हरियाणा में अफसर होंगे पावरफुल, मंत्रियों की शक्तियां बंटेंगी
हरियाणा में अफसरों की शक्तियां बढ़ेंगी अौर वे पावरफुल होंगे। वे अब किसी मामले पर स्वतंत्र निर्णय ले सकेंगे। इसके साथ ही मंत्रियों की शक्तियां बटेंगी।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में अफसर अब और पावरफुल होंगे। इसके साथ ही मंत्रियाें की शक्तियां बटेंगी। अफासरों को विकास कार्यों से जुड़े मामलों में खुद फैसले लेने की छूट होगी। जनहित के मसलों में लीक से हट कर भी अफसर निर्णय ले सकेंगे। इस काम में राज्य सरकार इनकी ढाल बनेगी।
सीएम ने निदेशक को सौंपे कुछ अधिकार, अब अन्य अफसरों की बारी
हिमाचल के परवाणु स्थित टिंबर ट्रेल में तीन दिन के चिंतन-मनन के बाद सरकार ने इस दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। शिविर के समापन के बाद मंत्रियों के साथ लौटे मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पिंजौर गार्डन में सरकार की मंशा से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि वह पिछले साल हरियाणा दिवस पर सीएलयू (भूमि उपयोग परिवर्तन) की पावर विभाग के निदेशक को सौंपकर कर इसकी शुरुआत कर चुके। पहले के मुख्यमंत्री सीएलयू की सभी फाइलें अपने पास मंगाते थे जिसमें व्यक्तिगत लाभ छिपे थे। अब ऐसा नहीं है।
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मुख्यमंत्री के अनुसार मंत्रियों की शक्तियों का भी विकेंद्रीकरण किया जाएगा। मंत्री को सात करोड़ और राज्य मंत्री को साढ़े पांच करोड़ वार्षिक की ग्र्रांट मिलती है। उसे जनहित में बांटना ठीक है, लेकिन बाकी मामलों में स्वैच्छिक कोटा प्रणाली को खत्म किया जाएगा।
मुख्यमंत्री के अनुसार अफसरों को साफ हिदायत है कि वह अपने से छोटे अफसरों पर विश्वास दिखा उन्हें भी फैसले लेने के अधिकार सौंपें। मनोहरलाल ने कहा कि सरकार का ध्येय सिर्फ आमजन के विकास एवं जन सेवा का है। इसलिए प्रशासनिक अधिकारी आमजन के हितों को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाएं। उनके जनहित में लिए गए हर फैसले के पीछे उनकी सरकार पूरी ताकत के साथ हमेशा खड़ी रहेगी।
पारदर्शिता से 850 करोड़ में बिका नौ एकड़ का प्लाट
मुख्यमंत्री ने कहा कि पावर हस्तांतरित करने के सकारात्मक परिणाम आए हैं। ऑनलाइन सिस्टम से भ्रष्टाचार घटा है। पिछले महीने गुरुग्राम में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने मल्टीनेशनल कंपनी आइकिया को नौ एकड़ का एक प्लाट 850 करोड़ रुपये में बेचा। खास बात ये कि कंपनी के ग्लोबल सीईओ या इंडिया के हेड या एक क्लर्क तक भी मुझसे मिलकर नहीं गया। इससे पहले की सरकारों में मोटा लेन-देन होता था।
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