ओपी चौटाला बोले- दुष्यंत इनेलो में रहते तो CM बनते, जवाब मिला- मुख्यमंत्री बनाना था तो निकाला क्यों
ओम प्रकाश चौटाला ने कहा कि अगर दुष्यंत इनेलो में होते तो सीएम बनते। इसके जवाब में दुष्यंत ने कहा कि अगर सीएम बनाना था तो पार्टी से क्यों निकाला।
जेएनएन, भिवानी। फरलो पर जेल से बाहर आने के बाद से ही पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला का जननायक जनता पार्टी और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर हमला जारी है। भिवानी में भी ओमप्रकाश चौटाला ने इनेलो कार्यकर्ताओं से कहा कि जजपा और भाजपा की सरकार पांच साल तो क्या, पांच महीने भी नहीं चलेगी। मध्यावधि चुनाव तय है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से भावनात्मक अपील की कि जो कार्यकर्ता दूसरे दलों में चले गए हैं, उन्हें वापस बुलाने का प्रयास करें। यह भी दोहराया कि दुष्यंत इनेलो में ही रहता तो आज इनेलो की सरकार होती और वह उपमुख्यमंत्री नहीं, प्रदेश का मुख्यमंत्री होता।
जिलास्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सजा पूरी हो चुकी है, परंतु राजनीतिक कारणों के चलते उनके उन्हें जेल में रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में तीन ही पार्टी हैं। भाजपा व कांग्रेस से तो प्रदेशवासियों का विश्वास उठ चुका है और अब इनेलो ही एकमात्र विकल्प बचा है। उन्होंने दावा किया कि मध्यावधि चुनावों में इनेलो की सरकार बनेगी।
दुष्यंत ने कहा-मुख्यमंत्री बनाना था तो निकाला क्यों
उधर, लगातार तीन दिन से पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला का जुबानी प्रहार झेल रहे उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने शनिवार को पलटवार किया। वहीं भिवानी में ही मौजूद दादा ने भी पोते के सवालों का जवाब दे दिया। दोनों शनिवार को भिवानी में अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल होने आए थे।
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला शनिवार दोपहर भिवानी बार एसोसिएशन में पहुंचे तो पत्रकारों ने उनके दादा के बयान को सामने रखते हुए प्रतिक्रिया मांग ली। इस पर दुष्यंत ने कहा कि पार्टी से निकाला किसने था। मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाओं पर दुष्यंत ने कहा कि ये सरकार की सोच पर है। जब भी जरूरत होगी तो मंत्रिमंडल में विस्तार या बदलाव किया जाएगा, लेकिन फिलहाल सभी मंत्रियों का कामकाज सही है।
वहीं, शनिवार शाम पांच बजे पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला जाट धर्मशाला में पहुंचे। उन्होंने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि यदि हमने दुष्यंत को निकाला था तो उसकी कोई वजह होगी। उन्हें वजह के बारे में सोचना चाहिए। हालांकि दुष्यंत व दिग्विजय को पार्टी में वापस लेने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अब वो बात जा चुकी।
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