Haryana Assembly: सीएम मनोहर ने कहा- कृषि कानूनों के विरोध में नहीं लाया जा सकता प्रस्ताव
Haryana Assembly Monsoon Session हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने कहा कि सदन में केद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में कोई प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है। इस पर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एमएसपी पर चौथा विधेयक लाने की बात कही।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। बरोदा उपचुनाव के रण में टकराने के बाद हरियाणा के दिग्गज नेता को विधानसभा में आमने-सामने हुए। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को जनता के हित में बताया तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इनका प्रबल विरोध करते हुए एमएसपी नहीं देने वालों के विरुद्ध चौथा कानून बनाने का प्रस्ताव विधानसभा में पास कर केंद्र को भेजने का सुझाव दिया। सदन में न तो मनोहर लाल अपनी बात से पीछे हटे और न ही हुड्डा जरा भी डिगे। सीएम मनोहरलाल ने कहा कि विधानसभा में केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है। इस पर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी का कानून बनाने की मांग की।
हुड्डा बोले- तो एमएसपी की गारंटी का चौथा कानून बनाओ
विधानसभा में शून्यकाल के दौरान हुड्डा ने तीनों कृषि कानूनों पर चर्चा कराए जाने का मुद्दा उठाया तो मनोहर लाल ने मोर्चा संभालते हुए कहा कि पहले ये अध्यादेश थे। अब कानून बन चुके हैं। इसलिए सदन में इनके विरुद्ध किसी तरह का प्रस्ताव पारित नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री ने हुड्डा की तरफ इशारा करते हुए कहा कि आप बार-बार इन कानूनों को गलत ठहराओगे और हम बार-बार इन्हें ठीक कहेंगे, क्योंकि यह ठीक हैं भी। सभी मंडियों में धान की बिक्री हो रही है। एमएसपी पर ही धान खरीदा जा रहा है।
तीन कृषि कानूनों पर बढ़ी रार, आज फिर हंगामे के आसार, मनोहर-हुड्डा दोनों तैयार
इसके बाद पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने मुख्यमंत्री की ओर इशारा करते हुए कहा कि शुक्रवार को सदन में एक प्रस्ताव आप ले आओ और दूसरा प्रस्ताव हम लेकर आएंगे। जरूरत पड़ी तो उस पर वोटिंग भी कराई जा सकती है। स्पीकर ने इसका विरोध किया और कहा कि सरकार तीनों कृषि कानूनों के समर्थन में तो प्रस्ताव ला सकती है, लेकिन विपक्ष विरोध में नहीं ला सकती, क्योंकि तीनों अध्यादेश कानून बन चुके हैं। इस पर हुड्डा ने कहा कि हम चौथे कानून के लिए प्रस्ताव लाएंगे, जिस पर स्पीकर के पास कोई खास जवाब नहीं बना। इस मुद्दे पर शुक्रवार को सदन में फिर से हंगामा होने के पूरे आसार हैं।
कृषि कानूनों पर अपनी बात से न तो मनोहर पीछे हटे और न ही हुड्डा झुके
विधानसभा में विपक्ष के नेता रह चुके इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला ने अपने ध्यानाकर्षण प्रस्तावों पर चर्चा से पहले तीनों कृषि कानूनों का विरोध किया। साथ ही कहा कि वह जो तीन प्राइवेट मेंबर बिल इनके खिलाफ लेकर आए हैं, उनका स्टेटस बताया जाए। इस पर स्पीकर ने कहा कि एलआर से राय ली गई है। इतने शार्ट नोटिस पर प्राइवेट मेंबर बिल नहीं लाए जा सकते। कई मौके ऐसे भी आए, जब अभय चौटाला औ स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के बीच बहस हुई। इस दौरान सीएम ने हुड्डा को शुक्रवार को सदन में इन बिलों पर बहस की चुनौती दी।
हरियाणा में गेहूं व धान के अलावा आधा दर्जन फसलों का एमएसपी तय
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि कृषि सुधार अधिनियम किसान हित में हैं। इनसे किसानों का किसी भी प्रकार का नुक़सान नहीं होने वाला है और मंडियों में पहले की तरह न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद होती रहेगी। पंजाब में तो केवल धान व गेहूं की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होती है, लेकिन हरियाणा की मंडियों में धान व गेहूं के अलावा, सरसों, बाजरा, मूंग, मुंगफली, सूरजमुखी की भी की खरीद की जाती है। शायद ही देश के किसी राज्य की मंडियों में एमएसपी पर इतनी फ़सलों की खऱीद होती होगी।
मनोहर लाल ने कहा कि सदन में एक धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया जाए और केंद्र सरकार को भेजा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले एक महीने से हरियाणा की मंडियों में खरीफ फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है। इससे न तो मंडियां बंद हुई हैं और न ही एमएसपी खत्म हुई।कृषि मंत्री जेपी दलाल और संसदीय कार्य मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि कृषि बिलों पर कांग्रेस केवल किसानों को बहकाने व उनका शोषण करने की पक्षधर है।