खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी का एक और मौका, 15 मई तक कर सकेंगे आवेदन
सरकार की ओर से पहले चरण में अंतरराष्ट्रीय स्तर के पदक विजेता खिलाड़ियों से आउट-ऑफ-टर्न नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे गए हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के सरकारी विभागों में खिलाड़ियों की नियुक्ति के लिए विशेष भर्ती अभियान चलेगा। पहले चरण में अंतरराष्ट्रीय स्तर के पदक विजेता खिलाड़ियों से आउट-ऑफ-टर्न नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे गए हैं। पदकों के मुताबिक उन्हें ए, बी और सी श्रेणी के पदों पर नियुक्त किया जाएगा। भर्ती में केवल हरियाणा के खिलाड़ी ही आवेदन कर सकेंगे। ऑनलाइन फार्म जमा कराने की समय सीमा 15 मई निर्धारित की गई है।
खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग ने अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को रोजगार मुहैया कराने की नीति के तहत इस संबंध में पत्र जारी किया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर के पैरालंपिक खेलों के पदक विजेता खिलाड़ी भी आवेदन कर सकेंगे। सभी खिलाड़ियों को आवेदन के साथ खेल प्रमाणपत्र, हरियाणा अधिवासी प्रमाणपत्र तथा पूर्ण विवरण जमा कराना होगा। ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक विजेता को ग्रुप 'ए' के पद पर नियुक्त किया जाएगा। जबकि ओलंपिक के रजत, कांस्य पदक विजेता और एशियन गेम्स व कॉमनवेल्थ गेम्स के स्वर्ण पदक विजेता खिलाड़ियों को 'बी' कैटेगरी में नौकरी मिलेगी।
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इसके अलावा ओलंपिक खेलों के प्रतिभागी खिलाड़ियों, एशियन व कॉमनवेल्थ खेलों के रजत और कांस्य पदक विजेताओं या मान्यता प्राप्त खेल संगठनों द्वारा आयोजित विश्व कप सहित अन्य प्रतियोगिताओं के विजेता 'सी' श्रेणी के लिए आवेदन कर सकेंगे। खिलाड़ियों की पांच मार्च 2005 के बाद की खेल उपलब्धियों पर ही विचार किया जाएगा।
बता दें कि प्रदेश सरकार ने हाल ही में उत्कृष्ट खिलाड़ियों को प्रथम और द्वितीय श्रेणी की नौकरियों में तीन फीसद क्षैतिज (होरिजेंटल) आरक्षण देने की घोषणा की थी। सरकारी, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और स्थानीय निकायों में होने वाली सीधी भर्ती में खिलाड़ियो को इसका लाभ दिया जाएगा। प्रदेश में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी पदों के लिए खिलाड़ियों को पहले ही तीन फीसद कोटा दिया जा रहा है।
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गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने कार्यकाल में खेल कोटे के तहत प्रदेश के चार सौ से अधिक राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को पुलिस में नौकरियां दी थी। इनमें 18 खिलाड़ियों को डीएसपी, 21 को इंस्पेक्टर, 35 को सब इंस्पेक्टर और 336 को सिपाही के रूप में पुलिस सेवा में शामिल किया गया।