बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी, मंडियों में उठान व्यवस्था ढ़ीला हाेने से भीग रहा गेहूं
हरियाणा में बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है और इससे वे परेशान हैं। मंडियों में गेहूं की समुचित उठान व्यवस्था न होने की वजह गेहूं भीग रहा है।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में मौसम के अचानक बदले मिजाज ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। मंडियों में बिकने के लिए आया हजारों क्विंटल गेहूं बारिश की भेंट चढ़ गया। पिछले दो दिनों से बादल छाए हुए थे। तेज हवाओं के साथ बूंदाबांदी का सिलसिला चल रहा था। एकाएक बारिश हो गई। बारिश से खुले में पड़ा गेहूं भीग गया। किसान जिस गेहूं को बेच चुके, उसका भी उठान नहीं हुआ और वह भी पानी से भीग गया। गेहूं उठान में देरी के कारण किसान, आढ़ती, खरीद एजेंसियां और अधिकारी परेशान हैं।
अचानक मौसम बदला बारिश से मंडियों में पड़ा गेहूं भीगा, तिरपाल व बारदाने की कमी से समस्या बढ़ी
हरियाणा में रविवार को 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से कैथल, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, अंबाला, पंचकूला, पानीपत, जींद, रोहतक, सोनीपत, झज्जर, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, चरखी-दादरी के साथ एनसीआर से सटे गुरुग्राम व फरीदाबाद में बारिश हुई। इससे मंडियों में रखे गेहूं भीग गया। सोमवार को भी मंडियों में गेहूं को सुखाने और बर्बाद होने से किसान जुटे रहे।
खरीद केंद्रों पर शेड व तिरपाल नहीं होने से समस्या अधिक बढ़ गई है। ज्यादातर खरीद केंद्रों पर अभी पूरी मात्रा में बारदाना भी नहीं पहुंच पाया है, इससे तौला जा चुका गेहूं भी बारिश की भेंट चढ़ गया। उठान धीमा होना भी परेशानी का सबब बना हुआ है। उठान धीमा होने का सबसे बड़ा कारण लेबर की कमी भी है।
हरियाणा में इस बार दो हजार खरीद केंद्र बनाए हुए हैं। जिन किसानों ने गेहूं काटकर रखा हुआ है और वह अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं, इस बारिश से उनकी चिंता भी बढ़ा दी है। अभी तक 20 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेहूं की खरीददारी की जा चुकी है। हर रोज औसतन 40 हजार किसानों की तीन लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेहूं की खरीददारी की जा रही है। अभी तक 20 फीसद गेहूं की खरीद की जा चुकी है, लेकिन उठान मुश्किल से पांच फीसद गेहूं का ही हो पाया है। आगे भी मौसम ठीक नहीं रहने का अनुमान है।
रणदीप सुरजेवाला ने उठाए मंडियों में इंतजामों पर सवाल
अखिल भारतीय कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता एवं पूर्व मंत्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि किसान-आढ़ती-मजदूर की आए दिन हो रही दुर्गति तथा बदइंतजामी से सरकार कोई सबक नहीं ले रही है। करनाल, निसिंग, जुंडला, निगदू, घरौंडा, असंध, नीलोखेड़ी, कैथल, गुहला चीका, पुूंडरी, पाई, ढांड, इस्माईलाबाद, शाहबाद, पेहवा, झांसा, बिलासपुर, जगाधरी, यमुनानगर और रोहतक में बारिश से लाखों क्विंटल गेहूं भीग गया।
उन्होंने कहा कि वेब पोर्टल भी सुचारु नहीं चल रहा है। किसान को डायरेक्ट पेमेंट की शर्तों को लेकर भी आढ़तियों और सरकार में सहमति नहीं बन पाई है। ऊपर से 12 फीसद से अधिक नमी होने पर किसान की फसल को खरीदने से इन्कार किया जा रहा है। उन्होंने मांग की है कि 12 फीसद के बजाय 18 फीसद तक नमी वाले गेंहू को खरीदा जाना चाहिए। सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 24 घंटे में उठान का वादा किया था, परंतु 4-5 दिन से गेहूं मंडियों में पड़ा है। सरकार द्वारा बोली करवाकर गेहूं नहीं खरीदा जा रहा है।
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