ई-पंचायत का विरोध कर रहे नौ ग्राम सचिव सस्पेंड, चार्जशीट की तैयारी
हरियाणा सरकार ने ई पंचायत का विरोध कर रहे नौ ग्राम सचिवाें को निलंबित कर दिया है। सरकार ने अभी और कार्रवाई के भी संकेत दिए हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़। ई-पंचायत को लेकर सरपंचों के साथ मिल सरकार को आंख दिखाना ग्राम सचिवों को भारी पडऩे लगा है। प्रदेश सरकार ने आंदोलनकारियों के खिलाफ सख्ती दिखाते हुए नौ ग्राम सचिवों को सस्पेंड कर दिया। इन सभी ग्राम सचिवों को चार्जशीट करने की भी तैयारी है।
निलंबित ग्राम सचिवों में रोहतक के नरेश धनखड़, हिसार के अजीत सिंह, सांपला के कुलदीप, नरवाना के सतपाल सिंह, सफीदों के सुलतान सिंह, सोनीपत के अशोक खत्री, भूना के नरेंद्र, मोरनी के महेश व नूंह के तौफीक अहमद शामिल हैं। सस्पेंड ग्राम सचिवों को हेड क्वार्टर में भेज दिया गया है। निलंबन के पहले छह महीनों के दौरान ग्राम सचिवों को आधी सैलरी अथवा भत्ते ही मिल पाएंगे। निलंबन इससे अधिक समय के लिए बढ़ा तो सैलरी अथवा भत्तों के मामलों पर पुनर्विचार किया जाएगा।
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इससे पहले आंदोलनकारी सरपंचों व ग्राम सचिवों की बुधवार को सरकार के साथ कुछ मुद्दों पर सहमति बन गई थी, लेकिन उसके तुरंत बाद कुछ नेता नाराज हो गए और आंदोलन को जारी रखने का एेलान कर दिया था। सभी ब्लॉक दफ्तरों में ताले लगाकर कामकाज को तब तक ठप करेंगे जब तक सरकार उनकी मांगों को मान नहीं लेती।
इसके बाद ड्रामे को संभालते हुए सरकार जब पूरा मामला पटरी पर लाई तो एक बार लगा कि सब कुछ ठीक हो गया है। लेकिन, बृहस्पतिवार को दिनभर चली गतिविधियों पर सरकार की पूरी नजर रही और शाम ढलते-ढलते नौ ग्राम सचिवों को निलंबित करने का सख्त फैसला ले लिया गया।
मुख्यमंत्री ने जाहिर कर दिए थे तेवर
धरने पर बैठे ग्राम सचिवों और सरपंचों की हठधर्मिता पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल पहले ही नाखुशी जता चुके थे। अंबाला दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री ने संकेतों में सरकार का रुख साफ कर दिया था। उन्होंने कहा कि योजना का वही लोग विरोध कर रहे हैं, जो घोटाला करना चाहते हैं। जिस तरह जीएसटी की शुरुआती कठिनाईयों को बाद में दूर कर दिया गया, उसी तरह ई-पंचायत योजना में जो भी थोड़ी-बहुत कंप्यूटर ज्ञान न होने की समस्या आएगी। दो-चार महीने में यह समस्या ठीक हो जाएगी। ई-पंचायत से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।
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सीएम हाउस में इसपर बनी थी सहमति
मुख्यमंत्री निवास पर दोनों पक्षों के बीच लंबी बातचीत में ई-पंचायत प्रणाली के इमरजेंसी क्लॉज को लेकर समीक्षा हुई थी और सरकार सरपंचों को सरकारी पंचायत में कैश इन हैंड रखने की सुविधा देने को राजी हो गई। इसके अलावा ई-पंचायत प्रणाली के कुछ बिंदुओं पर खड़े अवरोध को दूर करने के लिए सरकार ने कुछ समय मांगा। इस दौरान सरपंचों को बताया गया कि पंचायत प्रणाली राष्ट्रीय स्तर पर लागू होने के कारण हरियाणा में भी इसे लागू करना जरूरी है। इस दौरान ई-पंचायत प्रणाली के सरलीकरण किए जाने के मुद्दे पर भी लंबा मंथन हुआ।