Haryana Budget 2021: खुले खेत और किसान की खुशहाली के रास्ते, बजट में कृषि पर खास फोकस
Haryana Budget 2021 हरियाणाा के 2021-22 के बजट में कृषि और किसानों पर खास फोकस किया गया है। सीएम मनोहरलाल के बजट से राज्य में खेत और किसानाें की खुशहाली के रास्ते खुलेंगे। बजट में कृषि क्षेत्र के लिए दो नई योजनाएं भी शुरू की गई हैं।
चंडीगढ़, [पंकज आत्रेय]। Haryana Budget 2021: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आम बजट के टैबलेट से खेतीबाड़ी और किसानाें की खुशहाली के द्वार खोल दिए हैं। कृषि कानूनों के विरोध और न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग के विरोध में बार्डर पर बैठे किसानों को मुख्यमंत्री ने पिछले साल की तुलना में करीब 21 प्रतिशत ज्यादा राशि दी है। कृषि और इससे जुड़े उपक्रमों के लिए उन्होंने 6110 करोड़ रुपये का बजट पेश किया।
हर खेत होगा स्वस्थ खेत, किसान मित्र योजना होगी लागू
इसमें सबसे अधिक 2998 करोड़ रुपये कृषि एवं किसान कल्याण के लिए निर्धारित हैं। साथ ही 489 करोड़ रुपये बागवानी, 1225 करोड़ रुपये पशुपालन एवं डेयरी, 125 करोड़ रुपये मत्स्य पालन और 1274 करोड़ रुपये सहकारिता के लिए रखे गए हैं। किसान को सशक्त करने के लिए किसान मित्र योजना की शुरुआत की घोषणा की है। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों के सशक्तीकरण के लिए वित्तीय सेवाएं प्रदान की जाएंगी। राज्य में बैंकों की साझेदारी से एक हजार किसान एटीएम स्थापित किए जाएंगे, जिनमें किसानों को बैंकिंग से जुड़ी तमाम तरह की सुविधाएं दी जाएंगी।
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मुख्यमंत्री ने खुद को किसान के खाके में रख रची किसानी की समृद्धि की पटकथा
किसान की आमदनी और खेत की सेहत को लेकर बजट में मुख्यमंत्री ने संजीदगी जाहिर की है। इसके लिए उन्होंने 'हर खेत-स्वस्थ खेत' नाम से एक विशेष अभियान शुरु करने की घोषणा की। इससे खलिहानों की मिट्टी की सेहत को स्वस्थ रखने पर जोर दिया जाएगा। यह सुविधा मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकृत 9.14 लाख किसानों से शुरू होगी। इसमें तीन साल में राज्य की सभी कृषि भूमि को कवर कर लिया जाएगा। इसके लिए 17 नई स्थैतिक मृदा जांच प्रयोगशालाएं और 59 मिनी मृदा जांच प्रयोगशालाएं सरकारी भवनों और मंडियों में स्थापित की जाएंगी।
विद्यार्थियों को मिट्टी से जोड़ने की कवायद
मिट्टी से विद्यार्थियों को जोड़ने के लिए सरकार ने नई पहल की है। इसके तहत चालू वर्ष में 115 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों को मृदा जांच प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए चुना गया है। वर्ष 2021-22 में स्कूलों, कालेजों, तकनीकी विश्वविद्यालयों सहित अन्य शैक्षणिक संस्थानों में लगभग 125 प्रयोगशालाएं खोली जाएंगी। इसे विद्यार्थियों को अर्न व्हाइल लर्न स्कीम से जोड़ा जाएगा। क्षारीय और लवणीय मृदा के उपचार के लिए एक नया पोर्टल स्थापित किया जाएगा। वर्ष 2021-22 में कम से कम एक लाख एकड़ भूमि का सुधार किया जाएगा।
किसान उत्पादक संगठन बढ़ाने पर जोर
बजट में मुख्यमंत्री ने कृषि उत्पाद संगठनों यानि एफपीओ की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया है। प्रदेश में 31 मार्च 2021 तक 500 और मार्च 2022 तक इनकी संख्या दोगुणी करके एक हजार करने का लक्ष्य है।
धान का रकबा घटाएंगे, बढ़ेगी बागवानी
फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर व्यापक योजना तैयार की है। इसमें 100 कंप्रेस्ड बायोगैस और बायोमास प्लांट स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए धान उत्पादक गांवों की मैपिंग की जाएंगी। फसल विविधिकरण में 2021-22 के दौरान धान का रकबा दो लाख एकड़ तक कम करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही सरकार मक्का, सूरजमुखी, मूंग, चना और मूंगफली की खरीद की अपनी नीति को जारी रखते हुए फसलों का विविधिकरण के लिए प्रोत्साहन जारी रखेगी। तीन साल में जीरो बजट, जैविक और प्राकृतिक खेती का रकबा एक लाख एकड़ करने का लक्ष्य रखा गया है।
गन्नौर में अंतरराष्ट्रीय बागवानी मंडी का विस्तार
सरकार की राज्य स्तरीय कृषि उत्पादों के विपणन के लिए सोनीपत जिले के गन्नौर में 545 एकड़ में 1600 करोड़ रुपये से भारत अंतरराष्ट्रीय बागवानी मंडी स्थापित करने की योजना है। साथ ही पिंजौर में सेब मंडी, गुरुग्राम में पुष्प मंडी और सोनीपत के सेरसा में मसाला मंडी विकसित की जाएंगी। प्रदेश से कृषि उत्पाद निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कृषि निर्यात नीति तैयार कर ही है। हरियाणा कृषि उद्योग निगम लिमिटेड राज्य में पैकेज्ड, वीटा और अन्य खाद्य सामग्री का नेटवर्क स्थापित करने के लिए 22 जिलों में दो हजार रिटेल स्टोर और आउटलेट स्थापित करने जा रही है।
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