अवैध फूड मोबाइल वैनों में बिक रहा घटिया सामान
जागरण संवाददाता, पंचकूला : शहर में इन दिनों अवैध तौर पर फूड मोबाइल वैनें जबरदस्त कारोबार कर रही हैं।
जागरण संवाददाता, पंचकूला : शहर में इन दिनों अवैध तौर पर फूड मोबाइल वैनें जबरदस्त कारोबार कर रही हैं। इन पर कोई शिकंजा नहीं कस रहा है। ट्रांसपोर्ट विभाग से बिना परमिशन लिए बड़ी गाडि़यों का नक्शा बदलकर उसमें खाने-पीने का सामान धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। नगर निगम और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की जमीन पर अवैध तौर पर खड़े इन फूड वैन पर खाने की चीजों को बनाने तथा बेचने वाले छोटे-बड़े कारोबारियों को क्वालिटी की खाद्य सामग्री देने के लिए बाध्य करने वाला भी कोई नहीं है। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट को लागू करना लाजिमी है। इसी को शत-प्रतिशत अमल में लाने के लिए कोई प्रयास नजर नहीं आ रहे हैं। हजारों लोगों की सेहत से खिलवाड़ क्यों
शहर में रोजाना हजारों लोग फूड स्ट्रीट पर खाना खाते हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी बनती है कि सबको साफ-सुथरा तथा शुद्ध खाद्य पदार्थ मुहैया करवाया जाए। इसके लिए केंद्र सरकार की पहल पर लाइसेंसिग तथा रजिस्ट्रेशन को 100 फीसद लाजिमी किया गया है। 12 लाख रुपये सालाना से ऊपर टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए लाइसेंस जरूरी है। इसके लिए उनको सालाना 2000-5000 रुपये फीस जमा करनी होगी। 12 लाख रुपये से कम टर्नओवर वालों के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी है और उनको 100 रुपये प्रति वर्ष फीस अदा करनी होगी। लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन न करवाने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है। एक्ट में यह है प्रावधान
एक्ट में प्रावधान दिया है कि नकली ब्रांड के खाद्य सामग्री बेचने और नकली विज्ञापन के मामले में विभाग अलग-अलग सजा और जुर्माना हो सकता है। असुरक्षित पाए गए खाद्य पदार्थो के लिए 12 लाख रुपये तक का जुर्माना और 7 साल की कैद का प्रावधान है। अगर मिलावटी खाने से किसी की मृत्यु हो जाती है तो 7 साल की कैद या अधिकतम उम्र कैद की सजा के साथ 12 लाख रुपये हर्जाना देना होगा। इसी के साथ गंभीर रूप से बीमार होने पर कम से कम 3 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। अगर किसी के पास लाइसेंस नहीं पाया गया तो 3 साल कैद और 5 लाख जुर्माना होगा। एचएसवीपी की जमीन पर जहां पर भी अवैध तौर पर फूड मोबाइल वैनें खड़ी हैं, उन्हें जब्त किया जाएगा। साथ ही ट्रांसपोर्ट विभाग को लिखकर इनके चालान करने के लिए कहा जाएगा।
-आशुतोष राजन, संपदा अधिकारी, एचएसवीपी