मेडिकल कॉलेजों में अब प्लाज्मा थेरेपी से होगा कोरोना मरीजों का इलाज
हरियाणा के मेडिकल कॉलेजों में अब काेरोना मरीजाें का इलाज प्लाज्मा थेरेपी से होगा। आइसीएमआर ने राज्य में 11 मेडिकल कॉलेजोंं में इसकी अनुमति दे दी है।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में कोरोना संक्रमित लोगों का अब प्लाज्मा थेरेपी से भी उपचार होगा। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने इसके लिए प्रदेश सरकार को हरी झंडी दे दी है। सभी 11 मेडिकल कॉलेजों में मरीजों को यह सुविधा मिलेगी।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने दी हरी झंडी, सभी 11 मेडिकल कॉलेजों में मिलेगी सुविधा
गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सोमवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। महामारी से निपटने में अभी तक प्लाज्मा थेरेपी के नतीजे सकारात्मक रहे हैं। इस पद्धति में कोरोना से ठीक हो चुके एक व्यक्ति के शरीर से निकाले गए खून से कोरोना पीडि़त चार अन्य लोगों का इलाज किया जा सकता है।
अभी तक सकारात्मक रहे हैं प्लाज्मा थेरेपी के नतीजे
प्लाज्मा थेरेपी सिस्टम इस धारणा पर काम करता है कि जो मरीज किसी संक्रमण से उबर कर ठीक हो जाते हैं, उनके शरीर में वायरस के संक्रमण को बेअसर करने वाले प्रतिरोधी एंटीबॉडीज विकसित हो जाते हैं। इसके बाद मरीजों के खून में पुराने ठीक हो चुके लोगों का खून डालकर इन एंटीबॉडीज के जरिए शरीर में मौजूद वायरस को खत्म किया जा सकता है।
45 हजार से अधिक लोग निगरानी में
महामारी के चलते प्रदेश में 45 हजार से अधिक लोगों की निगरानी की जा रही है। अभी तक एक लाख से अधिक लोगों को सर्विलांस पर लिया गया है जिनमें से 58 हजार लोग निगरानी की अवधि पूरी कर चुके। दो लाख 53 हजार लोगों के सैंपल लिए गए थे जिनमें से दो लाख 34 हजार की रिपोर्ट निगेटिव आई है। करीब पांच हजार लोगों की सैंपल रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
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