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हरियाणा में क्लास थ्री और फोर की नौकरियों में इंटरव्यू खत्म

हरियाण्‍ाा की मनोहरलाल सरकार ने राज्‍य में तीसरी और चौथी श्रेणी के कर्मचारियों की भर्ती में इंटरव्‍यू समाप्त कर दिया है। इस संबंध में सरकार ने कैबिनेट की बैठक में फैसला किया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 14 Sep 2017 09:31 AM (IST)Updated: Thu, 14 Sep 2017 09:31 AM (IST)
हरियाणा में क्लास थ्री और फोर की नौकरियों में इंटरव्यू खत्म
हरियाणा में क्लास थ्री और फोर की नौकरियों में इंटरव्यू खत्म

जेएनएन, चंडीगढ़ : हरियाणा की मनोहर सरकार ने सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार खत्म करने और पारदर्शिता के लिए बड़ा फैसला किया है। इसके तहत केंद्र की तर्ज पर हरियाणा में भी तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की सरकारी नौकरियों में इंटरव्यू सिस्टम खत्म कर दिया गया है। अब कोई राजनेता भर्ती में मनमानी नहीं कर सकेगा। केंद्र सरकार यह फैसला पहले ही कर चुकी है। वहीं गुजरात, पंजाब, उत्तर प्रदेश व हिमाचल प्रदेश की सरकारें भी नौकरियों में इंटरव्यू सिस्टम खत्म कर चुकी हैैं। हालांकि सबसे पहले यह निर्णय गुजरात सरकार ने लिया था।

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 अब लिखित परीक्षा में मेरिट के आधार पर ही मिलेंगी नौकरियां

केंद्र सरकार की ओर से राज्यों पर तीसरी व चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में इंटरव्यू सिस्टम खत्म करने का लगातार दबाव बनाया जा रहा था। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में एकमत से इस पर सहमति बन गई। भाजपा कोर ग्र्रुप और मंत्री समूह की साप्ताहिक बैठकों में भी इस पर पूर्व में चर्चा हो चुकी थी।

अभी तक यह था नौकरियों में इंटरव्यू का फार्मूला

क्लास थ्री और क्लास फोर की सरकारी नौकरियों में लिखित परीक्षा व इंटरव्यू का अनुपात अभी तक 100-12 का था। यानी 100 नंबर की परीक्षा में 88 अंक लिखित परीक्षा के और 12 अंक इंटरव्यू के होते थे। फिलहाल चल रही कंडक्टर की भर्ती प्रक्रिया में यह अनुपात 200-25 का है। यानी लिखित परीक्षा में 175 अंक लाने होंगे और 25 अंक इंटरव्यू के होंगे।

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तृतीय श्रेणी की नौकरियों में पुलिस व शिक्षक भी शामिल

हरियाणा में तृतीय श्रेणी की नौकरियों में पुलिस कर्मियों के साथ-साथ शिक्षक भी आते हैं। इन दोनों श्रेणी के अलावा ड्राइवर, कंडक्टर, पटवारी, टीजीटी, जेबीटी, सीएंडवी और इनके  समकक्ष तृतीय श्रेणी की नौकरियों में माने जाते हैं।

चतुर्थ श्रेणी में चपरासी व चौकीदार

राज्य में चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों के दायरे में चपरासी, चौकीदार, माली, बेलदार और हेल्पर आते हैं।

वर्ष 1995 के बाद से चतुर्थ श्रेणी की नियमित भर्ती नहीं

हरियाणा में वर्ष 1995 के बाद से चतुर्थ श्रेणी की कोई भी नियमित भर्ती नहीं हो पाई है। पिछली हुड्डा सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के अंतिम समय में भर्ती निकाली थी, मगर भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के बाद उसे निरस्त कर दिया था।

दोनों श्रेणी के 2.40 लाख कर्मचारियों की जरूरत

प्रदेश में अभी चतुर्थ श्रेणी के 40 हजार पद और तृतीय श्रेणी के करीब दो लाख पद खाली हैं। हालांकि सरकार ने तृतीय श्रेणी के इतने पद रिक्त नहीं माने हैं, लेकिन बढ़ती आबादी व कर्मचारियों के काम के बोझ के अनुसार दो लाख तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की जरूरत है।

पहले से चल रही भर्ती प्रक्रिया में फैसला लागू नहीं

हरियाणा राज्य कर्मचारी चयन आयोग द्वारा तृतीय श्रेणी के जिन पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है, उन पर यह फैसला लागू नहीं होगा। भविष्य में आयोग तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के जितने भी पदों के लिए विज्ञापन जारी करेगा, उन सभी में इंटरव्यू प्रणाली लागू नहीं होगी।

इंटरव्यू सिस्टम में होता था खेल, धड़ाम से गिर जाती थी मेरिट

इंटरव्यू सिस्टम में बहुत बड़ा खेल होता था। उदाहरण के लिए यदि किसी अभ्यर्थी ने लिखित परीक्षा में 80 नंबर हासिल किए हैैं और इंटरव्यू में उसे मात्र 5 नंबर ही मिल पाए तो उसके कुल 85 नंबर हुए। वहीं यदि किसी अभ्यर्थी ने लिखित परीक्षा में 65 नंबर हासिल किए और इंटरव्यू में उसे 25 नंबर मिल गए तो उसे 90 अंक मिले। इसलिए लिखित परीक्षा पास करने के बावजूद संबंधित अभ्यर्थी को नौकरी नहीं मिल पाती थी।

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'' हमने इंटरव्यू सिस्टम खत्म कर दिया है। तृतीय श्रेणी की नौकरियों में शैक्षणिक स्टाफ और शिक्षक भी आते हैं। यह बड़ा महत्वपूर्ण निर्णय है। हजारों लिपिक, माली व अन्य काम करने वाले लोगों को बिना किसी सिफारिश के मेरिट के आधार पर नौकरियां मिलेंगी।

                                                                                       - प्रो. रामबिलास शर्मा, शिक्षा मंत्री, हरियाणा।

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