सरकार ने कसा शिकंजा, मनमर्जी से फीस नहीं बढ़ा सकेंगे निजी स्कूल
हर साल मनमर्जी से फीस बढ़ाने वाले निजी स्कूलों पर प्रदेश सरकार ने एक बार फिर शिकंजा कसने की कोशिश की है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हर साल मनमर्जी से फीस बढ़ाने वाले निजी स्कूलों पर प्रदेश सरकार ने एक बार फिर शिकंजा कसने की कोशिश की है। तमाम हिदायतों के बावजूद फार्म-6 भरने से बचते रहे मान्यता प्राप्त विद्यालयों को शिक्षा विभाग ने 31 दिसंबर तक शुल्क ढांचे और छात्रों की समस्त जानकारी शिक्षा विभाग के एमआइएस (मैनेजमेंट इंफोर्मेशन सिस्टम) पोर्टल पर देने का निर्देश दिया है।
जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) या जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी (डीईईओ) कार्यालयों में जमा कराया गया फार्म मान्य नहीं होगा। निर्धारित समय में ऑनलाइन फार्म-छह नहीं भरने वाले स्कूल संचालक अगले सत्र में फीस नहीं बढ़ा सकेंगे। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के साथ ही दूसरे शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त हर श्रेणी के प्राइवेट स्कूल इसके दायरे में आएंगे।
नए शैक्षणिक सत्र में निर्धारित शुल्क या फंड से अधिक वसूली करने वाली शिक्षण संस्थाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा स्कूल शिक्षा नियम 2003 के नियम 158 के अनुपालन में शिक्षा विभाग ने सभी मान्यता प्राप्त स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि निर्धारित तिथि तक शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट पर उपलब्ध लिंक या एमआइएस पोर्टल पर फार्म-6 ऑनलाइन जमा कराएं।
क्या है फार्म-6
निजी स्कूलों के लिए हर साल फार्म-6 भरना अनिवार्य होता है। इसमें स्कूलों को फंड से लेकर विद्यार्थियों को दी जाने वाली सभी सुविधाओं की जानकारी देनी होती है। स्कूल के बजट, खर्च व शिक्षकों के वेतन का पूरा ब्योरा इसमें शामिल है। इसका फायदा अभिभावकों को भी मिलता है। बच्चों को स्कूल में दाखिले के समय अभिभावकों को पता होता है कि साल में उन्हें कितना पैसा खर्च करना पड़ेगा।