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हरियाणा में अब जमीन अधिग्रहण का खेल बंद, राज्‍य सरकार ने किसानों से सीधे खरीदी जमीन

हरियाणा में भूमि अधिग्रहण को लेकर चलने वाला खेल अब बंद हो गया है। हरियाणा सरकार ने इसके लिए बड़ा कदम उठाया है। राज्‍य सरकार ने सीधे किसानों से जमीन खरीदी है। इससे नई व्‍यवस्‍था की शुरूआत हुई है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 12:40 PM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 12:40 PM (IST)
हरियाणा में अब जमीन अधिग्रहण का खेल बंद, राज्‍य सरकार ने किसानों से सीधे खरीदी जमीन
हरियाणा सरकार के अब किसानों से सीधे जमीन खरीद रही है। (संकेतिक फोटो)

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रेवाड़ी में बनने वाले एम्स के लिए 200 एकड़ जमीन खरीदने को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके साथ ही सात अन्य परियोजनाओं के लिए सरकार ने जमीन खरीदने को मंजूरी दी है। सबसे बड़ी बात यह है कि इन विकास परियोजनाओं के लिए सरकार ने जमीन अधिगृहीत नहीं की, बल्कि राज्य सरकार द्वारा बनाए गए ई-भूमि पोर्टल पर उपलब्ध जमीन की खरीद की है।

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रेवाड़ी एम्स के लिए 200 एकड़ समेत आठ प्रोजेक्टों के लिए खरीदी गई जमीन

हरियाणा सरकार ने राज्य में जमीन अधिग्रहण पर रोक लगा रखी है। पिछली हुड्डा सरकार में जिस तरह जमीन अधिग्रहण और चेंज ऑफ लैंड यूज (सीएलयू) के खेल हुए, उनसे बचने के लिए मनोहर सरकार ने जमीन अधिग्रहण के बजाय उन्हें सीधे ई-पोर्टल के माध्यम से जमीन मालिकों से खरीदने का प्रविधान किया है। जमीन बेचने वाले व्यक्ति को अपनी जमीन, उसकी लोकेशन, आकार तथा रेट के बारे में ई-पोर्टल पर सूचना देनी होती है।

सरकार को यदि पसंद आएगी तो वह जमीन संबंधित रेट पर खरीद सकती है। यदि जमीन के मालिक ने रेट ज्यादा लगा रखे हैं तो उसका मोल-भाव करने के लिए जिले से लेकर राज्य स्तर तक कमेटियों का गठन किया गया है। इससे सरकार भी किसी पचड़े में नहीं पड़ती और जमीन की बिक्री करने वाला व्यक्ति भी खुश रहता है।

हाई पावर लैंड परचेज कमेटी की बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की मौजूदगी में मालिकों के कीमत पर सहमत होने पर इन जमीनों को खरीदने को मंजूरी दी गई है।

वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये संबंधित जिलों के डीसी और जमीन मालिक भी जुड़े। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि रेवाड़ी में बनने वाले एम्स के लिए 200 एकड़ जमीन को 40 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से खरीदने को कमेटी ने हरी झंडी दिखाई है। इस प्रोजेक्ट के लिए चिह्नित करने के लिए संबंधित उपायुक्त को उपलब्ध भूमि की डिटेल रिपोर्ट बनाकर भेजने को कहा गया।

इस पूरी जमीन की कीमत 800 करोड़ रुपये होगी। जमीन खरीदने की मंजूरी मिलने से हथीन में बाईपास बनने का रास्ता भी साफ हो गया। इससे हथीन को जाम से मुक्ति मिल सकेगी। कैथल जिले के राजौंद में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के लिए जमीन मालिकों ने सरकार द्वारा दी गई कीमत पर सहमति दी, जिसके बाद प्लांट के लिए जमीन खरीदने को मंजूरी दे दी गई।

कैथल, यमुनानगर, सिरसा, नूंह, पलवल और कुरुक्षेत्र जिलों के प्रोजेक्टों के लिए जमीनें खरीदी

यमुनानगर जिले में कलानौर से कैल तक फोरलेन सड़क बनाने के लिए आवश्यक भूमि की खरीद को हरी झंडी दी गई। कुरुक्षेत्र जिले के पिहोवा में बीबीपुर से चनलहेड़ी के बीच और सिरसा जिले में रानियां और कुतुबगढ़ के बीच बनने वाले पुल के लिए भी जमीन खरीदने को मंजूरी दे दी गई।

नूंह जिले के आकेरा गांव में यूनानी मेडिकल कालेज के लिए 580 मीटर की अप्रोच रोड के लिए जमीन खरीदने को मंजूरी प्रदान कर दी गई। इन सभी प्रोजेक्ट्स को बनाने के लिए जिन किसानों ने ई-भूमि पोर्टल पर अपनी जमीन का ब्योरा अपलोड किया था, उन्हीं से चर्चा और सहमति के बाद जमीन खरीद को मंजूरी दी गई। मीटिंग में सात प्रोजेक्टों के लिए 259.7 एकड़ जमीन को 116.41 करोड़ रुपये कीमत में खरीदने को हरी झंडी दी गई है।

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