हिसा में राम रहीम को आरोपित बनाने का औचित्य नहीं
मामले में गुरमीत राम रहीम सिंह को आरोपित बनाने का कोई औचित्य नहीं बनता।
जागरण संवाददाता, पंचकूला : 25 अगस्त 2017 को पंचकूला में हुई हिसा के मामले में गुरमीत राम रहीम सिंह को आरोपित बनाने का कोई औचित्य नहीं बनता। इस मामले में निचली अदालतों द्वारा आरोप तय कर दिए गए हैं और अदालतों में ट्रायल चल रहे हैं। कई मामलों में आरोपित बरी हो चुके हैं। यह जबाव हरियाणा सरकार की ओर से पंचकूला जिला अदालत में राम रहीम के पूर्व ड्राइवर खट्टा सिंह की याचिका पर दायर किया है। खट्टा सिंह ने कहा था कि पंचकूला में हिसा राम रहीम के इशारों पर हुई थी। मंगलवार को एक याचिका लगाकर कहा गया कि आइपीएस केके राव जोकि आइआरबी से थे, वह 25 अगस्त 2017 को ट्रायल कोर्ट में खड़े थे कि उन्होंने मीडिया को बयान दिया था जिसे हाई कोर्ट में हरियाणा पुलिस ने भी माना था लेकिन आज तक उनके 161 का बयान नहीं करवाए गए। लाल बैग का मतलब हिसा करवाना था
केके राव ने कहा कि जब राम रहीम को सजा हो गई थी तो उसने एक लाल बैग मंगवाया था जिसका इशारा था कि हिसा करो। इसके बाद जब उसे सजा के बाद नीचे लाया जा रहा था तो वह बार-बार पौडि़यों में रुक रहा था ताकि उसे भगाने वाले तैयार हो जाएं। उसे ले जाने के लिए स्कॉर्पियो भी बदल दी गई थी। कमांडो ने लगा दी थी जैमर
उसी दौरान बाबा के अनुयायी और कमांडो ने एक जैमर कार लगा दी थी ताकि बाबा को भगा सकें। इस एस्केप के मामले में बाकी लोगों पर तो केस दर्ज हो गया था। लेकिन बाबा को आरोपित नहीं बनाया। इसलिए खट्टा सिंह ने केके राव के धारा 161 के बयान करवाने की मांग की है। मामले की अगली सुनवाई अब 20 मार्च को होगी।