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ऐलनाबाद विधानसभा उपचुनाव के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर, जनवरी में हुई थी सीट खाली

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में ऐलनाबाद विधानसभा उपचुनाव जल्द कराने की मांग को लेकर याचिका दायर की गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि सरकार चुनाव आयोग को चुनाव कराने के लिए इनपुट नहीं दे रही है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 11:09 AM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 11:09 AM (IST)
ऐलनाबाद विधानसभा उपचुनाव के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर, जनवरी में हुई थी सीट खाली
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की फाइल फोटो।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। ऐलनाबाद विधानसभा सीट पर उप चुनाव करवाने की मांग को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के वकील संदीप गोयत ने ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र के कुछ मतदाताओं की तरफ से हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि अभय चौटाला के इस सीट से 27 जनवरी को त्यागपत्र देने के बाद इस क्षेत्र का कोई भी नुमाइंदा नहीं रहा, जिसका सीधा प्रभाव इस क्षेत्र के विकास कार्य पर पड़ रहा है।

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याचिका में कहा गया है कि नियमों के अनुसार छह माह के भीतर रिक्त सीट पर चुनाव करवाना अनिवार्य है। 27 जुलाई को इस सीट को रिक्त हुए छह माह का समय पूरा हो गया है। लगभग एक महीना पूर्व इस मांग को लेकर चुनाव आयोग को एक कानूनी नोटिस भी भेजा गया था, लेकिन समय सीमा पूरी होने के बाद अभी तक आयोग ने चुनाव के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया व इस मामले में अभी तक आयोग की तरफ से कोई ऐसा संकेत नहीं मिल रहा, जिससे साबित हो की आयोग चुनाव कराने को सोच रहा है।

चुनाव आयोग का कहना है कि चुनाव करवाने के लिए राज्य सरकार जब उसे इनपुट उपलब्ध कराएगी तभी वह चुनाव प्रोसेस शुरू कर सकता है। याचिका के अनुसार जब राज्य सरकार पंचायत चुनाव करवाने के मोड में है तो विधानसभा चुनाव करवाने के लिए चुनाव आयोग को इनपुट क्यों नहीं उपलब्ध करवा रही।

याचिका में कहा गया कि अब राज्य में कोरोना केस में काफी कमी आई है, सिरसा, जिस जिले में यह विधानसभा क्षेत्र है वहां केस की संख्या नाममात्र है। याचिका में कहा गया है कि अब सभी स्कूल, कालेज, सिनेमा व अन्य सब कुछ खोल दिया गया है तो चुनाव क्यों रोके गए हैं।

याचिका में बताया गया कि विशेषज्ञ व सरकार कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जता रहे है, ऐसे में तीसरी लहर के आने से पहले उप चुनाव करवाने का यह उचित अवसर है, क्योंकि कानूनन किसी भी क्षेत्र को उसके प्रतिनिधि का चुनाव करने से वंचित नहीं रखा जा सकता। याचिका में कई राज्य में कोरोना की लहर की बीच पंचायत व अन्य चुनाव करवाने का भी उदाहरण दिया गया।


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