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मोरनी के सरकारी स्कूलों में नहीं टीचर, कैसे आएगा बेहतर परिणाम

मोरनी खंड के स्कूलों में स्टाफ की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Nov 2019 04:27 PM (IST)Updated: Tue, 12 Nov 2019 06:33 AM (IST)
मोरनी के सरकारी स्कूलों में नहीं टीचर, कैसे आएगा बेहतर परिणाम
मोरनी के सरकारी स्कूलों में नहीं टीचर, कैसे आएगा बेहतर परिणाम

धर्म शर्मा, मोरनी : मोरनी खंड के स्कूलों में स्टाफ की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। मार्च माह में परीक्षा होने वाली है और पांच माह से कम अंतराल में बिना अध्यापकों के छात्र एग्जाम की तैयारी कैसे करें। ये प्रश्न छात्रों व अभिभावकों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है। मोरनी खंड के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कोटी में कई विषयों के अध्यापक नहीं हैं। अध्यापकों के बिना परीक्षा परिणाम कैसे सुधरेगा, स्कूल प्रबंधन व अध्यापकों को इसकी काफी चिता है। अध्यापकों की कमी के कारण कोटी विद्यालय के लगभग 200 छात्रों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है। कोटि स्कूल में वर्तमान में इंग्लिश लेक्चरर, केमिस्ट्री लेक्चरर, ड्राइंग पढ़ाने वाला अध्यापक तथा छठी से आठवीं तक हिदी व संस्कृत अध्यापक, पीटीआइ, नौवीं से बारहवीं के डीपी का पद खाली है। इस स्कूल में इंग्लिश पढ़ाने वाले अध्यापक गोशाला आयोग के चेयरमैन के सचिव का कार्य देख रहे हैं। विद्यालय में केमिस्ट्री की अध्यापिका चाइल्ड केयर लीव पर हैं। इस स्कूल में अध्यापकों की कमी के चलते अब अभिभावक अपने बच्चों को साथ लगते हिमाचल के लगभग पांच किलोमीटर दूर स्कूल में भेजने की सोचने लगे हैं क्योंकि वहां सभी विषयों के अध्यापक हैं। मॉडल स्कूल बनाने का दिया था आश्वासन

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हरियाणा की पूर्व भाजपा सरकार में शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने कोटि स्कूल को आदर्श विद्यालय बनाने का आश्वासन दिया था और स्कूल में स्टाफ पूरा करने के निर्देश भी अधिकारियों से अपने विद्यालय दौरे के दौरान दिए थे। इसके लिए लगभग दो करोड़ रुपये बजट का प्रावधान करने के लिए निदेशक राज्य परियोजना कार्यालय को भी पत्र लिखा गया था। इसके अलावा स्कूल के छात्रों के लिए अलग से सरकारी बसें चलाने की बात भी की थी। मगर न तो मॉडल स्कूल बनाने की दिशा में कोई कार्रवाई हुई और न ही स्टाफ की कमी पूरी की गई। कोटि विद्यालय की तरह ही मोरनी के कई सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में भी स्टाफ की कमी है। राजकीय वरिष्ठ माध्यामिक विद्यालय मांधना में संस्कृत, ड्राइंग, पीजीटी कंप्यूटर साइंस, ईएसएमएच के पद काफी समय से खाली पड़े हैं। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल ठंडोग में प्रधानाचार्य का पद खाली है। उनके स्थान पर वरिष्ठ अध्यापक पढ़ाई व प्रबंधन का कार्य कर रहे हैं। इसके साथ ही कंप्यूटर साइंस व इतिहास लेक्चरर का पद भी खाली पड़ा है। खंड के राजकीय वरिष्ठ विद्यालय बालदवाला में प्रिसिपल का पद खाली है। इस विद्यालय में भी अध्यापकों पर ही स्कूल की व्यवस्थाएं देखने का भार है। स्कूलों में सरकारी कार्य करने के लिए व रिकॉर्ड इत्यादि मेंटेन करने के लिए सहायक स्टाफ की आवश्यकता होती है। मोरनी खंड के अधिकतर स्कूलों में सहायक स्टाफ की काफी कमी है। मोरनी खंड के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक भूड़ी, टिक्करताल, धामण, मांधना व ठंडोग में क्लर्क के पद खाली हैं। इन स्कूलों में छात्रों का रिकॉर्ड व अन्य सरकारी कार्य करने के लिए अध्यापक ही पढ़ाई का कार्य छोड़कर क्लेरिकल कार्य करते हैं। विद्यालयों की सुरक्षा है रामभरोसे

खंड के कई स्कूलों में विद्यालय की देखरेख करने के लिए नाइट वॉचमैन नहीं हैं। जिससे कोई भी शरारती तत्व स्कूल रिकॉर्ड को क्षति पहुंचा सकता है। राजकीय विद्यालय कोटि, मोरनी, टिक्करताल, धामण व मांधना ऐसे विद्यालय हैं जहां स्कूलों की सुरक्षा रामभरोसे है। इन विद्यालयों में सरकार की ओर से कोई चौकीदार नहीं लगाया गया है। इसके साथ ही कई विद्यालयों में स्वीपर, माली व पीयून के पद भी खाली हैं। कोटी स्कूल के डेपुटेशन पर चल रहे अध्यापक को वापस भेजने के लिए विभाग को पत्र लिखा हुआ है। इसके अतिरिक्त रीइम्प्लायमेंट के लिए भी अध्यापकों से कहा गया है। कुछ पद ट्रांसफर के बाद भी भरे जा सकते हैं। क्लेरिकल, स्वीपर व चौकीदार के खाली पद नई भर्ती होने पर ही भरे जा सकते हैं।

-हरमेंद्र सैनी, जिला शिक्षा अधिकारी


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