लोगों को स्वच्छ सासें मिलें, इसके लिए सड़कों पर लगेंगे एयर प्यूरीफायर
राजेश मलकानिया, पंचकूला : लोगों की जिंदगी को बढ़ाने और स्वच्छ सासें देने के लिए नगर निगम ए
राजेश मलकानिया, पंचकूला : लोगों की जिंदगी को बढ़ाने और स्वच्छ सासें देने के लिए नगर निगम एक पायलट प्रोजेक्ट पंचकूला में लागू करेगा, जिसमें शहर की सड़कों पर एयर प्यूरीफायर और फिल्टर लगाए जाएंगे। यह प्यूरीफायर हवा में उड़ रहे जहरीले पार्टीकल को खींचेंगे, जिससे साफ हवा लोगों को मिलेगी। आकड़े बताते हैं एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 तक होना चाहिए। इससे ज्यादा होना खतरनाक है। पंचकूला में इस समय एक्यूआइ 36 है, चंडीगढ़ में 29 और मोहाली में 32 है। जोकि ट्राईसिटी में बेहतर है। परंतु नगर निगम पंचकूला लोगों की सेहत को अच्छा रखने के लिए अब सार्वजनिक स्थानों पर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पहले एक एयर प्यूरीफायर लगाएगा, ताकि हवा के जरिये नाक से शरीर में जाने वाले खतरनाक कणों को साफ किया जा सके। सेक्टर-7,8 के चौक पर लगाया जाएगा एयर प्यूरीफायर
नगर निगम के प्रशासक राजेश जोगपाल ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से आकड़े जुटाने के बाद फैसला किया गया है कि पंचकूला में पहले एक एयर प्यूरीफायर सेक्टर 7-8 के चौक पर लगाया जाएगा, जिसके बाद वहीं हवा की क्वालिटी चेक की जाएगी, अगर रिजल्ट अच्छे रहे, तो शहर में अन्य जगह यह लगाए जाएंगे। यह है वायु प्रदूषण
वातावरण में रसायन तथा अन्य सूक्ष्म कणों के मिश्रण को वायु प्रदूषण कहते हैं। सामान्यत: वायु प्रदूषण कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, क्लोरोफ्लोरोकार्बन (सीएफसी) और उद्योग और मोटर वाहनों से निकलने वाले नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसे प्रदूषको से होता है। धुंआ वायु प्रदूषण का परिणाम है। धूल और मिट्टी के सूक्ष्म कण सास के साथ फेफड़ों में पहुंचकर कई बीमारिया पैदा कर सकते हैं। हवा में अवाछित गैसों की उपस्थिति से मनुष्य, पशुओं तथा पक्षियों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इससे दमा, सर्दी-खांसी, अंधापन, श्रवण शक्ति का कमजोर होना, त्वचा रोग जैसी बीमारिया पैदा होती हैं। लंबे समय के बाद इससे जननिक विकृतियां उत्पन्न हो जाती हैं और अपनी चरमसीमा पर यह घातक भी हो सकती हैं। सर्टिफिकेट देने पर भी होगी चेकिंग
नगर निगम द्वारा रीजनल ट्रासपोर्ट अथॉरिटी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को एक पत्र लिखा जाएगा, जिसमें उनसे आग्रह किया जाएगा कि जब भी बड़ी गाड़ियों एवं फैक्ट्रियों को सर्टीफिकेट दिए जाते हैं, उनके प्रदूषण की पूरी चेकिंग हो, ताकि हवा में प्रदूषण न फैले। कूड़ा जलाने पर होगा चालान
नगर निगम द्वारा अब कूड़ा जलाने पर भी कठोर कदम उठाए जा रहे हैं। जो भी कूड़ा जलाते हैं, उन्हें रोकने के लिए 5000 रुपये जुर्माना लगाने का प्रावधान कर दिया गया है। हाल ही में दो दिन लोगों का चालान किया गया है। साथ पार्क डेवलपमेंट सोसायटियों से भी आग्रह किया गया है कि पार्को से निकलने वाले सूखे पत्तों एवं अन्य कचरे की कंपोस्ट खाद बनाई जाए। मैं सभी शहरवासियों से निवेदन करता हूं कि वह हवा में फैलने वाले प्रदूषण को कम करने में सहयोग दें। कार पूल करके जाएं। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें। शहर में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर एयर प्यूरीफायर लगाने की योजना है, ताकि लोगों को स्वस्थ हवा मिले और लोगों की आयु लंबी हो सके।
-राजेश जोगपाल, प्रशासक, नगर निगम, पंचकूला प्रदूषण एक प्रमुख पर्यावरणीय मुद्दा बन गया है, क्योकि यह हर आयुवर्ग के लोगों और जानवरों के लिए स्वास्थ्य का खतरा है। हाल के वर्षो में प्रदूषण की दर बहुत तेजी से बढ़ रही है, क्योकि औद्योगिक अपशिष्ट पदार्थ सीधे मिट्टी, हवा और पानी में मिश्रित हो रही हैं। हालाकि हमारे देश में इसे नियंत्रित करने के लिए पूरा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसे गंभीरता से निपटने की जरूरत है, अन्यथा हमारी आने वाली पीढ़ी बहुत ज्यादा भुगतेगी।
-सुमन मोर, एचओडी, पर्यावरण विज्ञान कोहरे में मिले होते हैं धुआं और मिट्टी
वायु प्रदूषण से सर्दियों में कोहरा छाया रहता है, जिसका कारण धुएं तथा मिट्टी के कणों का कोहरे में मिला होना है। इससे प्राकृतिक दृश्यता में कमी आती है तथा आंखों में जलन होती है और सांस लेने में कठिनाई होती है। वायु प्रदूषण से सर्दियों में कोहरा छाया रहता है, जिसका कारण धुएं तथा मिट्टी के कणों का कोहरे में मिला होना है। इससे प्राकृतिक दृश्यता में कमी आती है तथा आंखों में जलन होती है और सांस लेने में कठिनाई होती है। ओजोन परत, हमारी पृथ्वी के चारों ओर एक सुरक्षात्मक गैस की परत है। जो हमें सूर्य से आनेवाली हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाती है। वायु प्रदूषण के कारण जीन अपरिवर्तन, अनुवांशिकीय तथा त्वचा कैंसर के खतरे बढ़ जाते हैं। वायु प्रदूषण के कारण पृथ्वी का तापमान बढ़ता है, क्योंकि सूर्य से आने वाली गर्मी के कारण पर्यावरण में कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन तथा नाइट्रस ऑक्साइड का प्रभाव कम नहीं होता है, जो कि हानिकारक है।