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HC ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के पूर्व मैनेजर कृष्ण लाल की पैरोल की अर्जी खारिज की

डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीेम के पूर्व मैनेजर कृष्‍णलाल की पैराेल की अर्जी खारिज कर दी गई है। इससे पहले गुरमीत राम रहीम की पैरोल अर्जी भी तीन बार खारिज हो चुकी है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 12 May 2020 08:04 PM (IST)Updated: Tue, 12 May 2020 08:04 PM (IST)
HC ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के पूर्व मैनेजर कृष्ण लाल की पैरोल की अर्जी खारिज की
HC ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के पूर्व मैनेजर कृष्ण लाल की पैरोल की अर्जी खारिज की

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पत्रकार छत्रपति रामचंद्र हत्या कांड में डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह के सहयोगी व पूर्व डेरा मैनेजर कृष्ण लाल को पैरोल की मांग खारिज कर दी। हाई कोर्ट ने कृष्‍णलाल को याचिका वापस लेने की छूट दे दी। कृष्ण लाल इस समय अंबाला जेल में उम्र कैद की सजा काट रहा है। याचिका में  कृष्ण लाल ने अंबाला जेल सुपरिटेंडेंट के 2 मई के उस आदेश को भी रद करने की मांग की थी जिसमें उसकी  पैरोल की मांग को खारिज कर दिया  था।

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सीबीआइ ने जताया था विरोध, पैरोल के बादवापस आने पर जताई थी शंका

हाई कोर्ट को बताया गया कि याची की  माता का 1 मई को देहांत हो गया था व 13 मई को उसकी माता की तेरहवीं है। इसको लेकर उसने अंबाला जेल सुपरिंटेंडेंट को एक पत्र देकर दो सप्ताह की पैरोल देने की मांग की थी। लेकिन अंबाला जेल सुपरिटेंडेंट ने सिरसा के एसएचओ की उस रिपोर्ट जिसमें कहा गया था कि कृष्ण लाल को पैरोल देने से कानून व्यवस्था बिगड़ सकती का हवाला देकर उनकी मांग खारिज कर दी।

माता की तेरहवीं में शामिल होने के लिए मांगा था दो सप्ताह की पैरोल

कोर्ट को बताया गया कि ट्रायल के दौरान याची कई साल तक जमानत पर बाहर रहा व उसने कभी कानून के खिलाफ काम नहीं किया। उसकी माता के अंतिम कार्यक्रम में भाग लेना उसका अधिकार भी है। ऐसे में उसे पैरोल दी जाए। 

सुनवाई के दौरान सीबीआइ की तरफ से जमानत का विरोध जताते हुए कहा गया कि उनको इस बात की जानकारी मिली है कि अगर कृष्ण लाल को पैरोल दी जाती है तो वह वापिस नहीं आएगा। इस समय कोरोना के चलते पुलिस व प्रशासन पर  पहले ही काफी दवाब है ऐसे में अगर उसे पैरोल दी जाती है तो अंबाला से लेकर सिरसा के बीच 240 किलोमीटर में सुरक्षा प्रबंध को लेकर प्रशासन पर दवाब पड़ेगा।

सीबीआइ ने कहा कि याची डेरा का पूर्व मैनेजर रहा है, इस कारण काफी संख्या में लोग एकत्रित को सकते है जिससे कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। याची रणजीत सिंह मर्डर केस में भी आरोपी है और उस केस का ट्रायल अंतिम चरण में है। याची के दो और भाई है वो उसकी माता की सभी अंतिम रस्म पूरी कर सकते है, इस लिए याची को पैरोल नहीं दी जानी चाहिये।  मंगलवार को जस्टिस  जितेंद्र चौहान व जस्टिस अर्चना पुरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करते हुए  कृष्ण लाल की पेरौल की मांग को खारिज करते हुए याचिका वापिस लेने की छूट दे दी।


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