ओपी चौटाला के छोटे भाई रणजीत चौटाला बाेले - फतेहाबाद रैली में लगा जनाधारविहीन नेताओं का जमावड़ा, नीतीश कुमार पर उठाया बड़ा सवाल
ओमप्रकाश चौटाला के छोटे भाई और हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने इनेलो की रविवार को हुई रैली को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि इस रैली में विभिन्न राज्यों जनाधारविहीन नेताओं का जमावड़ा लगा। नीतीश कुमार को लेकर उन्होंंने बड़ा सवाल उठाया।
चंडीगढ़, जेएनएन। इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला के छोटे भाई और हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने इनेलो की फतेहाबाद रैली व भाजपा के विरुद्ध तीसरा मोर्चा अथवा मुख्य गठबंधन बनाने का प्रयास कर रहे नेताओं पर सवाल उठाए हैं। रणजीत चौटाला ने कहा कि इनेलो की फतेहाबाद रैली में जितने भी नेता मंचासीन थे, उनका कोई जनाधार नहीं है। इनेलो की फतेहाबाद रैली में विभिन्न राज्यों के जनाधारविहीन नेताओं का जमावड़ा लगा। ये अपने-अपने राज्यों में हारे हुए नेता हैं, जिन्हें न तो जनता पसंद करती है और न ही उनमें कोई राजनीतिक बदलाव कर पाने का कौशल है।
कहा- फतेहाबाद रैली में लोग ताऊ देवीलाल काे श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे, न कि नेताओं को सुनने
रणजीत चौटाला हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार में बिजली व जेल मंत्री हैं। रणजीत चौटाला कांग्रेस के टिकट पर सांसद रह चुके हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट कट जाने के कारण रानियां से उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों के कोटे से रणजीत चौटाला को बिजली मंत्री बनाया गया।
रणजीत चौटाला का मानना है कि ताऊ देवीलाल एक बड़ी हस्ती रहे हैं। उनके नाम पर 15 से 20 हजार लोग कभी भी और कहीं भी इकट्ठा हो जाते हैं। इनेलो की फतेहाबाद रैली में जितने भी लोग आए, वह देवीलाल को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। इस रैली में शामिल नेताओं को यह गलतफहमी है कि लोग उन्हें देखने या सुनने पहुंचे हैं।
कहा- नीतीश का नहीं कोई भरोसा, न जाने फिर कब भाजपा की गोद में चले जाएं
रणजीत के अनुसार, फतेहाबाद रैली में ऐसे नेता मंच पर थे, जिनका कोई जनाधार नहीं है। उन्होंने कहा कि सीताराम येचुरी, सुखबीर बादल, शरद पवार और तेजस्वी यादव के कहने पर कोई वोट नहीं देता। अपनी-अपनी स्टेट में यह लोग खाली बैठे हुए थे। जनता उन्हें कई बार नकार चुकी है। उन्हें इनेलो की रैली में आने का काम मिल गया।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का कोई राजनीतिक भरोसा नहीं रहा। लालू यादव के सहयोग से नीतीश चुनाव जीते। फिर भाजपा की गोद में जाकर बैठ गए। अब फिर लालू की गोद में चले गए। मुख्य गठबंधन अथवा कथित तीसरा मोर्चा बनाने के बाद इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि नीतीश कुमार भाजपा के साथ नहीं जाएंगे। इसलिए उन पर कोई यकीन नहीं करता।
बोले- कांग्रेस नहीं कर सकती तीसरे मोर्चे के चले हुए नेताओं का नेतृत्व स्वीकार
बिजली मंत्री ने कहा कि हिसार जिले की आदमपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है। समूचे विपक्ष को अपने गठबंधन का उम्मीदवार उतारकर देख लेना चाहिए कि लोग उन पर कितना भरोसा करते हैं। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि कांग्रेस के 44 सांसद हैं। वह मुख्य गठबंधन का हिस्सा नहीं है।
उन्होंने कहा कि डीएमके पार्टी भी अलग है। बंगाल, ओड़िसा और तेलंगाना के नेता इस मोर्चे से अलग हैं। तीसरे मोर्चे के नेता दो कारों की सवारी करने वाले पांच-सात लोग हैं। चौटाला ने कहा कि कांग्रेस के पास राहुल गांधी है। कांग्रेस तीसरे मोर्चे के इन नेताओं का नेतृत्व क्यों स्वीकार करेगी और तीसरे मोर्चे के नेता राहुल गांधी को क्यों अपना नेता मानेंगे। इसलिए यह सिर्फ हवाई बाते हैं।
कहा- ताऊ देवीलाल के नाम के 20 प्रतिशत वोट, जो घूमते रहते हैं
रणजीत चौटाला के अनुसार हरियाणा में स्व. देवीलाल के करीब 20 प्रतिशत वोट हैं, जो कि घूमते रहते हैं। इन 20 प्रतिशत वोटों पर मेरे भाई ओमप्रकाश चौटाला, मेरा स्वयं का, अभय चौटाला, अजय चौटाला, दुष्यंत और दिग्विजय का दावा है। जब मेरे और ओमप्रकाश चौटाला के बीच मतभेद हुए थे, तब यह वोट बंट गए थे।
उन्होंने कहा कि फिर ओमप्रकाश चौटाला व अजय चौटाला में मतभेद हुए, तब वोट बंटे। अब अभय सिंह और दुष्यंत में मतभेद हैं, फिर वोट बंट रहे। इसलिए मतदाता स्वयं तय करता है कि उसे ताऊ देवीलाल की विरासत किसे देनी है। उन्होंने कहा कि इनेलो व जजपा कभी एक नहीं हो सकते। मैं इनेलो का भविष्य कतई सुखद नहीं मानता।