ओमप्रकाश चौटाला को सजा का हरियाणा की सियासत पर पड़ेगा बड़ा असर, 10 बिंंदुओं पर समझें
Omprakash Chautala हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री व इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला को आय से अधिक संपत्ति के मामले में आज सजा सुनाई गई। चौटाला के दोबारा जेल की सजा होने पर हरियाणा की राजनीति व इनेलाे पर बड़ा असर पड़ेगा। इसे 10 बिंदुओं में जानिये।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला को आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी ठहरा जाने के बाद चार साल कैद की सजा सुनाई गई। 87 वर्षीय चौटाला को सजा को लेकर हरियाणा की सियासत में हलचल तेज हाे गई है। इससे हरियाणा की राजनीति पर असर पड़ेगा। इससे विपक्ष को एकजुट करने की चौटाला की कोशिश को भी झटका लगा ।
बता दें कि ओम प्रकाश चौटाला को सजा दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने सुनाया है। जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में सजा काटने के बाद यह दूसरा मामला है जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री व इनेलो प्रमुख चौटाला को सजा सुनाई गई है।
सीबीआइ ने आय से अधिक संपत्ति मामले में ओमप्रकाश चौटाला के खिलाफ 2010 में आरोप पत्र दाखिल किया था। चौटाला को यदि जेल की सजा सुनाए जाने से हरियाणा की राजनीति में इंडियन नेशनल लोकदल को फिर से खड़ा करने की कोशिशों को बड़ा झटका लगेगा। ओमप्रकाश चौटाला जेबीटी भर्ती मामले में सजा पूरा होने के बाद इनेलो में जान फूंकने और कार्यकर्ताओंं में उत्साह जगाने की कोशिश में लगे थे।
इनेलाे की ओर से चौटाला के राज्यभर के दौरे की योजना भी तैयार की गई थी, लेकिन चौटाला को दोबारा जेल जाने के बाद यह सारी गतिविधियां रुक जाएंगी। अभय चौटाला हरियाणा विधानसभा में इनेलो के एकमात्र विधायक हैं। इनेलो को फिर से पुराने स्वरूप में लाने के लिए ओमप्रकाश चौटाला पार्टी से गए पुराने नेताओं को वापस लाने की मुहिम में जुटे थे।
इसके साथ ही चौटाला हरियाणा के साथ-साथ देश में भाजपा के खिलाफ विपक्ष का एक मोर्चा तैयार करने के लिए भी सक्रिय थे। इसके लिए उन्होंने विभिन्न दलों के नेताओं से भी बात की थी। हालांकि इसमें ज्यादा कोई बात नहीं बनी थी। अब वह हरियाणा में विपक्षी दलों को एकजुट करने की मंशा से भी सक्रिय थे। उनकी निगाह पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह पर भी रही है। यही कारण रहा है कि बीरेंद्र सिंह इनेलाे की रैली में गए तो बीरेंद्र सिंह के राजनीति में 50 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में अभय चौटाला पहुंचे।
10 बिंदुओं में जानिए हरियाणा की राजनीति पर असर
- - ओमप्रकाश चौटाला को जेल होने से इंडियन नेशनल लोकदल को फिर से खड़ा करने की कोशिशों को झटका लगा है । ओमप्रकाश चौटाला का अंदाज और इनेलो कैडर से जुड़ाव से पार्टी दोबारा सक्रिय हो रही थी।
- - इनेलो के विभाजन और दुष्यंत चौटाला व अजय चौटाला के जननायक जनता पार्टी बनाने के बाद पार्टी का कैडर भी बंट गया था। पार्टी के कई पुराने व चौटाला के विश्वस्त नेताओं ने भी इनेलो से नाता तोड़ लिया था। चौटाला अब उनको पार्टी में लाने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन अब इसमें ब्रेक लगने की संभावना है।
- - ओमप्रकाश चौटाला राज्यभर में दौरे कर इनेलो में नई जान फूंकने की योजना बना रहे थे, लेकिन अब इस पर भी ब्रेक लगेगी।
- - चौटाला के जेबीटी भर्ती मामले में सजा पूरी कर लौटने के बाद इनेलो कार्यकर्ताओं में नया उत्साह आया था। अब उनके फिर जेल जाने से इनेलो वर्करों में निराशा छाएगी और इससे पार्टी को नुकसान होने की आशंका है।
- - ओमप्रकाश चाैटाला देश में विपक्षी एकता व भाजपा के खिलाफ मोर्चा बनाने के लिए प्रयासरत थे। इसके लिए वह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व अन्य नेताओं से मिल चुके थे। अब इस मुहिम को भी झटका लगेगा।
- - हरियाणा में अगले विधानसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों का भाजपा के खिलाफ एक मोर्चा बनाने की कोशिश में थे। यह भी संकेत मिले थे कि वह कांग्रेस और इनेलो के बीच 2024 के विधानसभा चुनाव के लिए सीटोंं के तालमेल की कोशिश भी करेंगे। अब फिलहाल यह संभावना अधर में दिखती है।
- - ओमप्रकाश चौटाला को सजा होने से इनेलो और जजपा की संभावित एकता की संभावनाएं भी खारिज होती दिख रही है। जजपा के प्रधान और ओमप्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय सिंह चौटाला ने पिछले दिनों कहा था कि पिताजी चाहेंगे तो चौटाला परिवार में फिर से एकता हो सकती है। हालांकि अभय चौटाला ने इसे तत्काल खारिज कर दिया था।
- - ओमप्रकाश चौटाला जेबीटी घोटाले में सजा पूरी करने के बाद फिर से चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे थे और इसकी संभावना तलाश रहे थे। लेकिन, अब उनको दोबारा सजा होने से इस संभावना को झटका लगेगा।
- - ओमप्रकाश चौटाला का हरियाणा में ग्रामीण क्षेत्रोंं में खासा असर रहा है और यह कमोबेश अब भी माना जाता है। लेकिन, अब दोबारा सजा होने पर अब इस पर भी असर पड़ेगा।
- - ओमप्रकाश चौटाला अपने पिता पूर्व उपप्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल के पुराने साथियों को भी एक साथ लाने की कोशिश में थे। अब यह कोशिश भी रुक जाएगी।