हरियाणा पुलिस को राहत, वीसी से पेश होगा राम रहीम
जागरण संवाददाता, पंचकूला : साध्वी यौन शोषण मामले में जेल में बंद गुरमीत राम रहीम को अब पंचकूला नहीं
जागरण संवाददाता, पंचकूला : साध्वी यौन शोषण मामले में जेल में बंद गुरमीत राम रहीम को अब पंचकूला नहीं आना पड़ेगा। राम रहीम को अब वीडियो कांफ्रें¨सग के जरिये विशेष सीबीआइ कोर्ट में 11 जनवरी को पेश किया जाएगा। पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में राम रहीम की निजी तौर पर पेशी से हरियाणा पुलिस के हाथ पांव फूलने लगे थे। पुलिस को डर सता रहा था कि यदि राम रहीम पंचकूला में आया, तो फिर दंगे हो सकते हैं। डिस्ट्रिक अटार्नी पंकज गर्ग ने विशेष जज जगदीप ¨सह की अदालत में याचिका लगाकर गुहार लगाई थी कि वीडियो कांफ्रें¨सग के जरिये ही पेशी करवाई जाए। यदि जेल से राम रहीम को पंचकूला में पेशी के लिए लाया जाता है, तो उसके अनुयायी फिर से इकट्ठा हो सकते हैं। याचिका पर कोर्ट की ओर से सीबीआइ को नोटिस जारी करके जवाब दायर करने के लिए कहा था। सीबीआइ के एडवोकेट एचपीएस वर्मा ने बताया कि हमने पुलिस की याचिका का विरोध नहीं किया है। हम नहीं चाहते हैं कि पिछली बार की तरह कोई दंगा या आगजनी हो। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विशेष जज जगदीप ¨सह ने आदेश सुनाया कि राम रहीम को वीसी के जरिये ही कोर्ट में पेश किया जाए। आरोप : रहीम ने दिए थे छत्रपति को मार देने के आदेश
आरोप है कि रामचंद्र छत्रपति की हत्या करने के लिए डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने कृष्ण लाल, कुलदीप और निर्मल ¨सह को आदेश दिए थे। गुरमीत राम रहीम 23 अक्तूबर 2002 को जालंधर के एक सत्संग से वापस सिरसा पहुंचा, तो उसे कृष्ण लाल ने अखबार दिखाया, जिसमें साध्वियों के यौन शोषण के बारे में खबर छपी थी। यह खबर पढ़ते ही गुरमीत राम रहीम तिलमिला उठा। उसने मेरे सामने कृष्ण लाल, कुलदीप और निर्मल को आदेश दिए कि रामचंद्र छत्रपति को मौत के घाट उतार दो। 24 अक्तूबर 2002 को रामचंद्र छत्रपति को उसके घर के बाहर गोलियों से भून दिया गया था। पिछली बार 36 लोगों की जान गई थी
गौरतलब है कि साध्वी यौन शोषण मामले में 17 अगस्त 2017 को अदालत ने फैसला सुरक्षित रखते हुए राम रहीम को पंचकूला स्थित सीबीआइ कोर्ट में पेश करने के लिए कहा था। जिसके बाद राम रहीम के अनुयायी पंचकूला में आना शुरू हो गए थे। इनमें कई उपद्रवी भी पंचकूला में घुस गए थे। जिनके पास हथियार, पेट्रोल बम, पत्थर और डंडे थे। लगभग एक लाख लोग पंचकूला के विभिन्न कोनों में जमा हो गए थे। 25 अगस्त 2017 को जब उसको दोषी करार दिया गया, तो इन उपद्रवियों ने जमकर तांडव मचाया था। इस तांडव में 36 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। साथ ही कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया था।