हाई कोर्ट में चलेगी हिंदी, राष्ट्रपति से अनुमति मांगेगी सरकार
इलाहाबाद, राजस्थान, मध्य प्रदेश और पटना हाईकोर्ट की तर्ज पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में हिंदी में कार्यवाही के लिए हरियाणा सरकार राज्यपाल के जरिये राष्ट्रपति को पत्र लिखा है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में बिजली-पानी के बिलों को हिंदी में प्रकाशित करने के बाद अब पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में भी अदालती काम हिंदी में कराने की तैयारी है। प्रदेश सरकार राज्यपाल के जरिये राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर हाई कोर्ट के सभी काम हिंदी में कराने की अनुमति मांगेगी।
हिंदी को प्रशासनिक एवं न्यायिक कार्यवाही में शामिल कराने के लिए भाषा विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई है। देश के चार उच्च न्यायालय इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश), राजस्थान, मध्य प्रदेश, पटना (बिहार) में याचिकाओं की सुनवाई और बहस हिंदी में की जाती है। इसके अलावा फैसले भी हिंदी में दिए जाते हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्यपाल से पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में भी हिंदी भाषा में कार्यवाही की व्यवस्था कराने की सिफारिश की है। इससे याची को अपनी भाषा में पूरी प्रक्रिया को समझने तथा मूकदर्शक न रहकर अपनी बात रखने का मौका मिलेगा।
हाल ही में केरल उच्च न्यायालय के हीरक जयंती कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हाई कोर्ट के निर्णयों को वादी की भाषा में मुहैया कराने पर जोर दिया है। राज्यपाल को अधिकार है कि वह राष्ट्रपति की सहमति से उच्च न्यायालय में हिंदी भाषा में काम करने के निर्देश जारी कर सकते हैं। प्रदेश सरकार जल्द ही राज्यपाल प्रोफेसर कप्तान सिंह सोलंकी से हाई कोर्ट का कामकाज हिंदी में कराने के लिए राष्ट्रपति को पत्र लिखने का अनुरोध करेगी।
हिंदी में जारी होंगे सरकारी सर्कुलर
सरकारी आदेशों के सर्कुलर अब हिंदी में ही जारी होंगे। वर्तमान में अधिकतर महकमे अंग्रेजी में निर्देश जारी करते हैं जिन्हें समझना आमजन के बस में नहीं होता। सर्कुलर अंग्रेजी में जारी किए जाते हैं। इसलिए अब सारे सर्कुलर हिंदी में जारी किए जाएंगे। पूरी योजना तैयार होने के बाद सभी विभागों से जुड़े सर्कुलर्स को भाषा विभाग हिंदी भाषा में जिला स्तर पर भिजवाने की व्यवस्था करेगा ताकि आमजन को इसका लाभ पहुंच सके।
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