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हरियाणा में पंचायत चुनावों की तैयारी, फिक्स डिपाजिट पर सरकार का पहरा

हरियाणा सरकार पंचायत चुनावों की तैयारी में जुट गई है। राज्य में 22 जिला परिषदों 142 ब्लाक समितियों और 6205 पंचायतों के पंच-सरपंचों के लिए चुनाव होने हैं। जनवरी के अंतिम सप्ताह या फरवरी की शुरुआत में चुनाव संभव हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 04:11 PM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 04:11 PM (IST)
हरियाणा में पंचायत चुनावों की तैयारी, फिक्स डिपाजिट पर सरकार का पहरा
हरियाणा में जनवरी अंत या फरवरी की शुरुआत में हो सकते हैं पंचायत चुनाव। सांकेतिक फोटो।

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में प्रदेश सरकार पंचायत चुनावों की तैयारी में जुट गई है। जनवरी के अंतिम सप्ताह या फरवरी की शुरुआत में प्रस्तावित चुनावों के मद्देनजर सभी पंचायतों के फिक्स डिपाजिट पर सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) का पहरा बैठा दिया है। अब सरपंच और पंचायत सचिव विकास कार्यों के लिए अपने स्तर पर फिक्स डिपाजिट से पैसा नहीं निकाल सकेंगे। अगर पंचायती कार्यों के लिए धनराशि की जरूरत पड़ती है तो सीईओ की मंजूरी के बाद ही पैसा निकाला जा सकेगा।

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हरियाणा में 24 फरवरी से पहले पंचायती राज चुनावों की प्रक्रिया पूरी कराई जानी है। राज्य चुनाव आयोग प्रदेश की 22 जिला परिषदों, 142 ब्लाक समितियों और 6205 पंचायतों के पंच-सरपंचों के लिए चुनाव की तैयारी में जुटा है। जिला परिषदों के 416 सदस्यों, ब्लाक समितियों के तीन हजार दो सदस्यों और 6205 सरपंचों के लिए चुनाव इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के जरिये होंगे, जबकि 62 हजार 466 पंचों के लिए मतदान बैलेट पेपर के जरिये होगा।

हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने इस बात की पुष्टि की है कि पंचायत सचिव और सरपंच अब सीईओ की अनुमति के बिना फिक्स डिपाजिट से पैसा नहीं निकाल सकेंगे। उन्होंने यह भी संकेत दिए कि जजपा-भाजपा गठबंधन सरकार पंचायत चुनाव के लिए तैयार है। बता दें, इससे पहले प्रदेश में वर्ष 2016 में 10, 17 व 24 जनवरी को तीन चरणों में पंचायत चुनाव हुए थे और फरवरी में सरपंचों का शपथ ग्रहण हुआ था। ऐसे में फरवरी में ही पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है।

हरियाणा की पंचायतों में फिलहाल 2565 महिला आरक्षित सरपंच हैं। इसी तरह 1400 पंचायतें अनुसूचित जाति के लिए, 1671 पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हैं तो करीब 3079 पंचायतें सामान्य श्रेणी की हैं। इसी तरह करीब 60 हजार पंचायत सदस्यों में से 25 हजार 492 महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। 15 हजार 467 पद अनुसूचित जाति के लिए और 21 हजार 124 पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हैं। 416 जिला परिषद सदस्यों में से 181 महिलाओं, 96 अनुसूचित जाति और 74 पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हैं।

चुनाव पर मंथन को जजपा ने कल बुलाई बैठक

पंचायती राज संस्थाओं और स्थानीय निकाय भाजपा के साथ मिलकर लड़ें या अकेले, इस पर मंथन के लिए जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने शनिवार को चंडीगढ़ में संगठन पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि सरकार में प्रदेश स्तर पर जजपा का भाजपा से गठबंधन है। पंचायत चुनावों में क्या रणनीति रहेगी, इस पर फैसला संगठन स्तर पर चर्चा के बाद होगा।

उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव नजदीक होने के कारण कई स्थानों पर सरपंचों और पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा फंड के इस्तेमाल में अनियमितताओं की शिकायतें मिल रही थी, इसलिए सरपंचों से एफडी से पैसा निकलवाने की पावर छीन ली गई है। हालांकि वह सीईओ की मंजूरी से पैसा निकलवा सकते हैं।


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