Move to Jagran APP

पूरी तरह खत्म हो गया डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का राजनीतिक तिलिस्म

पत्रकार रामचंद्र छत्र‍पति हत्‍याकांड में उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के साथ ही गुरमीत राम रहीम का राजनीतिक तिलस्‍म समाप्‍त हो गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 12:59 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 08:50 PM (IST)
पूरी तरह खत्म हो गया डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का राजनीतिक तिलिस्म
पूरी तरह खत्म हो गया डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का राजनीतिक तिलिस्म

चंडीगढ़, जेएनएन। Ram Rahim  का राजनीतिक तिलस्‍म अब पूरी तरह से समाप्‍त हो गया है। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम काे रामचंद्र छत्रपति हत्‍या मामले में सजा सुनाए जाने के साथ ही राजनीतिक दलों को प्रभावित करने की उसकी क्षमता भी खत्‍म हो गई। साध्वी यौन शोषण मामले में सजा काट रहे डेरा प्रमुख राम रहीम को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई। डेरे में रहने वाले साधुओं के अंडकोष काटकर उन्हें नपुंसक बनाने और डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह हत्याकांड के केस अभी बाकी है। इन मामलोें के फैसले आने के बाद डेरा प्रमुख के लिए मुश्किलें और बढ़ेंगी।

loksabha election banner

साध्वी यौन शोषण मामले में 20 साल की सजा काट रहे डेरा प्रमुख की पूरी जिंदगी अब जेल में ही गुजरेगी। एक समय था जब हरियाणा, पंजाब और राजस्थान की राजनीति में डेरे का भरपूर असर हुआ करता था। विभिन्न दलों के बड़े-बड़े राजनेताओं को डेरे में नतमस्तक होते देखा गया। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत में डेरे का अहम रोल माना जाता है।

डेरा प्रमुख के हस्तक्षेप के बाद एक-दो विधायक तो मंत्री तक बनने में कामयाब हो गए थे। सिरसा, रोहतक, फतेहाबाद, करनाल, कुरुक्षेत्र और पंचकूला समेत कई जिलों डेरे का असर था करीब दो दर्जन विधानसभा सीटों पर डेरा प्रेमी किसी भी प्रत्याशी की हार जीत में अहम भूमिका निभाने का माद्दा रखते थे, मगर अब वह दौर खत्म हो चुका है।

यह भी पढ़ें: राम रहीम अब कभी खुली दुनिया में नहीं आ सकेगा, जानिये कोर्ट के फैसले की सबसे खास बात

डेरा प्रमुख को जब साध्वी यौन शोषण मामले में सजा सुनाई गई, तब डेरा प्रेमियों को लग रहा था कि गुरमीत जमानत पर बाहर आ सकता है। मगर अभी तक ऐसा नहीं हो सका। डेरा प्रेमियों ने गुरमीत राम रहीम के बाहर आने की आस बांधते हुए फिर से डेरों में सुमिरन चालू कर दिए। अब पत्रकार हत्याकांड में उम्रकैद के बाद इन डेरा अनुयायियों की तमाम उम्मीदों पर पानी फिर गया है।

यह भी पढ़ें: राम रहीम को एक और बड़ी सजा, छत्रपति हत्‍याकांड में उम्रकैद, 20 साल की सजा के बाद शुरू होगी

डेरा प्रमुख के अवसान से पार्टियों ने भी राहत की सांस ली है। चुनाव से पहले उन्हें मतदाताओं के पास कम और इस डेरे में अधिक चक्कर लगाने पड़ते थे। हालांकि कुछ नेता वोट के लालच में अभी भी खुले तौर पर डेरे का विरोध नहीं करते और उनके अनुयायियों की दलीलों का समर्थन करते दिखाई पड़ते हैैं,लेकिन राजनीतिक तौर पर अब डेरा प्रेमी अपने मन की आवाज के आधार पर वोट करेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.