Baroda by election 2020 के बाद हरियाणा के सियासी दलों की अब विधानसभा में 'संग्राम' की तैयारी
Baroda by election 2020 के बाद अब हरियाणा के राजनीतिक दल विधानसभा के मानसून सत्र के शेष भाग में टकराएंगे। विधानसभा की स्थगित मानसून सत्र जल्द शुरू हाेगा और इसके लिए सभी सियासी दलों ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है।
चंडीगढ़, जेएनएन। बरोदा विधानसभा सीट पर उप चुनाव के बाद अब सियासी दल वीरवार से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र की तैयारी में जुट गए हैं। मानसून सत्र की पिछली बैठक में कोरोना के चलते भले ही प्रश्नकाल नहीं हो सका था, लेकिन इस बार विपक्षी दलों के साथ ही सत्तारूढ़ भाजपा-जजपा के विधायकों के कई सवाल प्रदेश सरकार को असहज कर सकते हैं। प्रश्नकाल के लिए विधायकों ने कई ऐसे मुद्दे उठाए हैं जिन पर टकराव तय है।
कल शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के लिए विपक्ष के साथ ही भाजपा-जजपा विधायकों ने भी लगाए तीखे सवाल
तोशाम से कांग्रेस विधायक किरण चौधरी ने अवैध खनन और ओवरलोडिंग का मुद्दा उठाते हुए पूछा है कि दोषी स्टोन क्रशर मालिकों और सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। अवैध खनन और ओवरलोडिंग के कितने मामले अभी तक पकड़ में आए हैं। साथ ही बीमा कंपनियों द्वारा किसानों के दावों को बगैर कोई विशेष कारण बताए अस्वीकृत करने पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि बीमा कंपनियों की मनमानी को रोकने के लिए सरकार क्या कर रही है।
प्रश्नकाल में रिटायर अफसरों को पुनर्नियुक्ति, अवैध खनन, ओवरलोडिंग और किसानों के मुद्दों पर टकराव तय
निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदर ने पूछा है कि किस नीति के आधार पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों तथा अधिकारियों को नियुक्त किया जा रहा है। क्या इस तरह के प्रावधान को समाप्त करने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन है। उन्होंने दूसरे सवाल में पूछा है कि क्या प्रदेश में आउटसोर्सिंग नीति के तहत कर्मचारियों की नियुक्ति में अनुसूचित जातियों तथा पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण का कोई प्रावधान है। यदि हां तो इसका ब्योरा क्या है और अगर नहीं तो कब तक यह व्यवस्था लागू होगी। इसके अलावा वन विभाग से सरकारी कार्यालयों में खरीदे जाने वाले फर्नीचर और भविष्य में खरीद के प्रस्ताव तथा एचएसआइडीसी द्वारा प्लाटों के आबंटन में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण के प्रावधान संबंधी जानकारी मांगी है।
गोहाना से कांग्रेस विधायक जगबीर सिंह मलिक ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में संशोधनों और कंपनियों का ब्योरा तथा उनसे जुड़ी कंपनियों की जानकारी मांगी है। इसके अलावा केबल आपरेटरों पर मनोरंजन कर या कोई अन्य कर लगाने संबंधी प्रावधान या प्रस्ताव का ब्योरा मांगा है। कांग्रेस के ही मुलाना से विधायक वरुण चौधरी ने राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट को आधार बनाते हुए गृह मंत्री विज से पूछा है कि प्रदेश में अपराध दर को कम करने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं। साथ ही उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से उद्यम प्रोत्साहन नीति पर अभी तक उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है।
रादौर से कांग्रेस विधायक बिशन लाल सैनी ने किसान खेत सड़क योजना के भविष्य की जानकारी मांगी है। इसके अलावा गांवों में तालाबों की सफाई, खुदाई तथा रिटेनिंग वाल निॢमत करने के पश्चात नवीनीकरण करने से जुड़ी जानकारी मांगी है।
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में क्यों नहीं मिल रहा पैसा
रतिया से भाजपा विधायक लक्ष्मण नापा ने उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से पूछा है कि कई महीनों से प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत निधियां जारी क्यों नहीं हो रहीं। जींद से भाजपा विधायक डा. कृष्ण लाल मिढ़ा ने सवाल लगाया है कि क्या जींद में लाला लाजपत राय विश्वविद्यालय का पशु चिकित्सा तथा पशु विज्ञान का क्षेत्रीय केंद्र खोलने का कोई प्रस्ताव है।
नांगल चौधरी से भाजपा विधायक डा. अभय सिंह यादव ने पिछले तीन वर्षों में तूफान में क्षतिग्रस्त हुए बिजली लाइनों और खंभों तथा इनकी मरम्मत पर हुए खर्च पर जवाब मांगा है। नारनौंद से जजपा विधायक राम कुमार गौतम ने पूछा है कि क्या पुलिस में आॢथक रूप से कमजोर श्रेणी के लोगों को आयु में पांच साल की छूट देने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन है।
कुंडू ने उठाएंगे जेबीटी और बर्खास्त पीटीआइ की नियुक्ति के मुद्दे
महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने 1983 शारीरिक शिक्षकों (पीटीआइ) की नियुक्ति तथा कई वर्षों से जूनियर बेसिक ट्रेंड (जेबीटी) की भर्ती नहीं होने पर सवाल उठाएंगे। कालका से कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी ने बेसहारा पशुओं की समस्या से निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाए कदमों और मोरनी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने से जुड़े कदमों की जानकारी मांगी है।
टोहाना से जजपा विधायक देवेंद्र सिंह बबली ने प्रदेश में सार्वजनिक स्थलों पर नवीनतम तकनीक से लैस सीसीटीवी कैमरे लगवाने की योजना तथा बरवाला के जजपा विधायक जोगी राम सिहाग ने गेट पास प्रणाली लागू करने की बजाय किसानों की पूरी फसल खरीदने के प्रबंध संबंधी जानकारी मांगी है।