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हरियाणा में Powerful होंगे मेयर, Financial power बढ़ाने की तैयारी, CM ने बुलाई बैठक

हरियाणा सरकार मेयरों की वित्तीय पावर बढ़ाते हुए कुछ अन्य अधिकार दे सकती है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 18 जनवरी को चंडीगढ़ में मेयर व नगर निगम आयुक्तों की बैठक बुलाई है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 11 Jan 2020 07:20 AM (IST)Updated: Sat, 11 Jan 2020 05:01 PM (IST)
हरियाणा में Powerful होंगे मेयर, Financial power बढ़ाने की तैयारी, CM ने बुलाई बैठक
हरियाणा में Powerful होंगे मेयर, Financial power बढ़ाने की तैयारी, CM ने बुलाई बैठक

जेएनएन, चंडीगढ़। लंबे समय से अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे नगर निगमों के मेयर अब पावरफुल होंगे। प्रदेश सरकार नए साल में मेयरों की वित्तीय पावर बढ़ाते हुए कुछ अन्य अधिकार दे सकती है। इसके अलावा निगमों में आयुक्तों व मेयर की आपसी खींचतान को खत्म कर विकास की रणनीति बनाई जाएगी। इसके लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 18 जनवरी को चंडीगढ़ में मेयर व नगर निगम आयुक्तों की बैठक बुलाई है।

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बैठक को लेकर जहां सरकार अपनी तैयारी कर रही है वहीं मेयरों व पार्षदों ने भी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। निगम पार्षद मुख्यमंत्री के समक्ष एक-एक करोड़ रुपये के विकास कार्य कराने की शक्तियां देने का मुद्दा उठा सकते हैं जो लंबे समय से लंबित है। निगम क्षेत्र में बिल्डर द्वारा विकसित की गई सभी कालोनियों को निगम के अधीन किए जाने की मांग भी उठेगी। विभागीय जमीनों की एक्सचेंज पॉलिसी बनाने तथा विकास शुल्क की राशि में कमी कराने जैसे कई मुद्दों को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाने की तैयारी है।

हरियाणा में नगर निगम के मेयर इस बार सीधे चुनकर आए हैं। कई निगम ऐसे हैं जहां एक से अधिक विधानसभा क्षेत्रों का हिस्सा आने के कारण मेयर विधायकों से भी अधिक पावरफुल हैं। इसके चलते मेयरों द्वारा अधिकारियों की एसीआर लिखने की पावर की भी मांग की जा रही है। निगम के अलावा परिषदों में भी प्रधान के पास मेयर से ज्यादा पावर हैं। उन्हें चेक पर हस्ताक्षर करने के भी अधिकार हैं।

मेयरों का तर्क है कि सरकार द्वारा सीधे चुनाव तो करा दिए गए हैं, लेकिन मेयरों को अतिरिक्त अधिकार देने को लेकर अभी तक अधिसूचना जारी नहीं की गई है। अपनी मांगों को लेकर मेयर पहले भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात कर चुके हैं। इसके चलते अब मुख्यमंत्री ने निगम प्रतिनिधियों को एक मंच पर इकट्ठा करने की तैयारी की है। इस बैठक में नगर निगमों को स्वावलंबी बनाने को लेकर बात हो सकती है।

मुख्यमंत्री तथा गृहमंत्री अनिल विज के बीच चल रहे राजनीतिक विवाद में 18 जनवरी को होने वाली यह बैठक कई मायनों में अहम है। विज के पास स्थानीय निकाय विभाग भी है। निगमों के मेयर तथा निगम आयुक्त उनके अधीन आते हैं, लेकिन यह बैठक सीधे मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई है। इसके आयोजन का जिम्मा भी सीएमओ ही संभाल रहा है।

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