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ऑन-फार्म वाटर टैंक निर्माण को मिलेगी वित्तीय सहायता

कृषि और बागवानी फसलों में सूक्ष्म सिचाई के प्रयोग के लिए ऑन-फार्म वाटर टैंक निर्माण के लिए सरकार ने वित्तीय सहायता की नीति लागू की है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 08:59 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 08:59 PM (IST)
ऑन-फार्म वाटर टैंक निर्माण को मिलेगी वित्तीय सहायता
ऑन-फार्म वाटर टैंक निर्माण को मिलेगी वित्तीय सहायता

जागरण संवाददाता, पंचकूला : कृषि और बागवानी फसलों में सूक्ष्म सिचाई के प्रयोग के लिए ऑन-फार्म वाटर टैंक निर्माण के लिए सरकार ने वित्तीय सहायता की नीति लागू की है। इस नीति का उद्देश्य जलस्त्रोत का एकीकरण, वितरण और इसका कुशल उपयोग, उपयुक्त जल बचत, उपकरणों के माध्यम से पानी का सर्वोत्तम उपयोग करना, फसलों की आवश्यकता अनुसार जल प्रबंधन को बढ़ावा देना है। उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सभी उपायुक्त के साथ बैठक कर संबंधित जिलों में सूक्ष्म सिचाई योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। जिला पंचकूला में लगभग 60 हजार एकड़ कृषि योग्य भूमि है, जिसमें से 37 हजार ट्यूबवेल आधारित है और शेष 23 हजार एकड़ भूमि वर्षा पर आधारित है। पंचकूला जिले में भूमिगत जलस्तर अन्य जिलों की तुलना में बेहतर है, इसलिए सूक्ष्म सिचाई परियोजनाओं के तहत 100 एकड़ भूमि ली गई है। उपायुक्त ने नीति के अंतर्गत सामुदायिक व व्यक्तिगत पानी के टैंकों के लिए पात्रता का उल्लेख करते हुए कहा कि भूमि मालिकों को केवल सूक्ष्म सिचाई प्रणाली के उपयोग के लिए ऑन-फार्म पानी के टैंकों के निर्माण पर सहायता (सब्सिडी) प्रदान करने पर विचार किया जाएगा। चार या अधिक किसानों के समूह की ओर से निर्मित पानी के टैंक को सामुदायिक पानी के टैंक के रूप में माना जाएगा।

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उन्होंने कहा कि किसानों व किसानों के समूह किसी भी पंजीकृत या अनुमोदित वास्तुकार या कृषि विभाग के सहायक मृदा संरक्षण अधिकारी या सूक्ष्म सिचाई और कमान क्षेत्र विकास प्राधिकरण (मिकाडा) या किसी भी सरकारी विभाग के कार्यकारी अभियंता व सार्वजनिक उपक्रमों के सिविल इंजीनियर के माध्यम से पानी के टैंक का डिजाइन अनुमान तैयार करने के लिए स्वतंत्र है। इसी प्रकार वे अपने स्वयं के संसाधनों पर या किसी सरकारी विभाग व सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के माध्यम से पानी के टैंकों के निर्माण करवा सकते हैं। विनय प्रताप सिंह ने कहा कि जहां सुनिश्चित जलस्त्रोत उपलब्ध हैं, वहां पानी के टैंक के निर्माण पर किसान व किसान समूह सहायता प्राप्त करने के पात्र होंगे। स्प्रिंकलर, मिनी स्प्रिंकलर और ड्रिप जैसे सूक्ष्म सिचाई उपकरणों पर सहायता प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के निर्देश के साथ-साथ सरकार समय-समय पर संशोधित दिशानिर्देशों को लागू करने के अनुसार दी जाएगी।


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