Rajya Sabha Elections: क्रास वोटिंग की संभावना से कांग्रेस चिंतित, हुड्डा की निगरानी में रहेंगेे पार्टी MLA
कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को दिल्ली बुला दिया है। विधायकों को पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा की निगरानी में गुप्त स्थान पर ले जाया जाएगा।
जेएनएन, नई दिल्ली। हरियाणा में राज्यसभा की तीनों सीटों के लिए चुनाव होना है। भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति ने तीनों प्रत्याशियों के नामों पर मोहर लगा दी है। पार्टी देर सायं तक नामों की घोषणा कर सकती है। भाजपा के तीनों सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कांग्रेस परेशान है। बताया जा रहा है कि पार्टी ने अपने सभी विधायकों को दिल्ली बुला दिया है। विधायकों को पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा की निगरानी में गुप्त स्थान पर ले जाया जाएगा।
भाजपा द्वारा राज्यसभा चुनाव में तीनों सीटों पर प्रत्याशी उतारने के फैसले के बाद कांग्रेस के रणनीतिकारों में भी हड़कंप मच गया है। दो दिन भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात भी की थी। सूत्र बताते हैं कि हुड्डा ने भाजपा की रणनीति के सामने पार्टी विधायकों को एकजुट रखने के लिए दीपेंद्र हुड्डा को उम्मीदवार बनाए जाने का प्रस्ताव भी रखा, मगर हाईकमान प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा को ही फिर से उम्मीदवार बनाने के पक्ष में है।
पूर्व सीएम हुड्डा हालांकि इस मुद्दे पर खुलकर कुछ भी नहीं कहा मगर पिछले एक सप्ताह के दौरान राज्य कांग्रेस के अधिकतर विधायकों ने उन्हें दीपेंद्र हुड्डा को ही राज्यसभा का उम्मीदवार बनवाने की सलाह दी है। वैसे अभी हुड्डा गुट को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद से काफी उम्मीद हैं।
उधर, भाजपा द्वारा तीनोंं सीटों पर प्रत्याशी उतारने के फैसले के बाद क्रास वोटिंग की संभावना बढ़ गई है। इसी कारण कांग्रेस कोई रिस्क मोल नहीं लेना चाहती। पार्टी ने विधायकों को एकजुट रखने की जिम्मेदारी भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सौंपी है। हरियाणा में विधायकों की संख्या 90 है। भाजपा के पास 40 और कांग्रेस के पास 31 विधायक हैैं। 10 जजपा और सात में से छह निर्दलीय विधायकों का समर्थन भाजपा के साथ है। निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू, एक इनेलो विधायक अभय चौटाला और एक हलोपा विधायक गोपाल कांडा के वोट पर सबकी निगाह रहेगी।
रामकुमार कश्यप के समय से पहले इस्तीफा देने तथा कु. सैलजा का कार्यकाल पूरा होने के कारण इन दोनों सीटों पर नियमित चुनाव होगा, जिनकी अवधि 10 अप्रैल 2020 से नौ अप्रैल 2026 तक रहेगी, जबकि बीरेंद्र सिंह के त्यागपत्र के कारण खाली हुई सीट का कार्यकाल एक अगस्त 2022 तक है। इसलिए इस सीट पर उपचुनाव कराया जाएगा। इन दोनों चुनाव के लिए अलग अलग नोटिफिकेशन जारी की गई है।
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