जातिगत आधार पर इंटरव्यू प्रक्रिया बंद करने की मांग
ऑल इंडिया आंबेडकर महासभा हरियाणा वाल्मीकि महासभा डॉ. आंबेडकर वाल्मीकि अधिकार मंच संत कबीर महासभा ने हरियाणा लोकसेवा आयोग की चयन प्रक्रिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं और चयन प्रक्रिया के लिए होने वाले इंटरव्यू में जातिगत तौर पर बुलाए जाने का विरोध किया है।
जागरण संवाददाता, पंचकूला : ऑल इंडिया आंबेडकर महासभा, हरियाणा वाल्मीकि महासभा, डॉ. आंबेडकर वाल्मीकि अधिकार मंच, संत कबीर महासभा ने हरियाणा लोकसेवा आयोग की चयन प्रक्रिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं और चयन प्रक्रिया के लिए होने वाले इंटरव्यू में जातिगत तौर पर बुलाए जाने का विरोध किया है। ऑल इंडिया आंबेडकर महासभा के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश बहादुर ने पंचकूला में प्रेस कांफ्रेंस की और कहा कि 17 सितंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक आदेश पारित किया गया था, जिसकी हरियाणा लोकसेवा आयोग पूरी तरह धज्जियां उड़ाई जा रही है। एचसीएस की परीक्षा में पहले सामान्य और बाद में अनुसूचित जाती के उम्मीदवार का लिया साक्षात्कार
उन्होंने बताया कि प्रदीप सिंह बनाम हिमाचल प्रदेश सरकार मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्पष्ट तौर पर निर्देश दिए गए हैं कि अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों का साक्षात्कार अलग से नहीं होगा, बल्कि सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के साथ इकट्ठे लिया जाए। बावजूद आयोग ने हाल ही में एचसीएस की परीक्षा के बाद जो शेड्यूल जारी किया, उसमें उन्होंने पहले सामान्य श्रेणी के बाद अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के साक्षात्कार लिए। ऐसा कर हरियाणा लोकसेवा आयोग ने उच्चतम न्यायालय के आदेशों की अवहेलना की है।
राकेश बहादुर ने कहा कि आरक्षित वर्ग के योग्य उम्मीदवारों को कम अंक देकर उन्हें सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों से नीचे के क्रम में रखा जाता है। इस अवसर पर वाल्मीकि महासभा के प्रधान महासचिव राजेंद्र शर्मा ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के फैसले की कॉपी मुख्य सचिव हरियाणा हरियाणा लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष को भेजी गई थी, लेकिन उन्होंने इस मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया। इस अवसर पर दिनेश वाल्मीकि ने भी लोक सेवा आयोग की चयन प्रक्रिया पर आपत्ति जताई। प्रमोद डाबला ने कहा कि लोक सेवा आयोग को अपनी चयन प्रक्रिया में सुधार लाने की आवश्यकता है।