Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'हम दखल नहीं कर सकते क्योंकि...', पहलगाम में मारे गए 26 पर्यटकों को बलिदानी घोषित करने की मांग पर HC ने क्या कहा?

    Updated: Tue, 20 May 2025 02:01 PM (IST)

    पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Attack) के पीड़ितों को बलिदानी का दर्जा देने की याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि यह मामला ...और पढ़ें

    Hero Image
    पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों को बलिदानी दर्जा देने की मांग वाली याचिका हाईकोर्ट से खारिज।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार को उस जनहित याचिका पर कोई निर्देश जारी करने से इनकार कर दिया, जिसमें हाल ही में पहलगाम (Pahalgam Attack) में हुए आतंकी हमले के पीड़ितों को 'बलिदानी' का दर्जा देने की मांग की गई थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह याचिका एक वकील द्वारा दायर की गई थी, जिसमें हमले की जगह को 'शहीद हिंदू वैली टूरिस्ट प्लेस' घोषित करने की मांग भी की गई थी।

    हाईकोर्ट ने क्या कहा?

    चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस सुमित गोयल की पीठ ने स्पष्ट किया कि यह मामला सरकार की नीतिगत परिधि में आता है और न्यायालय इस क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं कर सकता। पीठ ने कहा, न्यायालय नीति निर्माण के क्षेत्र में प्रवेश करने से परहेज करता है, जो विशेष रूप से कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र में आता है।

    हालांकि, कोर्ट ने यह छूट दी कि याचिकाकर्ता यदि चाहे तो सरकार को इस संबंध में एक प्रतिवेदन सौंप सकता है, जिसे कानून के अनुसार विचार किया जाएगा। इसके साथ ही अदालत ने याचिका को निपटा दिया।

    यह भी पढ़ें- हिसार में चिप्स मांगने पर हुआ विवाद, होटल कर्मचारी ने युवक की कर दी हत्या; पांच के खिलाफ केस दर्ज

    उल्लेखनीय है कि छह मई को हुई सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने मामले की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की कि 'क्या उन्हें बलिदानी घोषित करना संविधान के अनुच्छेद 226 के अंतर्गत आता है? इसका कोई एक उदाहरण बताएं। यह प्रशासनिक विषय है, नीति का मामला है, और इसे कार्यपालिका पर छोड़ देना चाहिए। क्या हम इसे कर सकते हैं?

    वकील आयुष आहूजा ने दायर की थी याचिका

    यह जनहित याचिका हाईकोर्ट के वकील आयुष आहूजा ने दायर की थी। याचिकाकर्ता आहूजा ने तर्क दिया कि जिन निर्दोष पर्यटकों की हत्या की गई, उन्हें आतंकियों ने धार्मिक आधार पर निशाना बनाया। उन्हें सिर पर गोली मारी गई, उन्होंने सैनिक की तरह सामना किया, ऐसा कहते हुए उन्होंने अदालत से अपील की कि उन्हें बलिदानी का दर्जा दिया जाना चाहिए।

    वहीं, केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सत्य पाल जैन ने याचिका का विरोध किया और कहा था कि याचिकाकर्ता को यह जानकारी नहीं है कि भारत सरकार क्या-क्या कदम उठा रही है। उन्होंने कहा, गृह मंत्री उसी शाम श्रीनगर पहुंच गए थे। हम एक संभावित युद्ध की स्थिति में हैं। इस समय ऐसे मुद्दों को उठाना उचित नहीं है। हम वर्तमान में अन्य प्राथमिकताओं पर काम कर रहे हैं।

    आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की हुई थी मौत

    चीफ जस्टिस शील नागू ने कहा कि यहां तक कि अगर कोई सैनिक बलिदान होता है, तो भी उसे पुरस्कार देने में समय लगता है कम से कम एक साल। इसलिए याची को अभी इस मामले में इंतजार करना चाहिए।

    पिछले महीने पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कुल 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी, जब आतंकियों ने खूबसूरत घाटी में अंधाधुंध गोलीबारी की थी। इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात बन गए थे। भारत ने इस हमले का बदला लेने के लिए ‘आपरेशन सिंदूर’ शुरू किया है।

    यह भी पढ़ें- Operation Sindoor: सीमा से दुश्मन को स्पष्ट संदेश, पहले से होंगे अधिक मारक प्रहार; सेना ने दिखाई अपनी ताकत