नगर परिषद कालका की अधिसूचना जारी, लोगों के खिले चेहरे
कालका पिजौर में अब राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ने लगी हैं।
राजकुमार, कालका : पंचकूला नगर निगम से करीब 10 वर्षो के बाद बाहर हुए कालका, पिजौर में अब राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ने लगी हैं। क्योंकि अब सरकार ने कालका-पिजौर नगर परिषद की अधिसूचना जारी कर दी है। हालांकि कुछ पार्षद नगर परिषद बनाने का विरोध करते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात भी कर रहे हैं। लेकिन चाहे कुछ भी हो, फिलहाल लोगों में खुशी का माहौल देखने को मिला है। बता दें कि कालका, पिजौर की नगरपालिका और कुछ पंचायतों को शामिल करके 17 मार्च 2010 को पंचकूला नगर निगम का गठन किया गया था। सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना के बाद अब हम पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। मेरे साथ पांच अन्य पार्षद भी नगर परिषद बनाने के फैसले के विरुद्ध अपनी आवाज उठा रहे हैं। हम यही चाहते हैं कि कालका-पिजौर आदि को पंचकूला नगर निगम में ही रखा जाए। हमारी कोशिश रहेगी कि पिजौर एवं कालका नगर निगम में रहें, ताकि विकास पर असर न पड़े।
-सतिन्द्र टोनी, पूर्व पार्षद हमने पंचकूला नगर निगम को भंग करवाने के लिए संघर्ष किया था। क्योंकि निगम में लोगों को ज्यादा टैक्स देना पड़ता था। अब ज्यादा लोगों को प्रतिनिधित्व मिलेगा। निगम में कालका-पिजौर के छह पार्षद थे और अब परिषद में 31 पार्षद होंगे। अधिसूचना जारी होने के बाद अब परिषद के चुनाव का रास्ता भी साफ हो गया है।
-पूर्व चेयरमैन एडवोकेट विजय बंसल यह खुशी की बात है कि सरकार द्वारा कालका नगर परिषद की अधिसूचना जारी की गई है। हम सरकार का आभार व्यक्त करते हैं। सरकार का यह कालका-पिजौर के लिए सराहनीय कदम है। नगर परिषद बनने से लोगों की समस्याओं का जल्द समाधान होगा।
-अजय अग्रवाल नगर परिषद बनने से अब लोगों को कई तरह से राहत मिलेंगी। पहले लोगों को अपने कार्यो के लिए पंचकूला की दौड़ लगानी पड़ती थी। इसके अलावा अब दोनों ही शहरों में ज्यादा विकास कार्य होने की उम्मीदें भी प्रबल हो गई हैं। इसके लिए सरकार का धन्यवाद करते हैं।
-मुकेश अरोड़ा