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Lockdown ने शुरू करवाई पुरानी परंपरा, किताबें आदान-प्रदान कर ऑनलाइन पढ़ेंगे बच्चे

Lockdown ने पुरानी परंपरा फिर से शुरू कर दी है। हरियाणा में आनलाइन पढ़ाई हो रही है। विद्यार्थी पुराने विद्यार्थियों की किताबों से पढ़ सकेंगे।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 12 Apr 2020 05:40 PM (IST)Updated: Sun, 12 Apr 2020 05:40 PM (IST)
Lockdown ने शुरू करवाई पुरानी परंपरा, किताबें आदान-प्रदान कर ऑनलाइन पढ़ेंगे बच्चे
Lockdown ने शुरू करवाई पुरानी परंपरा, किताबें आदान-प्रदान कर ऑनलाइन पढ़ेंगे बच्चे

जेएनएन, चंडीगढ़। लॉकडाउन के चलते हरियाणा के स्कूलों में किताबों की सप्लाई रूक गई है, जिसके चलते शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों में किताबों का आदान-प्रदान करवाना शुरू कर दिया है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने अधिकारिक रूप से स्वीकृति प्रदान कर दी है। नई कक्षाओं की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को जब तक नई किताबें नहीं मिलती तब तक वह पुरानी किताबों से पढ़ाई शुरू करेंगे।

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हरियाणा में शिक्षा विभाग द्वारा हर साल नया सत्र शुरू होने पर विद्यार्थियों को किताबें मुहैया करवाई जाती हैं। इस बार नए सत्र से पहले किताबों का प्रकाशन तो हो गया था, लेकिन जब तक यह किताबें जिला केंद्रों के माध्यम से स्कूलों तक पहुंचती तब तक लॉकडाउन शुरू हो गया। अब लॉकडाउन आगे बढऩे जा रहा है। प्रदेश के स्कूलों में दस अप्रैल को परिणाम घोषित होने के बाद विद्यार्थियों की नए सत्र के लिए पढ़ाई शुरू हो चुकी है।

अध्यापकों द्वारा विद्यार्थियों की ऑनलाइन पढ़ाई तो शुरू करवा दी गई है, लेकिन नए सत्र में किताबों की समस्या को देखते हुए शिक्षा विभाग ने नया तरीका अपनाया है। जिसके तहत करीब दो दशक पुरानी परंपरा को फिर से शुरू किया जा रहा है। शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों को सुझाव दिया है कि वह अपने गांव, मोहल्ले तथा आसपास के विद्यार्थियों के साथ संपर्क करके उनकी किताबें लेकर पढ़ाई शुरू करें। हरियाणा के अधिकतर जिलों में नई व पुरानी कक्षा के विद्यार्थियों का अनुपात एक समान है।

शिक्षा निदेशालय द्वारा प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों, जिला परियोजना समन्यवक, खंड शिक्षा अधिकारियों को जारी पत्र में कहा है कि प्रदेश के कुछ स्कूलों ने विद्यार्थियों में किताबों का आदान-प्रदान करवाकर पढ़ाई शुरू करवा दी है। हरियाणा की यह पुरानी परंपरा है। विद्यार्थी पहले ही तय कर लेते थे कि अगले सत्र में नई किताबों के बजाय किस विद्यार्थी से किताबें लेनी हैं। इस प्रणाली को विद्यार्थियों के हित में फिर से लागू किया जा सकता है। लॉकडाउन में किताबों के आदान-प्रदान से न केवल किताबों की समस्या का समाधान होगा, बल्कि पर्यावरण की भी मदद होगी।

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