Move to Jagran APP

हरियाणा शराब घोटाला: टीसी गुप्ता कमेटी की रिपोर्ट से बढ़ेगा सियासी बवाल, विजिलेंस जांच पर पेंच

Haryana Liquor Scam पर टीसी गुप्‍ता की एसईटी की रिपोर्ट के बाद मामले में सियासी बवाल बढ़ना तय है। अनिल विज व दुष्‍यंत चौटाला आमने-सामने हैं तो विजिलेंस जांच पर पेंच फंसा हुआ है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 10:29 AM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 10:29 AM (IST)
हरियाणा शराब घोटाला: टीसी गुप्ता कमेटी की रिपोर्ट से बढ़ेगा सियासी बवाल, विजिलेंस जांच पर पेंच
हरियाणा शराब घोटाला: टीसी गुप्ता कमेटी की रिपोर्ट से बढ़ेगा सियासी बवाल, विजिलेंस जांच पर पेंच

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा की सियासत में शराब घोटाले का मामला आने वाले समय में बड़ा गुल खिला सकता है। इसकी जांच के लिए वरिष्‍ठ आइएएस अफसर टीसी गुप्‍ता के नेतृत्‍व में बनाई गई एसईटी (विशेष जांच दल) की रिपोर्ट पर बवाल मचना तय है। इस मामले में राज्‍य के गृ‍हमंत्री अनिल विज और उपमुख्‍यमंत्री दुष्‍यंत चौटाला आमने-सामने आ गए हैं। मामले की जांच विजिलेंस से कराने पर भी अभी पेंच फंसा हुआ है।

loksabha election banner

सीनियर आइएएस अधिकारी टीसी गुप्ता के नेतृत्व वाली इस जांच रिपोर्ट को लेकर गृह मंत्री अनिल विज और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला पहले एक दूसरे के विभागों को कठघऱे में खड़ा कर चुके हैं। विज ने प्रदेश भर में शराब घोटाला होने का दावा करते हुए विजिलेंस जांच की सिफारिश की है। दूदुष्यंत का कहना है कि एसईटी की रिपोर्ट दुर्भावना से प्रेरित है और शराब को लेकर हुई अनियमितताओं में किसी एक विभाग का दोष नहीं है।

हरियाणा की मुख्य सचिव की सिफारिश पर तय होगी विजिलेंस जांच की कार्रवाई

 अपनी सरकार के दो दिग्गज मंत्रियों अनिल विज और दुष्यंत चौटाला के बीच तनातनी के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल हालांकि चौंकाने वाला बयान दे चुके हैं, लेकिन अब उन्होंने टीसी गुप्ता की जांच रिपोर्ट का अध्ययन करने के लिए पूरी रिपोर्ट मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा को सौंप दी है।

बता दें कि दुष्‍यंत चौटाला के एसईटी की रिपोर्ट पर सवाल उठाने के बाद मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने तीन दिन पहले फरीदाबाद में कहा था कि किसी के मानने या न मानने से कुछ नहीं होता। यदि कुछ गलत हुआ होगा तो उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद दुष्यंत के सुर धीमे पड़ गए थे।

सीएम ने अध्ययन करने के लिए मुख्य सचिव केशनी आनंद को सौंपी रिपोर्ट

 दुष्यंत के इस बयान के राजनीतिक मतलब हैं। उन्होंने संकेत में कह दिया कि यदि आबकारी विभाग की कोई गलती रही होगी तो पुलिस विभाग भी अपनी जिम्मेदारी से कैसे बच सकता है। एसईटी ने जितनी सिफारिशें अपनी रिपोर्ट में की हैं, उनमें से ज्यादातर सिफारिशें हरियाणा की आबकारी नीति में पहले से शामिल हैं। इसके विपरीत अनिल विज का कहना है कि यदि कहीं कोई खामी है तो उसी की जांच के लिए उन्होंने विजिलेंस इंक्वायरी की सिफारिश की है।

अनिल विज और दुष्यंत चौटाला पहले ही खड़े कर चुके एक दूसरे पर सवाल

 दरअसल, अनिल विज की सिफारिश को सरकार किसी सूरत में ठंडे बस्ते में नहीं डालना चाहती। यदि ऐसा हुआ तो विपक्ष खासकर हुड्डा और चौटाला हमलावर हो सकते हैं। लिहाजा प्रदेश सरकार द्वारा पूरे मामले की विजिलेंस जांच जरूर कराई जा सकती है, लेकिन विजिलेंस किस नतीजे पर पहुंचती है और वह कहां तक कार्रवाई करती है, यह देखने वाली बात हो सकती है। बता दें कि हुड्डा और चौटाला शराब घोटाले में सीबीआइ, हाईकोर्ट के सीटिंग जज और विधायकों की संयुक्त कमेटी में से किसी एक से जांच की मांग कर रहे हैं।

-------

'भ्रष्टाचार खत्म करने को ही बनाई थी एसईटी'

'' हमने एसईटी की रिपोर्ट को मंगवा लिया है। उसका अध्ययन करने के लिए मुख्य सचिव को रिपोर्ट भेज दी गई है। इस रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद जो भी फाइंडिंग आएंगी और जो सिफारिश की गई है, उसके आधार पर जल्द कोई न कोई कार्रवाई की जाएगी। भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए ही एसईटी बनाई गई थी।

                                                                                     - मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा।

-------

'तह तक पहुंचने के लिए विजिलेंस जांच जरूरी'

'' मैं एसईटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए पहले ही कह चुका हूं कि शराब घोटाला हुआ है। इस रिपोर्ट के आधार पर कहा जा सकता है कि पुलिस व आबकारी विभाग के उच्चाधिकारियों की गलतियां रही हैं। उनके विरुद्ध कार्रवाई की सिफारिश की गई है। अधिक गहराई तक पहुंचने की मंशा से हमने विजिलेंस जांच की सिफारिश की है।

                                                                                               - अनिल विज, गृह मंत्री, हरियाणा।

--------

'खामियां तो दूर होनी ही चाहिए'

'' एसईटी की नीयत ठीक नहीं लगती। रिपोर्ट में जिन 14 एफआइआर का दर्ज है, वे पुरानी हैं। किस मंशा से इनका जिक्र किया गया है और पुलिस के विरुद्ध क्या कार्रवाई हुई, यह नहीं बताया गया है। रिपोर्ट में जितनी सिफारिशें की गई, वह सभी राज्य की शराब पालिसी में हैं, जिन्हेंं कैबिनेट ने अप्रूव कर रखा है। अगर कहीं कोई खामी है तो इसमें कोई एक विभाग दोषी नहीं है। खामियां दूर होनी चाहिए और हम उसी के लिए काम कर रहे हैं।

                                                                                             - दुष्यंत चौटाला, डिप्टी सीएम, हरियाणा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.