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KM स्‍कीम की 510 बसों के टेंडर रद करने को हाई कोर्ट में चुनौती, सरकार को नोटिस जारी

हरियाणा रोडवेज में किलोमीटर स्‍कीम के तहत 510 बसों का टेंडर रद करने को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। ये निजी बसें किलोमीटर स्‍कीम के तहत हरियाणा रोडवेज द्वारा चलाई जानी थी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 28 Aug 2019 07:09 PM (IST)Updated: Thu, 29 Aug 2019 08:58 PM (IST)
KM स्‍कीम की 510 बसों के टेंडर रद करने को हाई कोर्ट में चुनौती, सरकार को नोटिस जारी
KM स्‍कीम की 510 बसों के टेंडर रद करने को हाई कोर्ट में चुनौती, सरकार को नोटिस जारी

चंडीगढ़,जेएनएन। हरियाणा के परिवहन विभाग में शुरू की गई प्राइवेट बसें किराये पर हायर करने की किलोमीटर स्कीम सरकार के लिए जी का जंजाल बन गई है। अब ट्रांसपोर्टरों ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर कर  510 बसों के टेंडर (एग्रीमेंट) रद करने के आदेश को चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने इसके बाद हरियाणा सरकार को नोटिस जारी की पूछा है कि इस आदेश पर रोक लगा दी जाए। 

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हाई कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर पूछा क्यों न सरकार के आदेश पर रोक लगा दे

बमा दें कि हरियाणा सरकार ने 510 बसों के एग्रीमेंट को रद कर दिया था। याचिका में ट्रांसपोर्टरों ने कहा है कि उन्होंने बैंकों से लोन लेकर बस खरीदी थी लेकिन सरकार ने अब बिना किसी कारण टेंडर रद कर दिया। याचिका में कहा गया है कि सरकार बताए कि उनका क्या कसूर है। उनकी बसें खड़ी हैं और वे बैंक के लोन तक नहीं चुका पा रहे।

याचिका में आरोप लगाया गया कि उन्होंने सरकार के नियमों के तहत टेंडर में भाग लिया था और सभी नियमों की पालना की थी ऐसे में सरकार ने दवाब के चलते यह निर्णय लिया है। याचिका में प्रदेश सरकार के आदेश को रद करने की मांग की गई हैं। हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार व अन्य सभी प्रतिवादी पक्ष को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

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ज्ञात रहे कि किलोमीटर स्कीम के तहत पिछले साल जहां 510 बसों के टेंडर 31 से 37 रुपये प्रति किलोमीटर तक दिए गए थे, वहीं बाद में 190 बसों के लिए टेंडर 20 रुपये से भी कम आए। मामले में कुछ अफसरों और ट्रांसपोर्टरों की भूमिका पर सवाल उठाते हुए हरियाणा रोडवेज तालमेल कमेटी ने हड़ताल भी की थी। बाद में रोडवेज तालमेल कमेटी व कुछ अन्य पक्षों ने इस मामले को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की।

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कमेटी का आरोप था कि परमिट देने में धांधली हुई है। मामला कोर्ट में जाने के बाद सरकार ने परमिट की विजिलेंस जांच के आदेश दिए थे जिसमें धांधली की शिकायत आई थी बाद में सरकार ने 510 बसों के टेंडर रद कर दिए थे। इस मामले में सरकार ने हाई कोर्ट को बताया था कि किलोमीटर स्कीम में घपला हुआ है और विजिलेंस जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकार 510 बसों का टेंडर रद चुकी है। हाईकोर्ट ने इस मामले में ट्रांसपोर्टरों को छूट दी थी कि सरकार के इस आदेश को चुनौती दे सकते हैं।

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