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इनेलो कार्यकर्ताओं को इसी माह रिहाई की आस बंधा कर तिहाड़ जेल लौटे चौटाला

इनेलो के प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला तिहाड़ जेल लौट गए हैं। उन्‍होंने इनेलो कार्यकर्ताओं काे भरोसा दिलाया कि वह इसी माह जेल से बाहर आ जाएंगे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 04 Mar 2019 09:46 AM (IST)Updated: Mon, 04 Mar 2019 09:46 AM (IST)
इनेलो कार्यकर्ताओं को इसी माह रिहाई की आस बंधा कर तिहाड़ जेल लौटे चौटाला
इनेलो कार्यकर्ताओं को इसी माह रिहाई की आस बंधा कर तिहाड़ जेल लौटे चौटाला

चंडीगढ़, जेएनएन।  हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला तिहाड़ जेल लौट गए हैं। पिछले दिनों पेरोल पर वापस आए चौटाला जेल जाने से पहले इनेलो कार्यकर्ताओं को बड़ी उम्‍मीद दे गए। चौटाला पिछले डेढ़ दशक से सत्ता की बाट जोह रहे इनेलो कार्यकर्ताओं को मार्च में अपनी रिहाई की उम्मीद बंधा गए। चौटाला ने पंजाबी-जाट बेल्ट हांसी में जन अधिकार रैली के जरिए कार्यकर्ताओं में नया जोश पैदा किया। अब जेजेपी नेता अजय सिंह चौटाला तिहाड़ जेल से फरलो पर बाहर आएंगे।

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जन अधिकार रैली के जरिए पार्टी में फूंकी जान, वापस तिहाड़ लौटे

इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला को उम्मीद है कि दिल्ली सरकार मार्च में उनकी रिहाई की अनुमति प्रदान कर सकती है। यदि ऐसा नहीं होता तो वह दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। चौटाला ने हांसी में भरे पंडाल के बीच मार्च में अपनी रिहाई की संभावना जाहिर की। इसके बाद इनेलो कार्यकर्ता न केवल उत्साहित हैं, बल्कि अब घरों से बाहर भी निकल पड़े हैैं।

चौटाला ने मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान स्पष्ट कर दिया कि उनके लिए इनेलो ही परिवार है। उनके इस परिवार के लिए यदि घर के लोग भी बाधा बनते हैं तो वह उन्हें स्वीकार नहीं करेंगे। उनका इशारा साफ तौर पर अजय सिंह चौटाला, दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला को लेकर था।

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पूर्व मुख्यमंत्री चौटाला ने संकट के समय पार्टी के लिए वफादारी से काम करने का श्रेय अभय सिंह चौटाला, अशोक अरोड़ा और रामपाल माजरा के साथ-साथ पार्टी कार्यकर्ताओं को दिया है। उनका कहना है कि अभय ने उनकी उम्मीदों से भी कहीं अधिक बढ़कर संगठन को मजबूती से खड़ा किया। जेल जाने से पहले चौटाला यह साफ कर गए कि उनके रहते इनेलो में मुख्यमंत्री पद का कोई दूसरा दावेदार नहीं है। उनके बाद इसकी जिम्मेदारी अभय सिंह चौटाला की है।

नियमों और उम्र का हवाला देकर चौटाला की रिहाई के प्रयास

जेबीटी भर्ती मामले में 10 साल की सजा काट रहे चौटाला ने नियमों और उम्र का हवाला देते हुए अपनी रिहाई के लिए पहले तिहाड़ जेल अधीक्षक के पास आवेदन दिया था। वहां से सकारात्मक जवाब नहीं मिलने पर हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई। पिछले बुधवार हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को चौटाला की अर्जी पर विचार करने को कहा है। चौटाला 84 साल के हो चुके हैं। उन्हें 2013 में जेबीटी शिक्षक भर्ती मामले में 10 साल की सजा हुई थी। उन पर भ्रष्टाचार और इसके लिए साजिश रचने की धाराएं लगी थीं।

70 फीसदी दिव्यांगता और उम्र का मिलेगा लाभ

हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को चार सप्ताह में फैसला लेने को कहा है। ओमप्रकाश चौटाला के साथ उनके बेटे अजय चौटाला को 16 जनवरी 2013 को 10-10 साल की सजा हुई थी। केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार 70 फीसदी दिव्यांग होने के साथ यदि किसी की उम्र 60 साल से ज्यादा है और वह कोर्ट से मिली आधी सजा जेल में काट चुका है तो राज्य सरकार उसकी रिहाई के लिए विचार कर सकती है।

ओमप्रकाश चौटाला ने इन्हीं नियमों का हवाला देकर याचिका लगाई है। चौटाला दिव्यांग होने के साथ 84 साल के हो चुके हैं और आधी से ज्यादा सजा भी काट चुके हैं। नियमों में कहा कि यह माफी भ्रष्टाचार के मामले में नहीं होगी, लेकिन चौटाला भ्रष्टाचार के मामले में सात साल की सजा काट चुके हैं, जबकि दूसरी धाराओं की सजा और बाकी है, लेकिन वह भी आधे से ज्यादा समय की पूरी कर चुके हैं।

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