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पंचकूला बना खुले में शौचमुक्त, अब स्वच्छता रैं¨कग सुधारने पर जोर

पंचकूला को केंद्र सरकार ने पूरी तरह खुले में शौचमुक्त घोषित कर दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 07:49 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 07:49 PM (IST)
पंचकूला बना खुले में शौचमुक्त, अब स्वच्छता रैं¨कग सुधारने पर जोर
पंचकूला बना खुले में शौचमुक्त, अब स्वच्छता रैं¨कग सुधारने पर जोर

जागरण संवाददाता, पंचकूला : नगर निगम पंचकूला को केंद्र सरकार ने पूरी तरह खुले में शौचमुक्त घोषित कर दिया गया है। सरकार की ओर से पंचकूला नगर निगम को ओडीएफ का सर्टिफिकेट दे दिया गया है। अब पंचकूला की स्वच्छता रैं¨कग को सुधारने के लिए नगर निगम की टीम ने ताकत झोंक दी है। सेक्टर-20 पंचकूला आंगनबाड़ी में स्वच्छ मंच और नगर निगम की ओर से लोगों को स्वच्छ पंचकूला के लिए जागरूक किया जा रहा है। निगम के प्रशासक राजेश जोगपाल ने बताया कि पिछले वर्षों के दौरान पंचकूला स्वच्छ भारत मिशन के तहत साफ-सफाई की निगरानी करने के तौर-तरीकों में बड़ा बदलाव आया है। अब साफ-सफाई के कार्यो का आकलन बनाए गए शौचालयों की संख्या के आधार पर नहीं, बल्कि ऐसे वार्डो और शहरों की संख्या के आधार पर करता है, जहां शौचालय बनाए गए हैं। किसी शहर को ओडीएफ प्रमाण पत्र देने से पहले ओडीएफ के लिए तय प्रोटोकॉल का अनुपालन पूरी सख्ती के साथ किया गया है। जोगपाल ने ईओ जरनैल ¨सह को बधाई देते हुए कहा कि अब वह ओडीएफ प्लस और स्वच्छ रैं¨कग सुधारने के लिए जुट जाएं। लोगों को किया जा रहा है जागरूक

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स्वच्छ मंच और नगर निगम द्वारा शुक्रवार को लोगों को बताया गया कि इस बार लोगों की भागीदारी बहुत जरूरी है। वे अपने मोबाइल से अधिक से अधिक स्वच्छ पंचकूला के बारे में अपने विचार दें। अकाल ज्योति स्कूल ¨पजौर, याद¨वद्रा गार्डन ¨पजौर, देवीनगर सेक्टर-3 में जागरूकता अभियान चलाया गया और स्वच्छ मैप के बारे में जानकारी दी गई। 12 मानकों के आधार पर होता है आकलन

स्वच्छ मंच के डॉ. प्रवीण चौधरी के नेतृत्व में टीम द्वारा शहर में विभिन्न स्थानों पर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। लोग भी इन अभियानों में अपनी रूचि दिखा रहे हैं। लोगों ने संकल्प लिया है कि वे इस बार पंचकूला में टॉप-100 में लाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। स्वच्छ मंच की टीम ने बतया कि स्टार रे¨टग के लिए मंत्रालय द्वारा निर्धारित 12 मानकों के आधार पर शहरों का आकलन किया जाएगा। इसमें शहरों में नालियों और जल स्त्रोतों की साफ सफाई, प्लास्टिक कचरा प्रबंधन, निर्माण और तोड़फोड़ की गतिविधियों के दौरान निकलने वाले कचरे के निपटान आदि बातें शामिल हैं। समीक्षा के बाद की जाती है रेटिंग

इन कार्यों की कड़ी समीक्षा के बाद ही किसी शहर को स्टार रे¨टग दी जाएगी। सर्वेक्षण के लिए डाटा संकलन का काम नीचे दर्शाए गए चार प्रमुख स्त्रोतों से किया जाएगा, जिनमें सेवा स्तर पर हुई प्रगति, प्रत्यक्ष निगरानी, लोगों से प्राप्त फीडबैक और प्रमाणन शामिल है। सेवा स्तर पर हुई प्रगति की श्रेणी में एक नया घटक जोड़ा गया है, जिसे नीचे दिए गए चित्र के जरिये दर्शाया गया है। प्रमाणन (कचरा और खुले में शौच से मुक्त शहरों के लिए स्टार रे¨टग का प्रोटोकॉल) आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने शहरों को स्टार रे¨टग देने के लिए दो अलग-अलग मानक निर्धारित किए हैं।


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