'सेवा का एक वर्ष पूरा करने वाले कर्मचारी को इनक्रिमेंट से नहीं किया जा सकता वंचित', हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने कहा है कि यदि कोई कर्मचारी सेवा का एक वर्ष पूरा करता है, तो उसे वार्षिक वेतन वृद्धि से वंचित नहीं किया जा सकता, भले ...और पढ़ें

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने कहा है कि यदि कोई कर्मचारी सेवा का एक वर्ष पूरा करता है, तो उसे वार्षिक वेतन वृद्धि से वंचित नहीं किया जा सकता (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि कोई भी कर्मचारी यदि सेवा का पूरा एक वर्ष पूरा कर लेता है, तो केवल सेवानिवृत्ति की तिथि वार्षिक वेतन वृद्धि (इन्क्रीमेंट) पड़ने से एक दिन पहले होने के कारण उसे इस वैधानिक अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता।
अदालत ने इसे “वास्तविक सेवाओं के प्रतिफल” के रूप में वर्णित किया और कहा कि महज़ तकनीकी आधार पर ऐसे अधिकार रोकना संवैधानिक समानता के सिद्धांतों का उल्लंघन है।
यह निर्णय जस्टिस संदीप मोदगिल ने बीएसएफ के सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर राजबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
राजबीर सिंह, जिन्हें 5 सितंबर 1979 को कांस्टेबल के रूप में भर्ती किया गया था, लंबी सेवा के बाद 30 जून 2016 को सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने 1 जुलाई 2015 से 30 जून 2016 तक पूरा वर्ष सेवाएं दीं, लेकिन बीएसएफ ने उन्हें 1 जुलाई 2016 को देय वार्षिक वेतन वृद्धि केवल इसलिए देने से इनकार कर दिया क्योंकि उनकी सेवानिवृत्ति की तिथि वृद्धि पड़ने से एक दिन पूर्व थी।
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि पूर्ण वर्ष की सेवा के बावजूद वार्षिक वृद्धि न देना अवैध, मनमाना और स्थापित कानूनी सिद्धांतों के विपरीत है।
उन्होंने यह भी कहा कि बीएसएफ ने उनके लंबित 316 दिनों की अर्जित छुट्टी के नकदीकरण (लीव एनकैशमेंट) और 7वें वेतन आयोग के तहत देय रिटायरमेंट टीए/डीए को भी अस्वीकार कर दिया, जबकि 7वां केंद्रीय वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से प्रभावी हो चुका था।
वहीं, केंद्र ने अपने जवाब में कहा कि चूंकि राजबीर सिंह 1 जुलाई 2016 को सेवा में नहीं थे, इसलिए उन्हें वेतन वृद्धि का कोई कानूनी अधिकार प्राप्त नहीं होता। बीएसएफ ने दावा किया कि उनका वेतन निर्धारण सही पाया गया है और किसी विसंगति की गुंजाइश नहीं है।
सभी पक्षों को सुनने के बाद, हाई कोर्ट ने बीएसएफ को आदेश दिया कि वह चार सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता को संशोधित लाभ जारी करे, जिसमें एक जुलाई 2016 को देय वार्षिक वेतन वृद्धि, 7वें वेतन आयोग अनुरूप टीए/डीए, तथा अन्य संबंधित बकाया राशि शामिल हैं।

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