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Exclusive: मनाेहर बोले- जनता ने पांच साल पहले दिया था लाइसेंस, रिन्‍यू कराने आया हूं

हरियाणा के मुख्‍यमंत्री ने अपनी जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान खास साक्षात्‍कार में कहा कि जनता ने पांच साल पहले सरकार चलाने का लाइसेंस‍ दिया था और अब इसे रिन्‍यू करवाने आया हूं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 20 Aug 2019 04:44 PM (IST)Updated: Wed, 21 Aug 2019 10:12 AM (IST)
Exclusive: मनाेहर बोले- जनता ने पांच साल पहले दिया था लाइसेंस, रिन्‍यू कराने आया हूं
Exclusive: मनाेहर बोले- जनता ने पांच साल पहले दिया था लाइसेंस, रिन्‍यू कराने आया हूं

चंडीगढ़। हरियाणा में चुनावी बिगुल बज चुका है और राजनीतिक दलों ने अपने-अपने ढंग से चुनावी रण में ताल ठोक दी है। प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों में से 75 पर जीत के लक्ष्य के साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी रथ पर सवार होकर पूरा प्रदेश नापने निकल पड़े हैं। हर रोज छह विधानसभा क्षेत्रों में दस्तक देने वाले मुख्यमंत्री की बगल में पूरा बही खाता दबा है। इस बही खाते में मौजूदा भाजपा सरकार के पांच साल तथा पिछली कांग्रेस व इनेलो सरकारों के कार्यकाल का पूरा हिसाब किताब मौजूद है। मनोहर कहते हैं कि पांच साल पहले जनता ने सरकार चलाने के लिए लाइसेंस दिया था और अब इसे रिन्‍यू कराने आया हूं।

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रथ लेकर हरियाणा के दौरे पर निकले मुख्यमंत्री मनोहर लाल से दैनिक जागरण की विशेष बातचीत

जन आशीर्वाद यात्रा के रथ पर सवार मुख्यमंत्री ड्राइवर के बगल वाली सीट पर बैठकर लोगों से सीधा संवाद करते हैं। बड़ी जनसभा हो तो बस की छत पर चढ़कर अपनी और पिछली सरकारों के कार्यकाल का बखूबी अंतर समझाते हैं। मुख्यमंत्री के पास हर हलके में खर्च हुए पैसे का पूरा ब्योरा है। लोकसभा चुनाव में मिली अपार सफलता से उत्साहित मनोहर लाल केंद्र की मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने के फैसले को बड़ी उपलब्धि मानते हैं। बात जब प्रदेश के विकास में भेदभाव, नौकरियों में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार की आती है तो अमूमन शांत रहने वाले मुख्यमंत्री पिछली सरकारों के मुखिया भूपेंद्र सिंह हुड्डा और ओमप्रकाश चौटाला पर हमलावर होने से नहीं चूकते।

वह कहते हैं कि विपक्ष उनके सामने कोई चुनौती नहीं है। फिर भी स्वस्थ लोकतंत्र के लिए विपक्ष जरूरी है। युवाओं को बिना पैसे और बिना सिफारिश के नौकरी हासिल करने के लिए मुख्यमंत्री उन्हें मन लगाकर तैयारी करने की सलाह देते हैं। मनोहर लाल इस बार पांचवीं दफा हरियाणा के दौरे पर निकले हैं। यमुनानगर के जगाधरी से कुरुक्षेत्र के शाहबाद के बीच रथ पर सवार मुख्यमंत्री मनोहर लाल से दैनिक जागरण के हरियाणा स्टेट ब्यूरो प्रमुख अनुराग अग्रवाल ने कई मसलों पर बातचीत की। पेश है इस बातचीत के प्रमुख अंश-

- अक्टूबर में विधानसभा चुनाव हैं। पांच साल में आप पांचवीं बार प्रदेश के दौरे पर निकले हैं। किस इरादे और लक्ष्य के साथ लोगों के बीच जा रहे हैं?

 - हरियाणा में चुनावी माहौल शुरू हो चुका है। कम समय में अधिक से अधिक लोगों के बीच पहुंचकर उन्हें अपनी सरकार की उपलब्धियों और अगले कार्यकाल में किए जाने वाले कामों की जानकारी देनी है। इस रथयात्रा से पहले मैं चार बार हरियाणा का दौरा कर चुका हूं। 21 दिन तक मेरी रथ यात्रा चलेगी। 15 दिन लोगों के बीच जाऊंगा और छह दिन बीच में चंडीगढ़ में रहकर सरकार के कामकाज को आगे बढ़ाऊंगा। हमारा लक्ष्य सिर्फ एक ही है, जन भावनाओं के अनुरूप जन आशीर्वाद से अगली बार भी भाजपा की सरकार बनानी है।

- पिछले पांच सालों में विपक्ष ने सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की कोशिश की। आप किन मुद्दों के साथ लोगों के बीच जा रहे हैं?

- पहले मैं आपको जानकारी दे दूं कि रथ यात्रा के समापन पर 8 सितंबर को माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोहतक में विशाल रैली को संबोधित करेंगे। रही मुद्दों की बात तो हमने अपने कार्यकाल में हर समय जनता के विकास की बात की। विपक्ष के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा। उनका मुद्दा यही है कि कोई मुद्दा नहीं है। हमने पांच सालों में प्रदेश में सामाजिक परिवर्तन लाने की दिशा में काम किया। अभी भी हमारे पास इतने अधिक काम बचे हैं, जिन्हें पूरा करने के लिए लंबा समय चाहिए। इसलिए लोगों का आशीर्वाद लेने के लिए उनके बीच जा रहा हूं।

- लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद भाजपा ने 75 प्लस सीटों का लक्ष्य रखा है। इस आंकड़े के पीछे क्‍या गणित?

- हम सरकार जनता की भावनाओं और अपेक्षाओं के अनुरूप चला रहे हैं। अब इस काम को अधिक गति देने की जरूरत है। हमारे पास जब 75 से अधिक विधायक होंगे तो हम पारदर्शी और भ्रष्टाचार रहित सरकार के अपने वादे को बखूबी पूरा कर पाएंगे। 

- विपक्ष की टीका-टिप्पणियों के बीच आप अपनी सरकार के पांच साल के कार्यकाल को कैसे देखते हैं?

- इन पांच सालों में हमने प्रदेश के लोगों का खोया भरोसा बहाल किया है। नौकरियां बेचने की दुकानें बंद की हैं। अब कोई नौकरी पर्ची और खर्ची से नहीं मिलती। ईमानदारी के साथ पारदर्शी तरीके से काम करना हमारी प्राथमिकता रही है। हमारी सरकार का उद्देश्य और लक्ष्य यही रहा कि जनता को किसी तरह की परेशानी नहीं आए।

- विपक्ष खासकर हुड्डा और चौटाला तो कहते हैं कि राज्य में भ्रष्टाचार कम नहीं हुआ, बल्कि बढ़ा है?

- विपक्ष के पास कहने के लिए आज कुछ नहीं बचा। उन्होंने नौकरियां बेचने और चेंज आफ लैंड यूज (सीएलयू) की जो दुकानें खोली थी, वह सब हमने बंद कर दी। प्रदेश की जनता ने पांच साल पहले हमें काम करने का लाइसेंस दिया था। अब अक्टूबर में सरकार के लाइसेंस का नवीनीकरण कराने का समय आ गया है। इसीलिए मैं, मेरी सरकार और संगठन लोगों के बीच हैं। अगले कार्यकाल में निचले स्तर तक भ्रष्टाचार पूरी तरह खत्म करने को हर तरीका अपनाएंगे।

- राज्य भर में माहौल भाजपा के हक में दिखाई दे रहा। अगली बार भी सरकार बनी तो क्या प्राथमिकताएं रहेंगी?

- मैं यहां एसवाईएल नहर का जिक्र खासतौर से करना चाहता हूं। इसका निर्माण लंबे समय से लटका हुआ था। हमारी सरकार ने प्रेजिडेंशियल रेफरेंस पर काम आगे बढ़ाते हुए पानी लाने की संभावनाएं पैदा की। एसवाईएल नहर में पानी जमीन पर कस्सी मारने से नहीं आता। हमारी सरकार हर व्यक्ति की छोटी से छोटी अपेक्षा तथा जरूरत पूरी करेगी। जनता को सरकार की योजनाओं की होम डिलीवरी देने के लिए हम काम कर रहे हैं। पूरे प्रदेश में हर परिवार का डाटा बेस तैयार किया जा रहा है। पढ़ाई, शिक्षा, स्वास्थ्य, नौकरी, मतदाता पहचान पत्र और बुढ़ापे में पेंशन सब उस सिस्टम के जरिये खुद ब खुद लोगों को मुहैया कराई जाएंगी।

- आपकी सरकार पर अक्सर आरोप लगता है कि पिछले पांच सालों में 154 में से अधिकतर वादे पूरे नहीं हो पाए?

- हमने अपने सभी वादे पूरे किए, साथ ही ऐसे काम भी किए जिनका जनता के साथ कोई वादा नहीं किया था। पढ़ी-लिखी पंचायतें, कैरोसीन मुक्त हरियाणा, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ मुहिम, पंचायतों में विकास की होड़ और स्वच्छता अभियान ऐसे बड़े उदाहरण हैं जिनके वादे हमने नहीं किए थे। अब हमारी सरकार खेतों के रास्ते बनाने का काम कर रही है। तीन और दो करम की सड़कें बनाई जा रही हैं। दक्षिण हरियाणा की 300 टेल तक हमने पानी पहुंचाया। गांवों में 24 घंटे बिजली दे रहे हैं।

- भाजपा के वादों, नौकरियों में पारदर्शिता व भ्रष्टाचार के मुद्दो पर विपक्ष आपको खुली बहस की चुनौती दे रहा है?

- हमारे पास गिनाने के लिए कामों की लंबी फेहरिस्त है। हर विधानसभा क्षेत्र में सरकार का रिपोर्ट कार्ड लेकर जा रहा हूं। वहां एक-एक काम गिनाने के साथ ही पिछली सरकारों में दी गई विकास राशि और अपनी सरकार में दी गई धनराशि के आंकड़े पेश कर रहा हूं। हुड्डा बेवजह मीन मेख निकाल रहे हैं। उन्हें बेवजह विवाद खड़ा नहीं करना चाहिए। वरना जनता खुद हिसाब लेने को तैयार है। हमारी सरकार के पांच साल के कार्यकाल में केंद्र सरकार ने 55 से 58 हजार करोड़ रुपये की राशि दी है, जबकि हुड्डा की पांच साल की सरकार में 20 हजार करोड़ भी नहीं मिले।

- भाजपा का परिवार लगातार बढ़ रहा है। दूसरे दलों के लोग यहां आ रहे। पार्टी में पहले से टिकट चाहने वालों की कमी नहीं। ऐसे में नाराजगी बढ़ेगी?

-टिकट के लिए हम किसी को अपनी पार्टी में नहीं बुला रहे। जिन नेताओं और लोगों को हमारी सरकार की नीतियां अच्छी लग रही, वे खुद भाजपा में शामिल हो रहे हैं। आखिरकार टिकट एक व्यक्ति को ही मिलेगा। टिकट घोषित होने के बाद बाकी सब दावेदारों का काम पार्टी की सेवा और प्रत्याशी की मदद करना होगा।

- राज्य में विपक्ष कहीं दिखाई नहीं दे रहा। आम चर्चा है कि भाजपा ने विपक्ष पूरी तरह से खत्म कर दिया। विपक्ष के बिना विधानसभा की कल्पना की जा सकती है?

- हमने विपक्ष खत्म नहीं किया। विपक्ष अपनी करतूतों की वजह से खत्म हुआ है। उनकी पार्टियां टूट गईं, क्‍योंकि तमाम लोगों की महत्वाकांक्षाएं पूरी नहीं हुईं। हर दल में सीएम पद के कई-कई दावेदार हैं। कैसे काम चलेगा। अब अगर गलतियां करेंगे तो भुगतेंगे भी। फिर भी हमारा मानना है कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए विपक्ष का होना जरूरी है।

-दस साल तक सीएम रह चुके भूपेंद्र हुड्डा शुरू में आपको अनुभवहीन बताते थे। अब खुद अलग पार्टी बनाने की संभावनाएं तलाश रहे हैं?

- आदमी धीरे-धीरे ही सीखता है। पहले साल हमने सीखा। फिर काम किया। अब बढिय़ा काम कर रहे। नतीजे लोगों के सामने हैं। रही हुड्डा की बात तो वह अक्सर अपने हाईकमान पर दबाव बनाते रहते हैं। रोहतक रैली में बहुत शोर था कि कुछ होगा-कुछ होगा, लेकिन खोदा पहाड़ और निकली चुहिया, वह भी मरी हुई।

- हरियाणा में जातीय हिंसा एक बड़ा मुद्दा रही है। इसे लेकर राष्ट्रीय स्तर पर खूब चर्चा हुई। क्या चुनाव पर कोई असर दिखेगा?

- मैं पहले आपको बता दूं कि हरियाणा केंद्र सरकार की योजनाओं का लांचिंग पैड रहा है। हमने कई योजनाएं शुरू कीं। हमारी योजनाओं और नीतियों को दूसरे राज्यों ने स्वीकार किया। हां...यह बात भी सही है कि शुरू में हमारी सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची गई, लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाई। लोगों ने ऐसे नेताओं को नकार दिया है। शीशे के मकानों में रहने वालों को दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकना चाहिए। हमारी रथ यात्रा में हर जाति और वर्ग के लोग पूरे उत्साह से शामिल हो रहे हैं।

- राज्य में कभी प्रमुख विपक्षी दल की भूमिका में रहे इनेलो के बिखराव पर आपकी क्या राय है। आप इस दल के साथ सत्ता में रह चुके हैं?

-मेरा मानना है कि क्षेत्रीय दलों का भविष्य लंबा नहीं होता। क्षेत्रीय दल व्यक्ति की पार्टी होते हैं। राष्ट्रीय पार्टियों का एक एजेंडा होता है। इसलिए क्षेत्रीय दलों पर हमेशा प्रश्नचिह्न लगा रहेगा।

- जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाई गई। इसका विधानसभा चुनाव पर कोई असर पड़ेगा?

- जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 का खात्‍मा सीधे-सीधे जनता की भावनाओं से जुड़ा मसला है। हरियाणा प्रदेश के लोगों को इस धारा के हटने की बहुत खुशी हुई है। मोदी और शाह की जोड़ी ने यह सब कर दिखाया है। हरियाणा के लोग भी जश्न मना रहे हैं। राज्य के चुनाव में वह भाजपा के प्रति अपना स्नेह जरूर जाहिर करेंगे।

- हुड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी जम्मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 हटाने का समर्थन कर रहे। इसे कैसे देखते हैं?

- बड़ा सवाल यह है कि आज से पहले इन लोगों ने अनुच्‍छेद 370 हटाने की आवाज क्यों नहीं उठाई। अब चुनाव नजदीक हैं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के फैसले का समर्थन कर रहे हैं। हुड्डा को कांग्रेस को वर्षों पहले अनुच्‍छेद 370 खत्म करने की सलाह दे देनी चाहिए थी। उनकी पका हुआ माल खाने की पुरानी आदत है। फिर भी वह भाजपा के फैसले का स्वागत करते हैं तो हमें कोई आपत्ति नहीं।

- हरियाणा भाजपा में टिकटों को लेकर मारामारी के हालात हैं। एक हलके में 10-10 उम्मीदवार हैं। महिलाओं के प्रति क्या रुख रहेगा?

- पार्टी के प्रति निष्ठा और जीत सकने वाले उम्मीदवार को ही भाजपा टिकट देगी। फिर चाहे वह महिला ही क्यों न हो। पंचायत चुनाव में 42 फीसद महिलाएं चुनाव जीती हैं, जबकि आरक्षण 33 फीसद है। इसलिए भाजपा पहले ही महिलाओं को प्रोत्साहित करने की पक्षधर है। हम जीतने वाले संगठन के समर्पित लोगों को ही आगे लाएंगे।

- राज्य में जजपा व बसपा का गठबंधन हो चुका और बाकी दल महागठबंधन की भी बात करते हैं?

-हरियाणा में अब किसी गठबंधन की जरूरत नहीं है। ऐसे गठबंधन अवसरवाद और स्वार्थ की राजनीति पर आधारित होते हैं। भाजपा का लोगों से गठबंधन हो चुका है। 75 से अधिक सीटों के साथ हम राज्य में दोबारा सरकार बना रहे हैं।

- आप दूसरी बार सरकार में आते ही सबसे पहला काम कौन सा करेंगे?

-वैसे तो हमारे पास कामों की लंबी फेहरिस्त है, लेकिन मैं सरकार बनते ही सबसे पहले भाजपा के प्रति भरोसा जताने के लिए जनता का आभार व्यक्त करना चाहूंगा।

- क्‍या इस चुनाव में क्षेत्रवाद, भेदभाव और जातिवाद को कोई असर होने वाला है? 

- क्षेत्रवाद, भेदभाव और भ्रष्टाचार को हम खत्म कर चुके हैं। जातीय हिंसा फैलाने और सदभाव खत्म करने वालों को लोग पहचान चुके हैं। उन्हें जवाब देगी। फिर भी हम चाहते हैं कि विपक्ष जरूर आए। अगर सत्ता पक्ष कोई गलती करे तो सरकार को ध्यान दिलाना विपक्ष का काम होता है।

- लोकसभा चुनाव के नतीजे बता रहे हैं कि विधानसभा चुनाव में भाजपा की राह आसान है?

- आपके मुंह में घी-शक्कर। चुनाव तो चुनाव होता है। फिर भी भाजपा विधानसभा चुनाव को भी पूरी मजबूती के साथ लड़ेगी। हालांकि हमारी अपेक्षा यही है कि हम 85 प्रतिशत तक नतीजे हासिल करें। हमें लोगों का पूरा जन आशीर्वाद मिलेगा।

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खास बातें

- प्रदेश की जनता को सरकार की योजनाओं की होम डिलीवरी देंगे

- हुड्डा को पका माल खाने की आदत, इसलिए कर रहे अनुच्‍छेद 370 खत्‍म करने का समर्थन

- हमने विपक्ष को खत्म नहीं किया, अपनी करतूतों से हुआ विपक्ष खत्म

- 75 से ज्यादा सीटें जीतेंगे पर स्वस्थ लोकतंत्र के लिए विपक्ष का होना भी जरूरी

- टिकट के लिए हम किसी को अपनी पार्टी में नहीं बुला रहे

- सिर्फ जीतने वाले और पार्टी के प्रति समर्पित लोगों को ही मिलेंगे टिकट

- विपक्ष का मुद्दा यही कि उनके पास अब नहीं बचा कोई मुद्दा


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