Har Ghar Tiranga: हरियाणा में अब हर घर तिरंगा अभियान पर राजनीति, राशन डिपो के जरिये बिक्री पर घमासान
Har Ghar Tiranga हरियाणा में हर घर तिरंगा अभियान पर भी राजनीति शुरू हो गई है। राशन डिपो के जरिये तिरंगा बचेने पर राजनीतिक दलों में घमासान मच गया है। इसके बाद अब सीएम मनोहर लाल ने कहा है कि राशन डिपो पर जबरन तिरंगा नहीं दिया जा सकता है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Har Ghar Tiranga: देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 13 से 15 अगस्त तक मनाए जाने वाले हर घर तिरंगा अभियान को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के साथ ही इनेलो ने राशन डिपुओं पर गरीब लोगों को 20 से 25 रुपये में तिरंगा खरीदने पर मजबूर करने के आरोप जड़े हैं।
सीएम ने दिया जबरन झंडा नहीं देने का निर्देश, तिरंगा नहीं लेने पर सेवाओं से नहीं किया जा सकता वंचित
इस बीच करनाल सहित विभिन्न स्थानों पर डिपो धारकों द्वारा लोगों को तिरंगा खरीदने के लिए मजबूर करने की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने साफ कर दिया है कि किसी को जबरन झंडा नहीं दिया जा सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर घर तिरंगे के लिए स्वेच्छा से कोई भी तिरंगा ले सकता है। अगर कोई व्यक्ति तिरंगा नहीं लेता है तो उसकी किसी सेवा को नहीं रोका जा सकता। कोई भी संस्था हर घर तिरंगा फहराने की मुहिम में मदद करना चाहे तो स्थानीय उपायुक्त के माध्यम से संपर्क कर सकती है। उन्होंने सभी उपायुक्तों को सुनिश्चित करने को कहा है कि कहीं पर लोगों को जबरदस्ती तिरंगा न दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने इस अभियान को लेकर लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए हैं। करनाल जिले के हेमदा गांव में बिना तिरंगा लिए राशन नहीं देने के मामले में जिला खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले नियंत्रक द्वारा डिपो धारक के खिलाफ पहले ही कार्रवाई कर ली गयी है।
डिपो धारक की राशन की मासिक सप्लाई तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दी गई है। डिपोधारक दिनेश कुमार राशनकार्ड धारकों को जबरदस्ती झंडे दे रहा था और विभाग और सरकार को बदनाम कर रहा था। प्रदेश सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि पीडीएस सेंटर पर मिलने वाले तिरंगे केवल जनता की सुविधा के लिए हैं ताकि जिन्हें झंडा लेना हैं उन्हें गांव में ही यह मिल जाए और उन्हें कहीं दूर न जाना पड़े। झंडा लेने के लिए किसी को विवश नहीं किया जा सकता।
हुड्डा और चौटाला ने लगाया राशन की दुकानों में गरीबों को तिरंगा खरीदने को मजबूर करने का आरोप
वहीं, इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा कि सभी चाहते हैं कि आजादी का जश्न मनाएं। हमने भी 50 हजार झंडे सिरसा के उपायुक्त को दिए हैं। उन्होंने आरोप जड़ा कि इन्हीं झंडों को राशन डिपो के माध्यम से गरीब लोगों को 25 रुपये में जबरदस्ती बेचा जा रहा है। अगर कोई झंडा लेने से मना करता है तो उन्हें राशन नहीं दिया जा रहा। झंडे में लगने वाले डंडे के लिए आरा मशीन संचालकों से दो हजार से पांच हजार रुपये जबरदस्ती लिए जा रहे हैं।
इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सभी को तिरंगा फहराना चाहिए क्योंकि यह हमारी आन, बान और शान है। परंतु डिपो होल्डर के जरिए गरीबों को जबरदस्ती 20-20 रुपये में झंडे बेचना सरासर निंदनीय है। इस पर तुरंत रोक लगनी चाहिए।