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चुनौती बना Lock down में आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन, चेन बनाए रखना आसान नहीं

हरियाणा में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग के दौरान लॉकडाउन में आवश्‍यक वस्‍तुओं का उत्‍पादन चुनौती बन गया है। इस वस्‍तुओं की चेन बनाए रखना आसान नहीं है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 16 Apr 2020 08:05 AM (IST)Updated: Thu, 16 Apr 2020 08:05 AM (IST)
चुनौती बना Lock down में आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन, चेन बनाए रखना आसान नहीं
चुनौती बना Lock down में आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन, चेन बनाए रखना आसान नहीं

नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। लॉकडाउन के बाइस दिनों के दौरान आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन संयंत्रों की श्रृंखला (चेन) बनाना सरकारी तंत्र के लिए बड़ी चुनौती रहा। इस दौरान हालांकि शुरूआत में लोगों द्वारा अपनी जरूरत का सामान ज्यादा मात्रा में खरीदने के कारण एक साथ मांग बढ़ गई थी। इसके चलते न सिर्फ कुछ आवश्यक वस्तुओं की कमी ने बाजार में कालाबाजारी को भी बढ़ावा दिया। केंद्र से लेकर राज्य सरकार और प्रशासनिक तंत्र की सक्रियता के चलते अब 70 आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन की चेन बनी हुई है। 30 फीसद आवश्यक वस्तुओं की चेन बनाने में अभी भी काफी समस्या आ रही है।

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कच्चे माल की उपलब्धता से लेकर पैकेजिंग मैटेरियल उपलब्ध कराने के लिए सरकारी स्तर पर विशेष प्रयास

खानपान की वस्तुओं के उत्पादन में शुरूआती दौर में कच्चे माल की उपलब्धता से लेकर पैकेजिंग मैटेरियल की कमी सामने आई थी मगर बाद में जिला स्तर पर प्रशासनिक तंत्र को सक्रिय करने से इस समस्या का भी समाधान हो गया था। हालांकि अभी भी परिवहन सेवा में लगे ट्रक, टैंपो और अन्य मालवाहन वाहनों की मरम्मत की बड़ी समस्या आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पर असर डाल रही है। इसके चलते कई दूर-दराज के वेयरहाउस में स्टॉक उठाने से लेकर बाजार तक पहुंचाने में भी कठिनाई आ रही है।

फार्मा इंडस्ट्री की समस्याओं के समाधान के लिए बनाया है वाट्सएप ग्रुप

कोरोना वायरस के कहर से बचाने को इस समय देश की फार्मा इंडस्ट्री की लॉकडाउन में जो भी उत्पादन संबंधी समस्याएं आ रही हैं,उनके समाधान के लिए केंद्र सरकार की पहल पर एक वाट्सएप ग्रुप बना हुआ है। इसमें देश में फार्मा इंडस्ट्री की तीनों एसोसिएशन के पदाधिकारियों सहित केंद्रीय स्वास्थ्य व गृहमंत्रालय के अधिकारी भी शामिल हैं। इस ग्रुप निगरानी प्रधानमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी करते हैं।

फेडरेशन ऑफ फार्मेसिटिकल आर्गेनाइजेशन एंड एंटरप्रेन्योर के पीआर चेयरमैन नवदीप चावला बताते हैं कि इस ग्रुप के माध्यम से अब तक फार्मा इंडस्ट्री की अनेक समस्याओं का समाधान महज दो दिन में हुआ है। कुछ मामलों का जिक्र गोपनीयता भंग होने के कारण नहीं किया जाना चाहिए मगर एक उदाहरण तो यह सबसे बड़ा है कि हिमाचल प्रदेश के बद्दी में लगी कुछ फार्मा इंडस्ट्री की यह समस्या इस ग्रुप में आई कि पंजाब सरकार कर्फ्यू के कारण उनके कर्मचारियों को आने नहीं दे रही है।

 उन्‍होंने कहा कि ऐसे में तुरंत ही प्रधानमंत्री कार्यालय से पंजाब सरकार, हिमाचल सरकार को निर्देश दिए कि जो व्यक्ति फार्मा इंडस्ट्री के कर्मचारी होने का प्रमाणपत्र किसी भी पुलिस नाके पर दे दे उसे कहीं नहीं रोका जाए। इसके अलावा कुछ कंपनियों ने तो सीधे पंजाब के कुछ जिलों में डीएम के यहां अपने कर्मियों की सूची भेज दी, जिन्हें प्रशासन ने ही बद्दी तक पहुंचाया।

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