Move to Jagran APP

आखिरकार पंजाब सरकार ने माना, चंडीगढ़ पर उसका हक नहीं, हाई कोर्ट में कही ऐसी बात

पंजाब सरकार ने हाई कोर्ट में माना है कि चंडीगढ़ पर उसका हक नहीं है। इससे पहले हरियाणा भी ऐसी ही बात कह चुका है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 31 Oct 2019 10:58 AM (IST)Updated: Thu, 31 Oct 2019 10:58 AM (IST)
आखिरकार पंजाब सरकार ने माना, चंडीगढ़ पर उसका हक नहीं, हाई कोर्ट में कही ऐसी बात
आखिरकार पंजाब सरकार ने माना, चंडीगढ़ पर उसका हक नहीं, हाई कोर्ट में कही ऐसी बात

चंडीगढ़, [दयानंद शर्मा]। आखिरकार पंजाब सरकार ने भी माना है कि चंडीगढ़ पर उसका हक नहीं है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में कहा गया कि चंडीगढ़ ना हरियाणा का है और ना ही पंजाब का। हरियाणा के बाद पंजाब सरकार ने भी चंडीगढ़ पर अपना हक छोड़ दिया। बुधवार को हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने हाई कोर्ट में हल्फनामा दाखिल करते हुए कहा है कि चंडीगढ़ 1966 से पहले पंजाब का भाग था, लेकिन अब नहीं है।

prime article banner

पंजाब सरकार ने कहा, 1966 से पहले चंडीगढ़ पंजाब का भाग था, लेकिन अब नहीं

बता दें कि इससे पहले हरियाणा सरकार भी हाई कोर्ट में कह चुकी है कि चंडीगढ केवल हरियाणा की राजधानी है, उसका हिस्सा नही। पंजाब ने एफीडेविट के ज़रिए स्पष्ट किया है कि चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश है और पंजाब की राजधानी है। चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा दोनों की राजधानी है इसको लेकर 9 जून 1966 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में लिए फैसले से जुड़े दस्तावेज कोर्ट में पेश किए गए है। पंजाब सरकार ने ये भी बताया है कि चंडीगढ़ का ज्यूडिशियल सर्विसेस को लेकर अपना अलग कैडर नहीं है।

हरियाणा सरकार पहले ही कह चुकी कि  चंडीगढ केवल हरियाणा की राजधानी है, उसका हिस्सा नहीं

दरअसल चंडीगढ़ निवासी फूल सिंह अनुसूचित जाति से हैं, जिन्होंने डिस्ट्रिक्ट जज के लिए आवेदन किया था। दोनों राज्यों में ही वह मेरिट में आते रहे, लेकिन दोनों की सरकारें कहती रहीं कि चंडीगढ़ उनके राज्य का हिस्सा नहीं है। इस पर याची ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला दिया, जिसमें चंडीगढ़ से 12वीं करने वाले को पंजाब में योग्य नहीं माना गया था।  इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है और पंजाब का हिस्सा है, इसलिए वो पंजाब मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए योग्य माना जाएगा। इस आदेश को आधार बनाकर ही याचिका दायर की गई।

याचिका में कहा गया कि चंडीगढ़ में पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों का कोटा तय है कि किस अनुपात में किस राज्य के अधिकारियों की चंडीगढ़ में तैनाती होगी। जिस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा दोनों को जवाब देने को कहा था कि कोई नोटिफिकेशन या कागजात दिखाएं जिससे ये साफ हो सके कि चंडीगढ़ हरियाणा या पंजाब की राजधानी बना हो।

इसके बाद केंद्र की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन ने कहा था कि 1966 में विभाजन के बाद से चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश है। चंडीगढ़ के सीनियर स्टेडिंग काउंसिल पंकज जैन ने कहा था 1966 से चंडीगढ  पंजाब और हरियाणा की राजधानी है। यहां पंजाब और हरियाणा के ज्युडिशियल अधिकारी यहां पर तैनात होते हैं।

यह भी पढ़ें: अजीब शादी, बिना दूल्‍हा हुई दुल्‍हन की विदाई, जानें क्‍यों और कैसे हुआ यह अनोखा विवाह

हरियाणा के एजी बलदेव महाजन ने कोर्ट में कहा था कि चंडीगढ हरियाणा की राजधानी है, लेकिन राज्य का हिस्सा नहीं है। इस तरह दोनों राज्यों ने ये साफ कर दिया था कि चंडीगढ़ के अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले किसी नागरिक को आरक्षण के तहत अपने राज्यों में नौकरी नहीं दे सकते, अगर वो चाहे तो जनरल कैटेगरी में अप्लाई कर सकते हैं।

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


यह भी पढ़ें: नवजोत सिद्धू को फिर मिला पाकिस्‍तान से न्‍यौता, शांत बैठे गुरु को इमरान ने भेजा यह संदेश


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.