जनवरी में मिलेगा पंचकूला को नया मेयर, सभी पार्टियां उतारेंगी उम्मीदवार
निगम पंचकूला से पिंजौर और कालका को अलग करने का फैसला हो गया है।
राजेश मलकानियां, पंचकूला : नगर निगम पंचकूला से पिंजौर और कालका को अलग करने का फैसला हो गया है। यदि सब कुछ ठीक रहा, तो पंचकूला को नया मेयर और पिजौर एवं कालका नगर परिषद को प्रधान जनवरी 2021 में मिल जाएगा। जितना मर्जी जोर लगा लें, जनवरी से पहले किसी भी हालत में नगर निगम के चुनाव नहीं हो पाएंगे। सरकार के प्रस्ताव के अनुसार नए निगम के चुनाव हुए, तो एरिया डिलीट की नोटिफिकेशन, ऐतराज मांगने, नए सिरे से वार्डबंदी, ड्राफ्ट नोटिफिकेशन, फाइनल नोटिफिकेशन, नए सिरे से वार्ड की रिजर्वेशन, ड्राफ्ट वोटर लिस्ट, वोटर्स के क्लेम, ऑब्जेक्शन, फाइनल वोटर लिस्ट पब्लिकेशन से लेकर चुनाव की घोषणा में कम से कम छह महीने लग जाएंगे। पंचकूला में अलग नगर निगम का गठन करने के लिए 2011 की जनगणना के बजाय बीते दशकों में पॉपुलेशन के एवरेज ग्रोथ को ध्यान में रखकर वर्ष 2018 की आबादी को मद्देनजर रखने का हरियाणा गवर्नमेंट ने लिया है। ऐसे में पिजौर, कालका व वहां के गांवों को पंचकूला एमसी एरिया से बाहर कर दिया जाएगा। अलग-अलग एमसी बॉडी बनाने की नोटिफिकेशन होगी जारी
कैबिनेट ने हरियाणा नगर पालिका (संशोधन) अधिनियम-2018 को मंजूरी दे दी थी। इस आधार पर अब हरियाणा गवर्नमेंट पंचकूला नगर निगम के एरिया को दो हिस्सों में बांटकर अलग-अलग एमसी बॉडी बनाने की नोटिफिकेशन करेगी। नोटिफिकेशन में पंचकूला नगर निगम से हटाए जाने वाले एरिया का जिक्र किया जाएगा। रूल्स के मुताबिक लोगों से इस नोटिफिकेशन पर ऑब्जेक्शन मांगे जाएंगे। लोगों को ऑब्जेक्शन दायर करने के लिए 30 दिन का समय देना होगा। इसके बाद वार्डबंदी का प्रोसेस शुरू कर सकेंगे। वार्डबंदी में लगेगा 15 दिन का समय
वार्डबंदी में भी कम से कम 15 दिन का समय लगेगा। इसके बाद नई वार्डबंदी की ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी होगी। इसमें पंचकूला नगर निगम का एरिया बदलने पर बरवाला के कुछ गांवों को शामिल करना पड़ेगा। कुछ वार्डो के एरिया में भी बदलाव होगा। जिस वार्ड में जनसंख्या ज्यादा होगी, उसका एरिया छोटा किया जाएगा। ड्राफ्ट नोटिफिकेशन के 15-20 दिन बाद फाइनल नोटिफिकेशन जारी की जाएगी। इसके बाद वार्डो की रिजर्वेशन के प्रोसेस में 15 से 20 दिन लगेंगे। इसमें महिलाओं, पिछड़ी जातियों के लिए नए सिरे से वार्ड रिजर्व होंगे। इसके 15 दिन बाद ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की जाएगी। इस बार जातीय समीकरण रहेंगे हावी
इस बार मेयर का सीधा चुनाव होने के चलते कई समीकरणों को ध्यान में रखा जाएगा। जातीय समीकरण के अलावा उन चेहरों को मैदान में उतारा जाएगा, जो बेदाग होगा। साथ ही जो शहरी और ग्रामीण इलाके में लोगों के बीच रहता हो। हालांकि अभी तक किसी भी पार्टी का मेयर का कोई भी ऐसा उम्मीदवार नहीं है, जोकि लगातार लोगों से जनसंपर्क कर रहा हो। इक्का-दुक्का कार्यक्रम नेता घरों में करवा रहे हैं। पार्टियों से ये नेता हैं दावेदार
कांग्रेस से मेयर पद के लिए प्रबल दावेदार उपिद्र कौर आहलुवालिया, प्रदेश प्रवक्ता रंजीता मेहता, पूर्व उपप्रधान तरसेम गर्ग, वरिष्ठ नेता पवन मित्तल भी मैदान में उतर सकते हैं। चंद्रमोहन के समर्थक रविद्र रावल भी मेयर का सीधे तौर पर चुनाव लड़ सकते हैं।
-भाजपा की टिकट लेने वालों की भी कमी नहीं है। वरिष्ठ नेता कुलभूषण गोयल सशक्त उम्मीदवार हैं, वह विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। इसके अलावा तीन बार पूर्व पार्षद सीबी गोयल भी लाइन में हैं। पूर्व डिप्टी मेयर सुनील तलवाड़, विशाल सेठ पंजाबी समुदाय से हैं, वह भी मेयर के लिए दावेदार हैं। जिला अध्यक्ष दीपक शर्मा या महासचिव हरिद्र मलिक पर भी दांव पार्टी खेल सकती है।
-इनेलो से पूर्व नगर परिषद प्रधान सीमा चौधरी दावेदार हैं। सीमा चौधरी महिला इनेलो की प्रधान भी हैं। जननायक जनता पार्टी से पूर्व कार्यकारी अधिकारी ओपी सिहाग मैदान में उतरने का दम रखते हैं। वह पिछले लंबे समय से पंचकूला में ईओ रह चुके हैं। साथ ही नौकरी में आने से पूर्व छात्र संघों में सक्रिया रहे हैं। हाल में ही जजपा के गठन के बाद वह पंचकूला में सक्रिय हैं।
-इसके अलावा मनोज अग्रवाल बनिया समुदाय से होने के चलते मैदान में उतर सकते हैं। पंचकूला हलका प्रधान मनोज अग्रवाल भी चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। आम आदमी पार्टी से मेयर पद के लिए सुरेंद्र राठी दावा ठोंक सकते हैं।