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तबादला नीति की मिली दवाई तो बिजली निगमों की बढ़ने लगी कमाई

बिजली कर्मियों के कार्य प्रदर्शन के आधार पर मनचाहा स्टेशन लेने की नीति से हरियाणा के बिजली निगमों को काफी फायदा हो रहा है। बिजली निगमों की आय में लगातार वृद्धि हो रही है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 30 Jun 2018 07:24 PM (IST)Updated: Mon, 02 Jul 2018 08:57 PM (IST)
तबादला नीति की मिली दवाई तो बिजली निगमों की बढ़ने लगी कमाई
तबादला नीति की मिली दवाई तो बिजली निगमों की बढ़ने लगी कमाई

जेएनएन, चंडीगढ़। बिजली कर्मचारियों के कार्य प्रदर्शन के आधार पर मनचाहा स्टेशन लेने की नीति से बिजली निगमों की सेहत सुधरने लगी है। कर्मचारियों और अधिकारियों में बढ़ी स्वस्थ प्रतिस्पर्धा से एक साल में बिजली निगमों ने 666 करोड़ रुपये डिफाल्टर उपभोक्ताओं और बिजली चोरों से वसूले। इससे 26 हजार करोड़ रुपये के कर्ज तले हांफ रहे बिजली निगमों की गाड़ी पटरी पर लौटने की उम्मीद जगी है। नई ऑनलाइन तबादला नीति से दलालों का खेल भी खत्म हो चुका।

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तबादलों से खत्म हुआ बिचौलिया सिस्टम, बिजली चोरों और डिफाल्टरों से वसूले 666 करोड़

पंचकूला, अंबाला, फरीदाबाद, गुरुग्राम, सिरसा के बाद अब रविवार से फतेहाबाद जिले के ग्रामीण उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली दी जाएगी। कार्य प्रदर्शन आधार पर शुरू किए जा रहे तबादलों का असर है बिजली चोरों और डिफाल्टरों पर शिकंजा कसा है।

पंचकूला, अंबाला, फरीदाबाद, गुरुग्राम, सिरसा की तर्ज पर आज से फतेहाबाद में 24 घंटे बिजली

तबादला नीति के बाद हुए बदलाव पर गौर करें तो वर्ष 2012 में बिजली चोरी के 703 मामले दर्ज हुए थे जो अगले साल 16 हजार 493 तक पहुंच गए। वर्ष 2014 में 9242, वर्ष 2015 में 16 हजार 397 और वर्ष 2016 में 22 हजार 633 मामले दर्ज हुए। इस तरह पांच साल में कुल 65 हजार 468 मामले दर्ज हुए जबकि वर्ष 2017 में यह संख्या 95 हजार 78 पहुंच गई। इस साल अब तक 22 हजार 458 मामले दर्ज हो चुके हैं।

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वर्ष 2017 में बिजली चोरी करते पकड़े गए लोगों से 337 करोड़ रुपये जुर्माना वूसला गया। इसी तरह बिल जमा नहीं कराने के कारण डिफाल्टर हुए उपभोक्ताओं से 275 करोड़ रुपये तथा गुरुग्राम और बहादुरगढ़ में विशेष अभियान चलाकर 53 करोड़ रुपये की राशि वसूली गई है। उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम का लाइन लॉस 30 फीसद से कम होकर 21 फीसद तक पहुंच गया।

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मनपसंद स्टेशन के लिए काम ही पैमाना

बिजली निगमों के प्रबंध निदेशक शत्रुजीत कपूर के मुताबिक पहले सारा साल कर्मचारी और अधिकारियों में तबादले को लेकर हलचल रहती थी। इससे जहां उन्हें मनमाफिक स्टेशन दिलाने के लिए दलाल सक्रिय रहते थे, वहीं अचानक तबादले से कामकाज भी प्रभावित हो रहा था। इसी कारण बीते साल कार्य प्रदर्शन आधार पर जेई से लेकर एक्सईएन स्तर के तबादले शुरू किए गए। इससे कर्मचारियों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बढ़ी जिसका नतीजा सबके सामने है।

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'' मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देश पर सभी विभागों की ऑनलाइन तबादला नीति तैयार करके क्रियान्वित की जा रही है। शिक्षकों के ऑनलाइन तबादला नीति को उत्तर प्रदेश सरकार अनुसरण करने का मन बना चुकी। बिजली निगम की कार्य प्रदर्शन आधारित की नीति से हुए बदलाव यह दिखाने के लिए काफी हैं कि प्रदेश सरकार साफ नीयत से आगे बढ़ते हुए सही विकास कर रही है।

                                                                                  - राजीव जैन, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार।


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