300 करोड़ के चावल घोटाले में राइस मिलर्स से रिकवरी, तीन की संपत्ति होगी अटैच
हरियाणा में 300 करोड़ रुपये के चावल घोटाला में मिलर्स पर गाज गिरनी शुरू हो गई है। मिलर्स से वसूली शुरू हो गई है। तीन की संपति अटैच की जाएगी।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में करीब 300 करोड़ रुपये के चावल घोटाले में 21 राइस मिलर्स पर एफआइआर दर्ज कराने के बाद अब सरकार ने डिफाल्टरों से वसूली का अभियान छेड़ दिया है। वर्षों पहले हुए इन घोटालों में कुरुक्षेत्र व करनाल के दो राइस मिलर्स से बकाया कस्टम मिल्ड राइस (सीएमआर) के करीब 11 करोड़ रुपये वसूले गए हैं। वहीं कुरुक्षेत्र के ही तीन राइस मिलर्स की करीब 25 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी अटैच करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
21 राइस मिलर्स पर एफआइआर के बाद दो मिलर्स से वसूले 11 करोड़
कुरुक्षेत्र के झांसा निवासी राइस मिलर्स जहारवीर राणा से वर्ष 2013-14 में हुए फर्जीवाड़े के लिए करीब डेढ़ करोड़ रुपये की वसूली हुई है। इसी तरह करनाल के निसिंग स्थितभगवती राइस मिलर्स से साढ़े नौ करोड़ रुपये की रिकवरी हुई है। कंपनी पर वर्ष 2015-16 की सीएमआर बकाया थी। जिन राइस मिलर्स ने वर्ष 2013-14, 2014-15 और 2015-16 के दौरान विभाग को चावल नहीं दिया, उनके खिलाफ भी मुकदमे दर्ज कराए गए हैं।
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पहले साल के लिए करनाल के 13 राइस मिलर्स और वर्ष 2015-16 के दौरान कुरुक्षेत्र के तीन डिफाल्टर राइस मिलर्स पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने वर्ष 2010 से 2015 तक जो धान राइस मिलर्स को दिया था उसमें से मिलर्स ने करीब 115 करोड़ रुपये का चावल नहीं लौटाया। इसी तरह करीब साढ़े चौबीस करोड़ रुपये का चावल कम दिया गया।
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डिफाल्टर राइस मिलर्स को रियायत नहीं : कांबोज
'' करीब 99 फीसद सीएमआर की वसूली हो चुकी है। कुछ राइस मिलर्स अपनी बकाया सीएमआर नहीं चुका रहे थे, जिनके खिलाफ मामले दर्ज कराए गए हैं। दो राइस मिलर्स से 11 करोड़ रुपये वसूले गए हैं और तीन की प्रॉपर्टी अटैच करने की तैयारी है। सभी मिलर्स को बकाया सीएमआर जमा कराने को कहा गया है। निर्धारित समय में भुगतान नहीं करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
- कर्ण देव कांबोज, खाद्य एवं आपूर्ति राज्य मंत्री।