प्राइवेट डाक्टर और पुलिसकर्मियों को भी एक्सग्रेशिया का सुरक्षा कवच, किसानों को भी बड़ी राहत
हरियाणा सरकार ने कोरोना के खिलाफ जंग में निजी डॉक्टरों और पुलिसकर्मियों को भी एक्सग्रेसिया का सुरक्षा कवच देने की घोषणा की है।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा सरकार ने कोरोना के विरुद्ध लड़ी जा रही जंग में प्राइवेट अस्पतालों के डाक्टरों, पैरा मेडिकल स्टाफ, नर्स और सफाई कर्मचारियों के साथ-साथ पुलिस कर्मचारियों को भी राहत देने की बड़ी घोषणाएं की हैं। राज्य की मंडियों में फसल देरी से आने के कारण सरकार ने किसानों के फसली ऋण के भुगतान की चिंता की है। किसानों को अपने बैंकों को फसली ऋण की किस्त 15 अप्रैल तक जमा करानी थी, लेकिन अब इसे डेढ़ माह आगे बढ़ाकर 30 जून तक कर दिया गया है। इस अवधि में किसानों को बैंकों को ब्याज का भुगतान नहीं करना पड़ेगा।
सरकारी चिकित्सकों, नर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ और चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की तरह मिलेगी पूरी राशि
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश की जनता से रूबरू होते हुए प्राइवेट अस्पतालों के चिकित्सकों व पैरा मेडिकल स्टाफ के लिए एक्सग्रेशिया राशि की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीज का इलाज करते हुए किसी अनहोनी पर जिस तरह से सरकारी चिकित्सक को 50 लाख रुपये की एक्सग्रेशिया राशि प्रदान की जानी है, उसी तर्ज पर अब प्राइवेट अस्पतालों के डाक्टरों के लिए भी यही व्यवस्था लागू कर दी गई है। सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों की नर्स के लिए यह राशि 30 लाख रुपये, पैरा मेडिकल स्टाफ के लिए 20 लाख रुपये तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के लिए 10 लाख रुपये की राशि प्रदान की जाएगी।
किसानों के फसली ऋण भुगतान की तारीख डेढ़ महीने आगे की, ब्याज भी माफ हुआ
मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने हरियाणा के ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों की सुरक्षा की भी चिंता की है। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान ड्यूटी करते हुए यदि किसी पुलिस कर्मचारी के साथ अनहोनी होती है तो उसके परिवार को 30 लाख रुपये की एक्सग्रेशिया राशि का लाभ प्रदान किया जाएगा। राज्य सरकार हर माह प्रदेश के लोगों पर 1500 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
ड्यूटी कर रहे पुलिस कर्मचारियों को मिलेगा 30 लाख रुपये एक्सग्रेशिया का लाभ
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मार्च और अप्रैल के बाद अगले दो माह तक राज्य में वित्तीय संकट होने की आशंका दोबारा फिर जताई है। मनोहर लाल ने कहा कि मार्च में तीन हजार करोड़ और अप्रैल में छह हजार करोड़ रुपये के राजस्व के नुकसान की बात मैं पहले ही कह चुका हूं, लेकिन मुझे रिपोर्ट मिली है कि इसके बाद मई और जून में भी राज्य की अर्थव्यवस्था पटरी पर आने में समय लग सकता है। इस अवधि में आर्थिक नुकसान ज्यादा होगा। इसलिए मुख्यमंत्री कोरोना राहत कोष के लिए लोगों को ज्यादा से ज्यादा दान देना चाहिए। अभी तक इस कोष में २४ करोड़ रुपये की राशि आ चुकी है।
हरियाणा सरकार के कर्मचारी भी करें आर्थिक सहयोग
हरियाणा सरकार ने वित्तीय संकट की इस घड़ी में अपने सरकारी कर्मचारियों से भी सहयोग मांगा है। गृह मंत्री अनिल विज हालांकि कह चुके कि किसी भी कर्मचारी की जबरदस्ती सेलरी नहीं काटी जाएगी, लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि स्वेच्छा से यदि कोई अधिकारी और कर्मचारी अपनी बेसिक सेलरी का कुछ हिस्सा देना चाहे तो उसका स्वागत है। इसके लिए सरकार ने एक एप लांच की थी, जिस पर स्वेच्छा राशि देने की स्वीकृति दो अप्रैल रखी गई थी। मुख्यमंत्री के अनुसार इस पर अभी तक 46 हजार कर्मचारियों ने अपनी मंजूरी प्रदान की है। लिहाजा एप पर मंजूरी की अवधि दो दिन और बढ़ाई जाएगी।
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