एसवाईएल नहर मुद्दे पर ढीला पड़ा पंजाब, कल वार्ता की टेबल पर आएंगे मनोहरलाल व अमरिंदर
अब तक एसवाईएल मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाता रहा पंजाब नरम पड़ा है। इस मुद्दे पर अब हरियाणा के सीएम मनोहरलाल और पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच मंगलवार को वार्ता करेंगे।
चंडीगढ़, जेएनएन। सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर पर सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख के बाद पंजाब के तेवर कुछ नरम पड़े हैं। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की मौजूदगी में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल व पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर मंगलवार को एसवाईएल पर वार्ता करेंगे।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री की मौजूदगी में अपना पक्ष रखेंगे हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्री
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद पंजाब पहली बार इस मुद्दे पर हरियाणा के साथ वार्ता के लिए तैयार हुआ है। हालांकि मुख्य सचिव स्तर की वार्ता पहले भी हो चुकी है, लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला। लंबी सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दस नवंबर 2016 को हरियाणा के हक में फैसला सुनाते हुए पंजाब को निर्देश दिया था कि वह हरियाणा को उसके हिस्से का पानी दे।
विवाद सुलझाने के लिए दोनों राज्यों के मुख्य सचिव समेत कई अधिकारी रहेंगे मौजूद
पंजाब सरकार ने अभी तक इन आदेशों को लागू नहीं किया है। हरियाणा द्वारा फैसला लागू करवाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में डाली गई याचिका पर कई बार सुनवाई हो चुकी है। इसके बावजूद पंजाब का रूख नरम नहीं पड़ा।
बीती 28 जुलाई को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्यों को निर्देश दिए थे कि उन्हेंं अंतिम अवसर दिया जाता है कि वे आपस में बैठक कर बताएं कि इस समस्या का समाधान कैसे निकाला जाएगा। दोनों राज्यों को अगस्त के तीसरे सप्ताह तक जवाब दाखिल करने को कहा गया है। दोनों राज्यों द्वारा जवाब दाखिल किए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा अगली कार्रवाई की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान यह भी कहा था कि हरियाणा व पंजाब अगर साझा बैठक नहीं करते हैं तो सुप्रीम कोर्ट अपने स्तर पर इस बैठक का आयोजन कर दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को एक साथ ला सकता है। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से अंतिम अवसर दिए जाने के बाद दोनों राज्य साझा वार्ता के लिए तैयार हो गए हैं।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की मौजूदगी में मंगलवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह व मनोहर लाल एसवाईएल के मुद्दे पर बातचीत करेंगे। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये होने वाली इस बातचीत के दौरान दोनों राज्यों के मुख्य सचिव तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। केंद्र सरकार द्वारा इस बातचीत की एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करके सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की जाएगी।
हरियाणा और पंजाब राज्यों का यह है स्टैंड
हरियाणा चाहता है कि उसे सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक अपने हिस्से का पानी मिले तथा नहर का निर्माण हो, जबकि पंजाब का कहना है कि उसके पास हरियाणा को देने के लिए पानी नहीं है और सरकार पहले ही एसवाईएल के लिए अधिग्रहीत जमीन डी-नोटिफाई कर किसानों को वापस कर चुकी है।
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