) डाली जा रही और न ही सरकार की ओर से दी जाने वाली अन्य सुविधाएं उन्हें दी जा रही हैं। यही वजह है कि कर्मचारी संगठन आउटसोर्सिंग आधार पर कच्ची नौकरियों की बजाय पक्की भर्तियां करने की मांग करते रहे हैं।

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मुख्य सचिव और वित्त विभाग की इजाजत बगैर किसी कच्चे कर्मचारी को नहीं मिलेगी एक्सटेंशन

कच्चे कर्मचारियों की भर्तियों में अनियमितताओं पर संज्ञान लेते हुए सरकार ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्ष, मंडलायुक्त, बोर्ड-निगमों और सरकारी कंपनियों के प्रबंध निदेशक व मुख्य प्रशासक, डीसी और एसडीएम तथा विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार को लिखित आदेश जारी किए हैं कि ग्रुप डी में आउटसोर्सिंग पॉलिसी-2 के तहत कोई भर्ती नहीं की जाए। अगर ग्रुप सी में अनुबंध आधारित कर्मचारी की जरूरत पड़ती है या एक साल का अनुबंध पूरा कर चुके कर्मचारी को सेवा विस्तार देना है तो मुख्य सचिव या वित्त विभाग से अनुमति ली जाए। सभी विभागों को निर्देशों का सख्ती से पालन करने की हिदायत दी गई है।

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चतुर्थ श्रेणी कच्चे कर्मचारियों की भर्ती पर रोक के लिए सरकार ने जनवरी में हुई 18 हजार से अधिक भर्तियों का हवाला दिया है। इसके अलावा सभी विभागों को जूनियर इंजीनियर, क्लर्क, गु्रप डी सहित अन्य पदों का ऑनलाइन मांगपत्र हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को भेजने की हिदायत दी गई है ताकि इन पदों पर स्थायी भर्तियां की जा सकें।

रिटायर्ड आइएएस, एचसीएस और जज करेंगे अफसरों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच

प्रथम और द्वितीय श्रेणी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए विजिलेंस विभाग ने सात रिटायर्ड आइएएस, एचसीएस और सेवानिवृत्त जजों का पैनल बनाया है। नए पैनल में शामिल रिटायर्ड आइएएस एके यादव व टीके शर्मा, सेवानिवृत्त एचसीएस राजकुमार गर्ग, पीके शर्मा, भाल सिंह बिश्नोई, डीपी सिंह व रिटायर्ड जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरसी बंसल को संबंधित महकमे भ्रष्टाचार के मामलों में जांच अधिकारी नियुक्त कर सकेंगे।

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