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हरियाणा के सिंचाई वाले नहरी पानी पर राजस्थान की नजर, तीन कांग्रेस विधायकों ने उठाए सवाल

हरियाणा के नहरी पानी पर राजस्थान की नजर है। तीन कांग्रेस विधायकों का कहना है कि यदि ओखला हेड से पानी का सही बंटवारा नहीं हुआ तो वे इस मुद्दे पर दिल्ली तक आवाज उठाएंगे।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 29 Aug 2020 02:10 PM (IST)Updated: Sat, 29 Aug 2020 02:10 PM (IST)
हरियाणा के सिंचाई वाले नहरी पानी पर राजस्थान की नजर, तीन कांग्रेस विधायकों ने उठाए सवाल
हरियाणा के सिंचाई वाले नहरी पानी पर राजस्थान की नजर, तीन कांग्रेस विधायकों ने उठाए सवाल

चंडीगढ़ [बिजेंद्र बंसल]। दक्षिण हरियाणा के चार जिलों में सिंचाई करने वाले नहरी पानी पर राजस्थान की नजर के चलते कांग्रेस ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। नूंह जिले के तीन कांग्रेस विधायकों का कहना है कि यदि ओखला हेड से पानी का सही बंटवारा नहीं हुआ तो वे इस मुद्दे पर दिल्ली तक आवाज उठाएंगे।

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कांग्रेस विधायक दल के उपनेता आफताब अहमद ने इस बाबत मानसून सत्र में सवाल भी उठाया। आफताब अपने सवाल पर सरकार द्वारा दिए जवाब से संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि ओखला हेड से जुलाई से अक्टूबर तक राजस्थान को गुरुग्राम नहर के माध्यम से हरियाणा से दोगुना पानी दिया जाना है, मगर केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारियों की दबाव में हरियाणा सरकार इससे भी ज्यादा पानी राजस्थान तक जाने दे रही है। इससे हरियाणा के चार जिला फरीदाबाद, गुरुग्राम, नूंह और पलवल में किसान प्रभावित हो रहे हैं।

कांग्रेस विधायकों के अनुसार रबी की फसल की बुआई के दौरान तो पानी की किल्लत किसानों को मुश्किल में डाल देगा, इसलिए सरकार को ओखला हेड से अपने हिस्से का पानी बढ़वाना चाहिए। बता दें, राजस्थान अपने हिस्से का पानी गुरुग्राम नहर और भरतपुर फीडर से लेता है।

नूंह के विधायक आफताब अहमद का कहना है कि हम पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि हरियाणा सिंचाई विभाग के अधिकारी केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारियों के दवाब में काम कर रहे हैं। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री चूंकि राजस्थान से संबंद्ध रखते हैं, इसलिए उनके मंत्रालय के अधिकारी हरियाणा के हिस्से के पानी को भी राजस्थान ले जा रहे हैं। इससे हरियाणा के चार जिलों में सिंचाई प्रभावित हो रही है। पहले खरीफ की फसल और अब रबी की फसल के लिए सिंचाई करना मुश्किल हो जाएगा। कांग्रेस के तीन विधायकों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के समक्ष भी यह मुद्दा उठाया है मगर अभी तक इसका हल नहीं निकला है। हम इस मुद्दे को दिल्ली तक उठाएंगे।

आगरा नहर से हरियाणा को मिलने वाला पानी का हिस्सा

जुलाई से अक्टूबर, 600 क्यूसेक प्रतिदिन

नवंबर से फरवरी, 600 क्यूसेक प्रतिदिन

मार्च से जून,700 क्यूसेक प्रतिदिन

ओखला हेड से राजस्थान का हिस्सा

जुलाई से अक्टूबर, 1281क्यूसेक प्रतिदिन

नवंबर से फरवरी, 238 क्यूसेक प्रतिदिन

मार्च से जून, 288 क्यूसेक प्रतिदिन

कोटला झील पर सरकार को घेरा

नूंह जिले से कांग्रेस विधायकों ने कोटला झील परियोजना का कार्य पूरा नहीं होने पर सरकार पर सवाल उठाए हैं। हालांकि सरकार ने इसका यह जवाब दिया है कि कोटला झील परियोजनाओं का कार्य सर्वोच्च न्यायालय में लंबित कोर्ट केस के कारण लटका हुआ है। कोटला झील नूंह जिला के गांव आकेड़ा में बनी हुई है। इसमें जल संरक्षित कर आसपास के 15 गांवों में सिंचाई के लिए देना है। 


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