अब हरियाणा लोकसेवा आयोग के चेयरमैन के लिए होगी लाबिंग, वर्तमान प्रधान कल होंगे रिटायर
हरियाणा लोकसेवा आयोग के चैयरमैन रंजीत कुमार पंचनंदा कल सेवानिवृत हो जाएंगे। इसके बाद अब राज्य में हरियाणा लोकसेवा आयोग चेयरमैन पद के लिए लॉबिंग तेज होगी। इस पद के लिए कई दावेदार हैं और वे इसके लिए पूरा जोर लगाएंगे।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) के चेयरमैन रंजीत कुमार पचनंदा का कार्यकाल बृहस्पतिवार को पूरा हो रहा है। पश्चिम बंगाल कैडर के 1983 बैच के रिटायर्ड आइपीएस अधिकारी पचनंदा आयोग के चेयरमैन पद पर मात्र सवा साल रह पाए हैं। इस पद पर कार्य करने के लिए उनकी आयु पूरी हो चुकी है। अब प्रदेश सरकार को एचपीएससी के चेयरमैन पद पर नई नियुक्ति करनी पड़ेगी। यह सरकार पर निर्भर करेगा कि आयोग में कार्यवाहक चेयरमैन नियुक्त किया जाएगा अथवा सरकार सीधे नियमित चेयरमैन की नियुक्ति प्रक्रिया को अंजाम देगी। अब इस पद के लिए राज्य में लॉबिंग तेज होगी।
मौजूदा चेयरमैन आरके पचनंदा का कार्यकाल कल होगा पूरा, सवा साल दी सेवाएं
आरके पचनंदा को 25 जुलाई 2019 को हरियाणा लोक सेवा आयोग का चेयरमैन नियुक्त किया गया था। फिलहाल आयोग में छह सदस्य कार्यरत हैं। नई नियुक्ति होने तक इनमें से किसी एक सदस्य को कार्यवाहक चेयरेमैन बनाने की संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता। आयोग में दो सदस्यों के पद सात माह से खाली पड़े हैं। सरकार ने अभी तक इन दोनों पदों को नहीं भरा है। अब सरकार चेयरमैन के साथ-साथ दो सदस्यों के पदों को भरने की प्रक्रिया भी शुरू कर सकती है।
आयोग में सदस्यों के दो पद सात माह से खाली, अफसरशाही और नेता हुए सक्रिय
हरियाणा सरकार द्वारा अब विद्युत विनियामक आयोग, सेवा का अधिकार आयोग तथा हरियाणा लोक सेवा आयोग के चेयरमैन पदों पर नियुक्ति की जानी है। हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग के चेयरमैन पद पर एक साल तक काम कर चुके पूर्व मुख्य सचिव डीएस ढेसी को सरकार मुख्यमंत्री का चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी नियुक्त कर चुकी है, जबकि सेवा का अधिकार आयोग के चेयरमैन अथवा चेयरपर्सन के लिए निवर्तमान मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा समेत आधा दर्जन रिटायर्ड आइएएस व आइपीएस अधिकारी अपनी दावेदारी जता रहे हैं।
विद्युत विनियामक आयोग तथा सेवा का अधिकार आयोग में भी बनने हैं चेयरमैन
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार के अनुसार राज्य लोक सेवा आयोग में चेयरमैन और सदस्यों का कार्यकाल नियुक्ति के छह वर्षों तक या उनकी आयु के 62 वर्ष पूरे होने तक (जो भी पहले हो) होता है। वर्ष 1976 से पहले यह आयु सीमा 60 वर्ष तक होती थी। पचनंदा को चेयरमैन नियुक्त हुए अभी सवा वर्ष ही हुआ है। उनकी जन्म तिथि 23 अक्टूबर 1958 है। इसलिए इस वर्ष 22 अक्टूबर को 62 वर्ष की आयु पूरी होने पर पचनंदा सेवानिवृत हो जाएंगे। अगर आयोग का कोई सदस्य नियमित चेयरमैन नियुक्त होता है तो उसे शपथ लेने से पूर्व सदस्य के तौर पर त्यागपत्र देना होता है, परंतु जुलाई 2013 में मनबीर भड़ाना ने ऐसा नहीं किया था।
एचपीएससी के कुल आठ सदस्यों में से दो सदस्यों के पद सात माह से खाली हैं। पिछली हुड्डा सरकार द्वारा एक मार्च 2014 को नीलम सिंह और राजेश वैद को आयोग का सदस्य लगाया गया था, जिनका छह साल का कार्यकाल इस वर्ष मार्च 2020 में पूरा हो गया। इनके स्थानों को अभी गठबंधन की सरकार ने नहीं भरा है। वर्ष 2008 में आयोग में सदस्यों की संख्या आठ से बढ़कर 12 कर दी गई थी, परंतु वर्ष 2012 में दोबारा संशोधन कर इस संख्या को आधा यानी छह कर दिया गया था। जून 2015 में भाजपा सरकार ने फिर से आयोग में सदस्यों की संख्या बढ़ाकर आठ कर दी है।