यहां बिछेगा नया रेल ट्रैक, दिल्ली को बाइपास कर पंजाब-हिमाचल और चंडीगढ़ पहुंचेंगी ट्रेनें
वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे कहे जाने वाले केएमपी एक्सप्रेस-वे की तर्ज पर हरियाणा अब नया रेल ट्रैक बिछाएगा, जिससे ट्रेनें बगैर दिल्ली में दाखिल हुए दूसरे राज्यों तक पहुंचेंगी।
जेएनएन, चंडीगढ़। वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे कहे जाने वाले केएमपी (कुंडली-मानेसर-पलवल) एक्सप्रेस-वे की तर्ज पर हरियाणा अब नया रेल ट्रैक बिछाएगा, जिससे ट्रेनें बगैर दिल्ली में दाखिल हुए दूसरे राज्यों तक पहुंचेंगी। परियोजना सिरे चढऩे से न केवल झज्जर से गुरुग्राम-फरीदाबाद, सोहना और पलवल आपस में सीधे रेलमार्ग से जुड़ जाएंगे, बल्कि चंडीगढ़ पहुंचना भी आसान होगा।
पानीपत से पलवल में असावटी तक 95 किलोमीटर नई रेल लाइन को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंजूरी दे दी है। दिल्ली को बाइपास करते हुए यह रेलमार्ग रोहतक-झज्जर-फरुखनगर-पटली-मानेसर-सोहना से गुजरेगा। हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रेक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एचआरआइडीसी) इस परियोजना को सिरे चढ़ाएगा। नई रेल लाइन से फरीदाबाद, बल्लभगढ़, पलवल और गुरुग्राम के लिए चंडीगढ़ समेत सभी जिलों से सीधी कनेक्टिविटी मिल जाएगी। इससे गुरुग्राम से चंडीगढ़ तक के लिए शताब्दी जैसी रेलगाड़ियां चलाने में आसानी होगी।
मौजूदा समय में गुरुग्राम, फरीदाबाद, बल्लभगढ़ और पलवल के लिए दिल्ली से गुजरने वाला रेल नेटवर्क औद्योगिक विकास के लिए बहुत बड़ी बाधा है। प्रस्तावित नई रेल लाइन से राज्य के आर्थिक विकास के एक नए युग का सूत्रपात होगा। मार्ग का मुख्य हिस्सा रेलवे नेटवर्क पर पहले ही मौजूद है और केवल मिसिंग लिंक उपलब्ध कराने की जरूरत होगी। नया प्रोजेक्ट दिल्ली रेल नेटवर्क की भीड़ को कम करेगा और पर्यावरण की दृष्टि से भी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए फायदेमंद रहेगा।
ऐसे काम करेगा प्रोजेक्ट
पानीपत से झज्जर वाया रोहतक का रेलमार्ग पहले से ही मौजूद है। प्रस्तावित प्रोजेक्ट के तहत झज्जर को 30 किलोमीटर नई रेल लाइन बिछाकर फरुखनगर से जोड़ा जाएगा। फरुखनगर से गढ़ी हरसरू और पटली तक रेलवे लाइन मौजूद है। पटली से असावटी तक करीब 60 किमी रेल ट्रैक का निर्माण कराया जाएगा जो मानेसर और सोहना से गुजरेगा। इसके अलावा गढ़ी हरसरू, पटली और असावटी रेलवे स्टेशनों पर वाई-कनेक्शन का प्रावधान किया जाएगा।
मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क के लिए फायदेमंद
नई परियोजना से क्षेत्र में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क (एमएमएलपी) की नई ग्रीनफील्ड परियोजनाएं विकसित होने के रास्ते खुलेंगे। यह मार्ग तुगलकाबाद के प्रमुख कांकोर डिपो के लिए हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और गुजरात राज्यों के विभिन्न स्थलों के लिए सीधी कनेक्टिविटी (दिल्ली से गुजरे बिना) की सुविधा प्रदान करेगा।
यह असावटी में डीएफसी (डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर) को कनेक्टिविटी भी देगा जो पूरे हरियाणा से समर्पित फ्रेट कॉरिडोर कारपोरेशन ऑफ इंडिया (डीएफसीसीआइएल) तक यातायात के आवागमन की सुविधा देगा। ऐसे में परियोजना को पूरा करने के लिए कांकोर, डीएफसीसीआइएल और एचएसआइआइडीसी जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को एचआरआइडीसी के साथ साझेदार के रूप में शामिल किया जा सकता है।