Move to Jagran APP

कोरोना से स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति अलर्ट हुए लोग, मेडिकल बीमा क्षेत्र के लिए खुले नए द्वार

कोरोना वायरस के कारण लोगों में अपने स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति जागरूकता आई है। लोग मेडिकल बीमा ले रहे हैं। कोरोना संकट के बाद स्‍वास्‍थ्य बीमा कराने वालाें की संख्‍या 20 फीसद बढ़ी है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 29 Apr 2020 07:42 PM (IST)Updated: Wed, 29 Apr 2020 07:42 PM (IST)
कोरोना से स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति अलर्ट हुए लोग, मेडिकल बीमा क्षेत्र के लिए खुले नए द्वार
कोरोना से स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति अलर्ट हुए लोग, मेडिकल बीमा क्षेत्र के लिए खुले नए द्वार

चंडीगढ़, जेएनएन। कोरोना से मजबूती से लड़ रहे हरियाणा में महामारी ने सेहत पर निजी और सार्वजनिक खर्च में खासी बढ़ोतरी की नींव तैयार कर दी है। हालांकि पिछले महीने पारित हुए बजट में भी स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटित धनराशि में रिकॉर्ड इजाफा किया गया है, लेकिन स्वास्थ्य ढांचे को दुरुस्त करने के लिए विशेष पैकेज की दरकार है। महामारी के पैर पसारने के बाद प्रदेश में स्वास्थ्य बीमा कराने का चलन बढ़ा है। पिछले एक महीने के दौरान ही स्वास्थ्य बीमा लेने वाले लोगों की संख्या करीब 20 फीसद बढ़ी है।

loksabha election banner

स्वास्थ्य बीमा लेने वाले लोगों की संख्या करीब 20 फीसद बढ़ी

जिस तरह सरकारी अस्पतालों में उपचाराधीन कोरोना के मरीज तेजी से ठीक हो रहे, उससे हरियाणा में दूसरे राज्यों की तुलना में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के दावे पर मुहर लगी है। यह बढ़ोतरी टेलीफोन पर पूछताछ कर बीमा कवर कराने वालों की दर्ज हुई है। लॉकडाउन खुलेगा तो इसमें और इजाफा होगा।इसके बावजूद स्वास्थ्य क्षेत्र में काफी कुछ किया जाना जरूरी है। हर जिले में मेडिकल अस्पताल का सपना अभी अधूरा है।

स्वास्थ्य बजट में रिकॉर्ड बढ़ोतरी के बावजूद विशेष पैकेज की दरकार

तमाम कोशिशों के बावजूद डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी पूरी नहीं होने से सरकारी अस्पतालों का सिस्टम सुधर नहीं पाया है। यूं तो सरकारी अस्पतालों में 462 दवाइयां, 226 मेडिकल उपकरण, 121 प्रोगाम मेडिसंस, 87 डेंटल मैटीरियल और 228 माइनर सर्जरियों की मुफ्त सुविधा है।

इसी तरह एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, ईसीजी, रेफरल परिवहन तथा इंडोर उपचार की मुफ्त सुविधा है, लेकिन सरकारी अस्पतालों में दवाओं और उपकरणों की कमी से मरीजों के लिए निजी अस्पतालों  में जाने के सिवाय कोई चारा नहीं होता।

कैंसर जैसी बीमारियां बढ़ा रही मुश्किलें

प्रदेश में हर दो घंटे में कैंसर से एक मौत हो रही है। पिछले पांच साल में करीब आठ हजार नए लोग कैंसर की चपेट में आ गए।  मृतकों की संख्या भी दोगुनी तक जा पहुंची। महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर, जबकि पुरुषों में फेफड़ों, पेट, खून और गले का कैंसर तेजी से बढ़ रहा है। वहीं, अगले तीन साल में कुपोषण मुक्त होने का लक्ष्य लेकर चल रहे प्रदेश में वर्तमान में 34 फीसद बच्चों का कद कम है तो 29.4 फीसद का वजन मानकों के अनुरूप नहीं। करीब 21.2 फीसद बच्चे शारीरिक कमजोरी के शिकार हैं।

प्रदेश में स्वास्थ्य ढांचा

डॉक्टर-                                          5,749

महिला डॉक्टर-                                3098

पुरुष चिकित्सक-                             2651

अस्पताल-                                       63

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र-                     515

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र-                  128

आयुर्वेद, होम्योपैथी व यूनानी संस्थान- 739

मेडिकल कॉलेज-                                11

मेडिकल कॉलेजों में सीट-                    1450

--------------

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की प्रक्रिया होगी तेज

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार पर नीति आयोग ने भी मुहर लगाई है। पिछले पांच वर्षों में विशेषज्ञ चिकित्सक 21 फीसद बढ़े हैं। सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने का लक्ष्य 2022 तक पूरा होने के बाद हर साल दो हजार नए डॉक्टर मिल सकेंगे। नए नॄसग कॉलेज खोले जा रहे हैं जिससे पैरामेडिकल स्टाफ की कमी दूर होगी। बच्चों के लो-बर्थ वेट, नवजात मृत्यु दर, पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर व मातृ मृत्यु दर में सुधार, संस्थागत डिलिवरी में इजाफा, अस्पतालों की ग्रेडिंग एवं एनएबीएच/एनक्यूएएस सत्यापन प्रमाणपत्र युक्त होना, लिंगानुपात तथा विशेषज्ञों, चिकित्सों एवं स्टॉफ की उपलब्धता सहित 23 मानकों पर उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

-------------

स्वास्थ्य बीमा में कवर कोरोना जैसी बीमारियां

बीमा नियामक इंश्योरेंस रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (इरडा) ने सभी बीमा कंपनियों को सुझाव दिया है कि वे ऐसी पालिसी बनाएं जिसमें कोरोना वायरस के इलाज का खर्च भी कवर होता हो। इसके अलावा इरडा ने कंपनियों से कोरोना वायरस के इलाज से संबंधित दावों का तेजी से निपटान करने को भी कहा है।

--------

'जान है तो जहान है, यही हमारा मूल मंत्र

'' जान है तो जहान है। यही हमारा मूल मंत्र है। इसके अनुसार ही स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतरीन करने पर काम कर रहे। लिंगानुपात में सुधार के साथ ही मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर में कमी लाते हुए संस्थागत प्रसूतियों की संख्या सौ फीसद तक ले जाने का लक्ष्य है। हमने तीन साल में बच्चों को कुपोषण और किशोरियों व महिलाओं को अनिमिया मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। तीस साल से अधिक उम्र के सभी लोगों की मधुमेह, उच्च रक्तचाप, स्तन कैंसर, सर्वाइकल तथा मुख कैंसर जैसे प्रमुख रोगों की जांच मुफ्त होगी। आयुष्मान भारत योजना का दायरा बढ़ाते हुए दूसरे तबकों को भी इसका फायदा दिलाएंगे।

                                                                                                     - मनोहरलाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा।

यह भी पढ़ें: LTC व DA के बाद अब हरियाणा कर्मच‍ारियों के अन्‍य भत्‍तों में कटौती की तैयारी, सरकार का संकेत

यह भी पढ़ें: अकेले रह रहे 75 साल के बुजुर्ग ने फेसबुक पर लिखा- मेरा बर्थडे है, Cake संग पहुंची तो रो पड़े

यह भी पढ़ें: 66 साल पूर्व नंगल बना था भारत-चीन में 'पंचशील समझौता' का गवाह, मिले थे नेहरू व चाऊ

यह भी पढ़ें: आर्थिक संकट से निपटने को बड़ा कदम: हरियाणा में एक साल तक नई भर्ती पर रोक, कर्मचारियों की एलटीसी बंद

यह भी पढ़ें: अनिल विज ने कहा- दिल्‍ली के कर्मचारी हरियाणा में बने कोरोना वाहक, केजरी इस पर रोक लगाएं


यह भी पढ़ें: महिला IAS मामले में केंद्रीय मंत्री गुर्जर का बड़ा बयान, कहा- 'रानी बिटिया' संग नहीं होने देंगे नाइंसाफी


पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.